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शिमला ! शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने आज यहां जारी प्रेस वक्तव्य में कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के सक्षम नेतृत्व में प्रदेश कोरोना संक्रमण के विरूद्ध लड़ाई लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए हर संभव कदम उठाए हैं। कोरोना की दूसरी लहर अधिक खतरनाक होने के कारण पूरे देश में बढ़ते मामलों के फलस्वरूप स्वास्थ्य संस्थानों में बिस्तरों व ऑक्सीजन की कमी सामने आई थी लेकिन प्रदेश सरकार ने समय रहते उचित प्रबन्धन कर राज्य में बिस्तरों की क्षमता में वृद्धि की तथा आॅक्सीजन की उपलब्धता में कमी नहीं होने दी है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि गत वर्ष इस महामारी की शुरूआत हुई थी तब प्रदेश में कोविड जांच के लिए एक भी प्रयोगशाला उपलब्ध नहीं थी, उस समय प्रदेश सरकार ने तुरन्त ही 8 आरटी-पीसीआर, 25 ट्ररूनैट और 2 सीवीनैट प्रयोगशालाएं स्थापित की। प्रदेश के दूर-दराज और ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड जांच में तेजी लाने के लिए सरकार ने विभिन्न जिलों में लगभग 70 एंबुलेंस तैनात की हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने राज्य में अस्पतालों में बिस्तरों की क्षमता और आईसीयू-वेंटिलेटरयुक्त बिस्तरों की क्षमता में बढ़ौतरी की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 4000 बिस्तर और 290 आईसीयू/वेंटिलेटरयुक्त बिस्तरों वाले 57 समर्पित कोविड अस्पताल और समर्पित कोविड चिकित्सा केंद्र हैं। उन्होंने कहा कि जिला मंडी के खलियार, जिला कांगड़ा के परौर और सोलन में तीन मेक शिफ्ट अस्पतालों की स्थापना से प्रदेश में अब बिस्तरों की संख्या बढ़कर 5000 हो गई है। गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्य में पर्याप्त संख्या में डी और बी टाईप के सिलेंडर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में टीकाकरण सुचारू रूप से चल रहा है और राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में लोगों को टीकाकरण की लगभग 23.59 लाख खुराकें उपलब्ध करवाई गई हैं। प्रदेश वैक्सीन के शून्य प्रतिशत वेस्टेज करने वाले देश के कुछ अग्रणी राज्यों में से एक है।
शिमला ! शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने आज यहां जारी प्रेस वक्तव्य में कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के सक्षम नेतृत्व में प्रदेश कोरोना संक्रमण के विरूद्ध लड़ाई लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए हर संभव कदम उठाए हैं। कोरोना की दूसरी लहर अधिक खतरनाक होने के कारण पूरे देश में बढ़ते मामलों के फलस्वरूप स्वास्थ्य संस्थानों में बिस्तरों व ऑक्सीजन की कमी सामने आई थी लेकिन प्रदेश सरकार ने समय रहते उचित प्रबन्धन कर राज्य में बिस्तरों की क्षमता में वृद्धि की तथा आॅक्सीजन की उपलब्धता में कमी नहीं होने दी है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि गत वर्ष इस महामारी की शुरूआत हुई थी तब प्रदेश में कोविड जांच के लिए एक भी प्रयोगशाला उपलब्ध नहीं थी, उस समय प्रदेश सरकार ने तुरन्त ही 8 आरटी-पीसीआर, 25 ट्ररूनैट और 2 सीवीनैट प्रयोगशालाएं स्थापित की। प्रदेश के दूर-दराज और ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड जांच में तेजी लाने के लिए सरकार ने विभिन्न जिलों में लगभग 70 एंबुलेंस तैनात की हैं।
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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने राज्य में अस्पतालों में बिस्तरों की क्षमता और आईसीयू-वेंटिलेटरयुक्त बिस्तरों की क्षमता में बढ़ौतरी की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 4000 बिस्तर और 290 आईसीयू/वेंटिलेटरयुक्त बिस्तरों वाले 57 समर्पित कोविड अस्पताल और समर्पित कोविड चिकित्सा केंद्र हैं। उन्होंने कहा कि जिला मंडी के खलियार, जिला कांगड़ा के परौर और सोलन में तीन मेक शिफ्ट अस्पतालों की स्थापना से प्रदेश में अब बिस्तरों की संख्या बढ़कर 5000 हो गई है।
गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्य में पर्याप्त संख्या में डी और बी टाईप के सिलेंडर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में टीकाकरण सुचारू रूप से चल रहा है और राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में लोगों को टीकाकरण की लगभग 23.59 लाख खुराकें उपलब्ध करवाई गई हैं। प्रदेश वैक्सीन के शून्य प्रतिशत वेस्टेज करने वाले देश के कुछ अग्रणी राज्यों में से एक है।
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