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शिमला ! प्रदेश में सहकारी सभाओं के कामकाज में आने वाली बाधाओं को दूर करने में अब विभागीय निरीक्षक मदद करेंगे। यह बात आज यहां सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने विभागीय गतिविधियांे की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने निरीक्षकों को सभाओं के संपर्क में रहने और समय-समय पर उनके काम की जांच करने के निर्देश दिए। सुरेश भारद्वाज ने प्रदेश की सभी सभाओं के चुनाव निर्धारित समय के भीतर नियमानुसार पूर्ण करने को कहा। उन्होंने विभाग में रिक्त पड़े पदों को जल्द भरने के निर्देश भी दिए और पदोन्नति के मामलों में न्यायालय के आदेशानुसार कार्रवाई करने को भी कहा। सहकारिता मंत्री ने सभी सभाओं का कंप्यूटरीकरण करने, टैक्स क्रेडिट योजना को पूरा करने और आईसीडीपी योजनाओं की समीक्षा करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने आईसीडीपी की योजना को लेकर जारी कार्यों पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि सभी योजनाओं को निर्धारित अवधि में पूरा करने के लिए समय-समय पर समीक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को ऋण वसूली के लंबित मामले जल्द निपटाने के आदेश दिए और शहरी सहकारी बैंकों की समीक्षा करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों में ऐसी प्रणाली विकसित की जानी चाहिए, जिससे उनके काम की निरंतर समीक्षा हो ताकि किसी प्रकार की अनियमितता न हो और किसी तरह की अनियमितता होने पर समय पर इसका पता लगाया जा सके। बैठक में सचिव सहकारिता अक्षय सूद, रजिस्ट्रार कोआपरेटिव सोसायटी राजेश शर्मा और अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
शिमला ! प्रदेश में सहकारी सभाओं के कामकाज में आने वाली बाधाओं को दूर करने में अब विभागीय निरीक्षक मदद करेंगे। यह बात आज यहां सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने विभागीय गतिविधियांे की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने निरीक्षकों को सभाओं के संपर्क में रहने और समय-समय पर उनके काम की जांच करने के निर्देश दिए। सुरेश भारद्वाज ने प्रदेश की सभी सभाओं के चुनाव निर्धारित समय के भीतर नियमानुसार पूर्ण करने को कहा। उन्होंने विभाग में रिक्त पड़े पदों को जल्द भरने के निर्देश भी दिए और पदोन्नति के मामलों में न्यायालय के आदेशानुसार कार्रवाई करने को भी कहा।
सहकारिता मंत्री ने सभी सभाओं का कंप्यूटरीकरण करने, टैक्स क्रेडिट योजना को पूरा करने और आईसीडीपी योजनाओं की समीक्षा करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने आईसीडीपी की योजना को लेकर जारी कार्यों पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि सभी योजनाओं को निर्धारित अवधि में पूरा करने के लिए समय-समय पर समीक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को ऋण वसूली के लंबित मामले जल्द निपटाने के आदेश दिए और शहरी सहकारी बैंकों की समीक्षा करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों में ऐसी प्रणाली विकसित की जानी चाहिए, जिससे उनके काम की निरंतर समीक्षा हो ताकि किसी प्रकार की अनियमितता न हो और किसी तरह की अनियमितता होने पर समय पर इसका पता लगाया जा सके। बैठक में सचिव सहकारिता अक्षय सूद, रजिस्ट्रार कोआपरेटिव सोसायटी राजेश शर्मा और अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
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