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शिमला , 15 अगस्त [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में आई आपदा को देखते हुए इस बार प्रदेश भर में स्वतंत्रता दिवस सादे अंदाज में मनाया गया। राजधानी शिमला में राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस का आयोजन किया गया जहा मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने रिज पर परेड की सलामी ली और ध्वजारोहण किया। इस बार आपदा को देखते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमो का आयोजन नही किया गया। इस दौरान पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, सीपीएस मोहन लाल बरागटा,शहरी विधायक हरीश जनारथा महापौर सुरेंद्र चौहान भी मौजूद रहे। इस अवसर मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में आपदा से पहाड़ टूट पड़ा है। मन दुखी है। कई लोगों ने अपनों को खोया है। 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। जख्म पैसे से नही भरे जा सकते। मगर, सरकार एक एक पैसा एकत्रित कर लोगों को राहत देगी।प्रदेश में आई आपदा के कारण 55 लोगों की 2 दिन में जान चली गई है। इसे देखते हुए सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के जवान भी परेड में शामिल नहीं किए। इन्हें राहत एवं बचाव कार्य में लगाया गया है। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को मिलने वाली सम्मान राशि 15000 से बढ़ाकर 25000 तथा स्वतंत्रता सेनानियों की विधवाओं को मिलने वाली राशि 15,000 से 20,000 करने का की घोषणा की। स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को दी जाने वाली पेंशन में भी 50 फीसदी बढ़ौतरी की घोषणा की। शहीदों को अब 20 लाख की जगह अब 30 लाख दिए जाएंगे। मनरेगा की दिहाड़ी 224 से 240 रुपए तथा ट्राइबल एरिया में इसे 280 से 294 करने की बात कही। उन्होंने इंदिरा गांधी शिशु मातृ योजना की शुरुआत तथा इसके लिए 50 करोड़ के बजट का प्रावधान करने की ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से सेब को भारी नुकसान हुआ है। इसे देखते हुए उन्होंने एमआईएस के तहत सेब खरीद मूल्य में 1.50 रुपए बढ़ौतरी का ऐलान किया। यानी एमआईएस का से अब 12 रुपए प्रति किलो के हिसाब से लिया जाएगा।
शिमला , 15 अगस्त [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में आई आपदा को देखते हुए इस बार प्रदेश भर में स्वतंत्रता दिवस सादे अंदाज में मनाया गया। राजधानी शिमला में राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस का आयोजन किया गया जहा मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने रिज पर परेड की सलामी ली और ध्वजारोहण किया। इस बार आपदा को देखते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमो का आयोजन नही किया गया। इस दौरान पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, सीपीएस मोहन लाल बरागटा,शहरी विधायक हरीश जनारथा महापौर सुरेंद्र चौहान भी मौजूद रहे।
इस अवसर मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में आपदा से पहाड़ टूट पड़ा है। मन दुखी है। कई लोगों ने अपनों को खोया है। 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। जख्म पैसे से नही भरे जा सकते। मगर, सरकार एक एक पैसा एकत्रित कर लोगों को राहत देगी।प्रदेश में आई आपदा के कारण 55 लोगों की 2 दिन में जान चली गई है। इसे देखते हुए सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के जवान भी परेड में शामिल नहीं किए। इन्हें राहत एवं बचाव कार्य में लगाया गया है।
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उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को मिलने वाली सम्मान राशि 15000 से बढ़ाकर 25000 तथा स्वतंत्रता सेनानियों की विधवाओं को मिलने वाली राशि 15,000 से 20,000 करने का की घोषणा की।
स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को दी जाने वाली पेंशन में भी 50 फीसदी बढ़ौतरी की घोषणा की। शहीदों को अब 20 लाख की जगह अब 30 लाख दिए जाएंगे। मनरेगा की दिहाड़ी 224 से 240 रुपए तथा ट्राइबल एरिया में इसे 280 से 294 करने की बात कही। उन्होंने इंदिरा गांधी शिशु मातृ योजना की शुरुआत तथा इसके लिए 50 करोड़ के बजट का प्रावधान करने की ऐलान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से सेब को भारी नुकसान हुआ है। इसे देखते हुए उन्होंने एमआईएस के तहत सेब खरीद मूल्य में 1.50 रुपए बढ़ौतरी का ऐलान किया। यानी एमआईएस का से अब 12 रुपए प्रति किलो के हिसाब से लिया जाएगा।
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