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शिमला ! सरकार द्वारा प्रदेश में सेब खरीद करने वाली कंपनियां जिसमे अदानी व अन्य कंपनियों की कार्यप्रणाली की देखरेख के लिए नौणी विश्विद्यालय की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी की आज बैठक उद्यान निदेशालय में आयोजित की गई। इसमे संयुक्त किसान मंच से संयोजक हरीश चौहान व सह संयोजक संजय चौहान ने भाग लिया। इसमे कमेटी के चार सदस्य जिसमें दो बागवान सदस्य, एक विशेषज्ञ व एचपीएमसी के प्रबंध निदेशक अनुपस्थित रहे तथा कुछ कमेटी से बाहर के लोग इसमे उपस्थित रहे। इसमें सेब खरीद करने वाली 18 कंपनियों में से केवल 8 कंपनियों के ही प्रतिनिधि शामिल रहे और 10 कम्पनियां इस बैठक से नदारद रहे। जिन कंपनियों के प्रतिनिधियों ने इसमे भाग लिया उसमे अदानी कंपनी के किसी उच्च अधिकारी ने भाग नही लिया। सरकार द्वारा इस कमेटी का गठन के समय तय शर्तों में इन कंपनियों व सरकार के मध्य किये गए समझौता ज्ञापन पर चर्चा कर इसमे खामियों व त्रुटियों को दूर कर कोई समाधान निकाला जाये पर मुख्य ध्यान दिया गया है। परन्तु बैठक में न तो इन कंपनियों व सरकार के मध्य हुए समझौता ज्ञापन पेश किए गए और हैरत की बात ये है कि इस बैठक में सदस्य सचिव ने यह बताया गया कि इन कंपनियों के साथ कोई भी समझौता ज्ञापन ही नही किया गया है। संयुक्त किसान मंच के प्रतिनिधियों ने इस पर संशय जाहिर किया कि यदि इन कंपनियों के साथ सरकार ने कोई समझौता ज्ञापन ही हस्ताक्षरित नही किया तो सरकार ने कैसे करोड़ो रुपये की सब्सिडी सीए स्टोर स्थापित करने के लिए दे दी है। संयुक्त किसान मंच के प्रतिनिधियों ने सरकार द्वारा इन कंपनियों के प्रति ढुलमुल रवैया व इनके साथ कोई समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर न करने पर इन कंपनियों को खुली छूट को लेकर इस बैठक का बहिष्कार किया। संयुक्त किसान मंच के प्रतिनिधियों ने कमेटी के अध्यक्ष से आग्रह किया कि बैठक सरकार द्वारा तय शर्तों के अनुसार ही की जाए जिसमे मुख्यतः कंपनियों व सरकार के मध्य हुए समझौता ज्ञापन पर चर्चा की जाए। परन्तु इस पर कोई चर्चा नही की गई। इसके साथ बैठक में संयुक्त किसान मंच के प्रतिनिधियों ने अध्यक्ष से मांग की कि अदानी व अन्य कंपनियों ने कमेटी की बैठक से पहले सेब खरीद के दाम तय कर दिए है जोकि सरकार की अधिसूचना की उलनघना है व जो कंपनियां इस बैठक से नदारद रही इनके द्वारा सरकार की इस अधिसूचना की उलनघना की है उनके विरुद्ध सरकार कड़ी कार्यवाही करें। संयुक्त किसान मंच के द्वारा अपनी मांगो को 25 अगस्त को तय अदानी के स्टोरो के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा। यह बैठक सरकार द्वारा तय नियमों व शर्तों को बिल्कुल भी पूरा नही करती है तथा इससे प्रतीत होता है कि इस प्रकार से कमेटी का गठन सरकार द्वारा केवल एक औपचारिकता की जा रही है और अदानी व अन्य कंपनियों के दबाव में काम कर रही है और प्रदेश के लाखों बागवानों के साथ धोखा कर रही है। संयुक्त किसान मंच अपने इस आंदोलन को जारी रखेगा और इस आंदोलन को और अधिक तेज करेगा जबतक किसानों व बागवानों की सभी मांगो पर अमल नही हो जाता है। संयुक्त किसान मंच सभी किसानों व बागवानों से आग्रह करता है कि अपनी मांगों को लेकर व अपनी रोजी रोटी बचाने के लिए इस आंदोलन में बढ़चढ़ कर भाग ले।
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