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शिमला ! अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के गैरजिम्मेदाराना रवैया पर चिंता व्यक्त करती है,आज कोरोना महामारी से शैक्षणिक क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुआ है ।वहीं जहां प्रदेश भर में स्कूल व कॉलेज खुल गए हैं लेकिन हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के छात्र अपनी बहुमंजिला पुस्तकालय से अपनी पढाई के लिए एक किताब तक नहीं ले सकता ।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष विशाल सकलानी ने प्रैसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय अनेकों समस्याओं का अड्डा बनकर रह गया है । आज विश्वविद्यालय बन्द हुए करीब एक साल बीत चुका है , जहां प्रदेश भर में स्कूल व कॉलेज छात्रों के लिए खुल चुके हैं ,लेकिन अभी तक हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को खोलने को लेकर कोई निर्णय विश्वविद्यालय की ओर से नहीं लिया गया है, एक अधिसूचना पुस्तकालय को खोलने को लेकर जारी तो होती है किन्तु कब पुस्तकालय खुलेगा इस बारे में कोई जानकारी विश्वविद्यालय के द्वारा नहीं दी गई है। करीब एक साल बीतने को है लेकिन अभी तक छात्रों के लिए विश्वविद्यालय को नहीं खोला गया और न ही अभी तक किसी छात्र को पुस्तकालय से पढ़ाई हेतु किताब लेने की अनुमति दी जाती है । बात समय पर पीजी परीक्षा परिणाम निकालने की हो या आईसीडीओल में दाखिले करने की या गैर शिक्षक भर्तियों की,हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन हर छोर पर छात्र हितों को सर्वोपरि रखने में असफल रहा है।विश्वविद्यालय की नाकामी के कारण आज अनेकों छात्र पीजी परिणाम घोषित न होने के कारण पीएचडी के फॉर्म नहीं भर पाए हैं ।हाल ही में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा एक याचिका पर सुनवाई करते हुए फैंसला आता है जिसमें बिना प्रवेश परीक्षा पीजी में दाखिलों को गैरकानूनी करार दिया गया और सम्बन्धित अधिकारियों पर कार्यवाही करने का आदेश न्यायालय द्वारा दिया जाता है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ऐसे अधिकारियों का संरक्षण करने में लगा है जो बेहद निंदनीय है ।वहीं अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन पीजी परीक्षा परिणाम निकालने में असफल रहा है,बात करें आईआईसीडीओल में दाखिलों की तो एक साल बीत जाने के बाद भी आइसीडीओल में दाखिले शुरू नहीं हो पाएं है । विशाल सकलानी ने कहा कि गैर शिक्षक भर्तियो के लिए आवेदन लिए हुए एक वर्ष बीत गया है लेकिन अभी तक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है, वहीं जिन बीबीए/ बी सी एके छात्रों को प्रमोट किया गया अभी तक उनके परिणाम विश्वविद्यालय अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने में असमर्थ रहा है।वहीं विश्वविद्यालय के बेकार इआरपी प्रणाली जो करोड़ों रुपए पर ठेके पर दी हुई है लेकिन आए दिन अनेकों समस्याएं इस प्रणाली में गडबड के कारण आ रही है। वहीं बीबीए/बी सी ए के छात्रों गोल्डन चांस के नाम पर 20000 वसूलने की अधिसूचना विश्वविद्यालय जारी करता है जो 16 दिसम्बर को गोल्डन चांस की अधिसूचना के विरुद्ध है जिसमे 5000₹ प्रति सेमेस्टर में गोल्डन चांस के परीक्षा फॉर्म भरे गए , विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों का शोषण कर पैसा ऐंटने का काम रहा है और अभाविप इसका पुरजोर विरोध करती है । उन्होंने कहा कि सभी छात्रों के लिए विश्वविद्यालय व पुस्तकालय को शीघ्र खोला जाए , उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार प्रवेश परीक्षा के बिना पीजी दाखिले करने का फैंसला लेने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही हो , आईसीडियोल में दाखिले शीघ्र हो , विश्वविद्यालय के ERP प्रणाली को सुदृढ़ किया जाए, BBA/BCA के प्रमोट किए छात्रों का परिणाम शीघ्र अपडेट किया जाए, 2 फ़रवरी की 20000₹ प्रति सेमेस्टर गोल्डन चांस वाली अधिसूचना विश्वविद्यालय वापिस ले अन्यथा अभाविप छात्रों को लामबंद करते हुए उग्र आंदोलन करेगी।
