- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला ! संयुक्त किसान मंच ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है किसान प्रदेश में सेब सीजन आरम्भ होने के बावजूद सरकार द्वारा इसको लेकर अभी तक कोई भी तैयारी नही की है। निचले क्षेत्रों व कम ऊँचाई वाले क्षेत्रों में सेब सीजन तेजी से शुरू होने वाला है। सरकार न तो पैकेजिंग सामग्री जिसमे कार्टन व ट्रे उपलब्ध करवा पाई है और न ही अभी तक मण्डी मध्यस्थता योजना की घोषणा की गई। जो हाल ही में कार्टन के रेट तय किये गए हैं उसमें भी भारी वृद्धि की गई है और ट्रे का तो अभी तक कोई भी प्रबन्ध नही किया गया है। मंच मांग करता है कि सरकार द्वारा कार्टन व ट्रे पर लगाया गए जीएसटी में 12%से 18% की वृद्धि वापिस ली जाए तथा इनकी कीमतों में तुरन्त कमी की जाए तथा प्रदेश में भी कश्मीर की तर्ज पर मण्डी मध्यस्थता योजना लागू कर सेब के ए ग्रेड का मूल्य 60₹, बी ग्रेड का 44₹ व सी ग्रेड का 24₹ प्रति किलोग्राम तय किया जाए व बागवानों का वर्षों से लंबित मण्डी मध्यस्थता योजना के तहत लिए सेब का बकाया भुगतान तुरन्त किया जाए। यदि सरकार इन मांगों पर तुरन्त अमल नही करती है तो मंच 20 जुलाई को सभी किसानों व बागवानों के संगठनों के साथ मिलकर प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगा। सरकार की नीतियों के कारण आज प्रदेश में कृषि व बागवानी का संकट बढ़ा है विशेष रूप से प्रदेश की अर्थव्यवस्था में 5500 करोड़ रुपए से अधिक का योगदान देने वाली सेब की आर्थिकी पर संकत और अधिक गहरा गया है। सरकार द्वारा जो कृषि व बागवानी के क्षेत्रों में सहायता व सब्सिडी प्रदान की जाती थी उसमे 1991 के बाद निरन्तर कटौती की गई और अब वो लगभग समाप्त कर दी गई है। किसान बागवान को आज खुला बाजार व खुला व्यापार की नीति के तहत बाजारी ताकतों के पास लूटने के लिए मजबूर कर दिया गया है और कॉरपोरेट खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके चलते आज कृषि व बागवानी में प्रयोग में आने वाली लागत वस्तुओं जिसमें मुख्यतः खाद, कार्टन, ट्रे, कीटनाशक, फफूंदीनाशक व कृषि उपकरण आदि शामिल हैं की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है। गत एक वर्ष में ही खाद की कीमतों में 70% से 100%, कार्टन में 15% से 20%, ट्रे की कीमत में 35%, कीटनाशक व फफूंदीनाशक में 25% से 75% की वृद्धि हुई है। सरकार जो सबसिडी बागवानों को लागत वस्तुओं में प्रदान करती थी वह 3 वर्ष पूर्व पूरी तरह से बन्द कर दी है। इससे लागत कीमत बढ़ रही है और किसान को मंडियों में उसके उत्पाद का उचित दसम नहीं मिल रहा है। प्रदेश में किसानों व बागवानों के संगठनों के द्वारा 1982, 1987 व 1990 में अपनी मांगों को लेकर चलाये गए आंदोलनो के कारण प्रदेश में सरकार द्वारा समर्थन मूल्य व मण्डी मध्यस्थता योजना आरम्भ की गई थी। परन्तु कोई भी सरकार इसे आज तक पूर्ण रूप से लागू नहीं कर पाई है। आज प्रदेश में केवल सी ग्रेड का सेब सरकार द्वारा बेहद कम कीमत 9.50₹ प्रति किलो की दर से खरीद की जाती है जबकि कश्मीर में 2019 में इस मण्डी मध्यस्थता योजना के तहत सेब के ए ग्रेड के लिए 60₹, बी ग्रेड के लिए 44₹ व सी ग्रेड के लिए 24₹ प्रति किलोग्राम की दर से तय किये गए थे। मंच लम्बे समय से मांग कर रहा है कि प्रदेश में भी कश्मीर की तर्ज पर मण्डी मध्यस्थता योजना लागू किया जाए। परन्तु सरकार इस मांग को बिल्कुल अनसुना कर रही है। संयुक्त किसान मंच सभी किसानों व बागवानों के संगठनों से अपील करता है कि सरकार की इन किसान विरोधी नीतियों को पलटने व किसानों व बागवानों के हितों की रक्षा के लिए व प्रदेश की कृषि व बागवानी को इस संकट से बचाने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करें।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -