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शिमला ! अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सेना में भर्ती होने वाले परीक्षार्थियों की आयु में 1 वर्ष की छूट प्रदान करने की मांग करती है। विदित है कि कोरोना जनित परिस्थितियों के कारण जहां जन-जीवन अस्त व्यस्त हुआ था, वहीं दूसरी तरफ भर्ती प्रक्रिया नियमित अंतराल में आयोजित नहीं हो पायी। कोविड-19 के कारण प्रतिबंधित क्षेत्रों में फंसे परीक्षार्थी भर्ती परीक्षाओं में सम्मिलित होने से चूक गये। ऐसे अप्रत्याशित रूप से परीक्षा से वंचित रह जाने के कारण कड़ा परिश्रम कर रहे परीक्षार्थियों का सेना में सम्मिलित हो कर भारत माता की सेवा करने का स्वप्न पूर्ण नहीं हो पा रहा है। परीक्षार्थियों के साथ न्याय हो इसलिये उन्हें 1 अतिरिक्त प्रयास मिलना चाहिये। अभाविप हिमाचल प्रदेश के प्रदेश मंत्री विशाल वर्मा ने कहा की "हिमाचल प्रदेश देवभूमि के साथ-साथ वीर भूमि भी कहलाया जाता है। प्रदेश के युवाओं में भारतीय सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने का जुनून बहुत अधिक देखा जाता है। हिमाचल प्रदेश के हजारों युवा दिन-रात कड़ी मेहनत करके भारतीय सेना की परीक्षा की तैयारी करते हैं। परंतु पिछले 1 वर्ष से भारतीय सेना की परीक्षा का आयोजन ना होने की वजह से बहुत सारे युवाओं की आयु सीमा पूरी हो चुकी है। इसी संदर्भ में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने रक्षा मंत्री के समक्ष यह मांग रखी है कि ऐसे सभी युवाओं को सेना की भर्ती परीक्षा देने के लिए आयु सीमा में 1 वर्ष की विशेष छूट देनी चाहिए। ताकि प्रदेश के हजारों युवाओं ने जो भारतीय सेना में सेवाएं देने का सपना देखा था वे उस सपने को साकार कर सकें." अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि, “परीक्षा देने से वंचित रह गये विद्यार्थियों के हित को ध्यान रखते हुये अभाविप माननीय रक्षा मंत्री से यह मांग करती है कि भारतीय सेना में सभी तरह की भर्ती प्रक्रियाओं के लिए अभ्यर्थियों को एक वर्ष की आयु संबंधी छूट प्रदान की जाए, ताकि कोरोना जनित परिस्थितियों में अपने अंतिम अवसर से चूक गए अभ्यर्थी अपने अंतिम प्रयास में सोत्साह सम्मिलित हो सकें।”
शिमला ! अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सेना में भर्ती होने वाले परीक्षार्थियों की आयु में 1 वर्ष की छूट प्रदान करने की मांग करती है। विदित है कि कोरोना जनित परिस्थितियों के कारण जहां जन-जीवन अस्त व्यस्त हुआ था, वहीं दूसरी तरफ भर्ती प्रक्रिया नियमित अंतराल में आयोजित नहीं हो पायी। कोविड-19 के कारण प्रतिबंधित क्षेत्रों में फंसे परीक्षार्थी भर्ती परीक्षाओं में सम्मिलित होने से चूक गये। ऐसे अप्रत्याशित रूप से परीक्षा से वंचित रह जाने के कारण कड़ा परिश्रम कर रहे परीक्षार्थियों का सेना में सम्मिलित हो कर भारत माता की सेवा करने का स्वप्न पूर्ण नहीं हो पा रहा है। परीक्षार्थियों के साथ न्याय हो इसलिये उन्हें 1 अतिरिक्त प्रयास मिलना चाहिये।
अभाविप हिमाचल प्रदेश के प्रदेश मंत्री विशाल वर्मा ने कहा की "हिमाचल प्रदेश देवभूमि के साथ-साथ वीर भूमि भी कहलाया जाता है। प्रदेश के युवाओं में भारतीय सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने का जुनून बहुत अधिक देखा जाता है। हिमाचल प्रदेश के हजारों युवा दिन-रात कड़ी मेहनत करके भारतीय सेना की परीक्षा की तैयारी करते हैं। परंतु पिछले 1 वर्ष से भारतीय सेना की परीक्षा का आयोजन ना होने की वजह से बहुत सारे युवाओं की आयु सीमा पूरी हो चुकी है। इसी संदर्भ में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने रक्षा मंत्री के समक्ष यह मांग रखी है कि ऐसे सभी युवाओं को सेना की भर्ती परीक्षा देने के लिए आयु सीमा में 1 वर्ष की विशेष छूट देनी चाहिए। ताकि प्रदेश के हजारों युवाओं ने जो भारतीय सेना में सेवाएं देने का सपना देखा था वे उस सपने को साकार कर सकें."
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अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि, “परीक्षा देने से वंचित रह गये विद्यार्थियों के हित को ध्यान रखते हुये अभाविप माननीय रक्षा मंत्री से यह मांग करती है कि भारतीय सेना में सभी तरह की भर्ती प्रक्रियाओं के लिए अभ्यर्थियों को एक वर्ष की आयु संबंधी छूट प्रदान की जाए, ताकि कोरोना जनित परिस्थितियों में अपने अंतिम अवसर से चूक गए अभ्यर्थी अपने अंतिम प्रयास में सोत्साह सम्मिलित हो सकें।”
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