शिमला ! अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के गैरजिम्मेदाराना रवैया पर चिंता व्यक्त करती है,आज कोरोना महामारी से शैक्षणिक क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुआ है ।वहीं जहां प्रदेश भर में स्कूल व कॉलेज खुल गए हैं लेकिन हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के छात्र अपनी बहुमंजिला पुस्तकालय से अपनी पढाई के लिए एक किताब तक नहीं ले सकता ।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष विशाल सकलानी ने प्रैसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय अनेकों समस्याओं का अड्डा बनकर रह गया है ।
आज विश्वविद्यालय बन्द हुए करीब एक साल बीत चुका है , जहां प्रदेश भर में स्कूल व कॉलेज छात्रों के लिए खुल चुके हैं ,लेकिन अभी तक हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को खोलने को लेकर कोई निर्णय विश्वविद्यालय की ओर से नहीं लिया गया है, एक अधिसूचना पुस्तकालय को खोलने को लेकर जारी तो होती है किन्तु कब पुस्तकालय खुलेगा इस बारे में कोई जानकारी विश्वविद्यालय के द्वारा नहीं दी गई है। करीब एक साल बीतने को है लेकिन अभी तक छात्रों के लिए विश्वविद्यालय को नहीं खोला गया और न ही अभी तक किसी छात्र को पुस्तकालय से पढ़ाई हेतु किताब लेने की अनुमति दी जाती है ।
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बात समय पर पीजी परीक्षा परिणाम निकालने की हो या आईसीडीओल में दाखिले करने की या गैर शिक्षक भर्तियों की,हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन हर छोर पर छात्र हितों को सर्वोपरि रखने में असफल रहा है।विश्वविद्यालय की नाकामी के कारण आज अनेकों छात्र पीजी परिणाम घोषित न होने के कारण पीएचडी के फॉर्म नहीं भर पाए हैं ।हाल ही में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा एक याचिका पर सुनवाई करते हुए फैंसला आता है जिसमें बिना प्रवेश परीक्षा पीजी में दाखिलों को गैरकानूनी करार दिया गया और सम्बन्धित अधिकारियों पर कार्यवाही करने का आदेश न्यायालय द्वारा दिया जाता है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ऐसे अधिकारियों का संरक्षण करने में लगा है जो बेहद निंदनीय है ।वहीं अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन पीजी परीक्षा परिणाम निकालने में असफल रहा है,बात करें आईआईसीडीओल में दाखिलों की तो एक साल बीत जाने के बाद भी आइसीडीओल में दाखिले शुरू नहीं हो पाएं है ।
विशाल सकलानी ने कहा कि गैर शिक्षक भर्तियो के लिए आवेदन लिए हुए एक वर्ष बीत गया है लेकिन अभी तक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है, वहीं जिन बीबीए/ बी सी एके छात्रों को प्रमोट किया गया अभी तक उनके परिणाम विश्वविद्यालय अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने में असमर्थ रहा है।वहीं विश्वविद्यालय के बेकार इआरपी प्रणाली जो करोड़ों रुपए पर ठेके पर दी हुई है लेकिन आए दिन अनेकों समस्याएं इस प्रणाली में गडबड के कारण आ रही है। वहीं बीबीए/बी सी ए के छात्रों गोल्डन चांस के नाम पर 20000 वसूलने की अधिसूचना विश्वविद्यालय जारी करता है जो 16 दिसम्बर को गोल्डन चांस की अधिसूचना के विरुद्ध है जिसमे 5000₹ प्रति सेमेस्टर में गोल्डन चांस के परीक्षा फॉर्म भरे गए , विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों का शोषण कर पैसा ऐंटने का काम रहा है और अभाविप इसका पुरजोर विरोध करती है ।
उन्होंने कहा कि सभी छात्रों के लिए विश्वविद्यालय व पुस्तकालय को शीघ्र खोला जाए , उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार प्रवेश परीक्षा के बिना पीजी दाखिले करने का फैंसला लेने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही हो , आईसीडियोल में दाखिले शीघ्र हो , विश्वविद्यालय के ERP प्रणाली को सुदृढ़ किया जाए, BBA/BCA के प्रमोट किए छात्रों का परिणाम शीघ्र अपडेट किया जाए, 2 फ़रवरी की 20000₹ प्रति सेमेस्टर गोल्डन चांस वाली अधिसूचना विश्वविद्यालय वापिस ले अन्यथा अभाविप छात्रों को लामबंद करते हुए उग्र आंदोलन करेगी।
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