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शिमला ! सैन्य शक्ति तकनीक से लैस आधुनिक सशस्त्र हमें किसी भी चुनौती से निपटने में सक्षम बनाते हैं एवम किसी राष्ट्र को शक्तिमान और सामर्थ्य से भरपूर होना है तो विज्ञान के प्रति जागरूक होना आवश्यक है यह विचार आज शिक्षा ,भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद द्वारा राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष में 1 सप्ताह लंबे गौरवशाली विज्ञान सप्ताह विज्ञान सर्वत्र पूज्यते कार्यक्रम के समापन अवसर पर गेयटी थिएटर में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी सर सीवी रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज के उपलक्ष में भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि रमन प्रभाव का गौरव भारत की युवा पीढ़ी के लिए विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में योगदान करने के लिए एक मजबूत प्रेरक शक्ति है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में विद्यार्थियों में विज्ञान विषय के प्रति रुचि बढ़ाने तथा युवा वर्ग में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए विद्यालय स्तर पर विज्ञान मेलों का आयोजन तथा अन्य वैज्ञानिक प्रक्रिया पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन प्रमुखता के साथ किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा युवा मस्तिष्क को विज्ञान की तरफ आकर्षित करने के उद्देश्य से इनस्पायर योजना आरंभ की गई है जिसके अंतर्गत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा छात्रों को ₹80000 की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है ताकि वह अपना लघु शोध कर नवीन रचनात्मक कार्य कर सके। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में विश्व इतिहास में कोरोना महामारी के कारण समुचित आर्थिक एवं सामाजिक व्यवस्था मैं स्थिरता आई किंतु देश की वैज्ञानिकों ने स्थिरता को तोड़ते हुए कम समय अवधि में वैज्ञानिक विचार का उपयोग कर मास्क सैनिटाइजर, दवाइयां तथा वेंटिलेटर उपकरणों का निर्माण कर न केवल देश अपितु विदेशों को भी इसका लाभ प्रदान किया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत प्रदेश में कक्षा छठी से कौशल विकास तथा नौवीं कक्षा से व्यवसायिक शिक्षा प्रदान कर प्रदेश की छात्र छात्राओं को वर्ष 2025 तक आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार द्वारा गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर्यावरण परिषद तथा प्रदेश की युवा विज्ञान पुरस्कार योजना से हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के जमा दो कक्षा में प्रथम 10 थानों में छात्र एवं छात्राओं को उन्होंने सम्मानित किया इस योजना में प्रथम स्थान पर रहे छात्र को एक लाख द्वितीय स्थान पर रहे छात्र को 90000 तथा तृतीय स्थान पर रहे छात्र को 80000 एवं इसी क्रम में दसवें स्थान पर रहे छात्र को ₹10000 प्रोत्साहन राशि प्रदान की। उन्होंने उन्होंने इस वर्ष प्रथम से दसवें स्थान पर आए 134 बच्चों को लगभग 46 लाख रुपए की राशि प्रदान की। उन्होंने कहां की प्रदेश सरकार द्वारा विज्ञान शिक्षण को बनाने के लिए 2018 में युवा विज्ञान पुरस्कार योजना को प्रदेश में आरंभ किया गया था इस योजना से प्रदेश सरकार की विज्ञान के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाती है। अवसर पर उन्होंने विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति तथा अनुसंधान और विकास परियोजनाओं पर सार संग्रह का विमोचन किया। पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्योगिकी के निदेशक एवं सदस्य सचिव सुदेश कुमार मोख्टा ने अपने संबोधन विज्ञान और प्रौद्योगिकी के उत्थान के लिए किए जाने वाले कार्यों की विस्तृत जानकारी दें कार्यक्रम में सतपाल धीमान अतिरिक्त सचिव पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं संयुक्त सदस्य हिमकोस्ट ने अपने विचार साझा करते हुए बताया कि हिमकोस्ट द्वारा आगामी समय में भी अनेक गतिविधियां करवाई जाएंगी उन्होंने युवा विज्ञान पुरस्कार विजेताओं के वेदर भविष्य के लिए उन्हें शुभकामनाएं दी। उन्होंने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2022 के अंतर्गत ग्लोरियस साइंस वीक विज्ञान सर्वत्र पूज्यते सप्ताह के लंबे कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए हिमकॉस्ट स्टाफ और संजौली कॉलेज के प्रयासों की भी सराहना की।कार्यक्रम के दौरान निदेशक प्रारंभिक शिक्षा, भाषा कला एवं संस्कृति पंकज ललित, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के भू विज्ञान विभाग के सेवानिवृत्त प्रोफेसर ए डी अह्लुवालिया, प्रधानाचार्य राजकीय महाविद्यालय संजौली चंद्रभान मेहता पूर्व पार्षद अनूप वैद्य भी उपस्थित थे।
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