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शिमला ! राजधानी में लगातार बड़ रही पानी की समस्या को लेकर एसजेपीएनएल कम्पनी ने अपनी सफाई पेश की है। एसजेपीएनएल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बताया कि बरसात की वजह से पेयजल परियोजनाएं गाद से भर गई है ऐसे में पंपिग की बहुत परेशानी आ रही है। पानी की समस्या का मुख्य कारण गिरि पेयजल परियोजना से पानी की केचमेंट सही से न होना है। भारी बारिश की वजह से गाद बहुत ज़्यादा आ रही है।जिस कारण सही तरीके से पंपिग नहीं हो पा रही। गिरि पेयजल परियोजना से 18 एमएलडी पानी शहर को मिलता है लेकिन पिछले 15 दिनों से इस परियोजना से पानी सप्लाई नहीं हो पा रही है। कम्पनी दावा कर रही है कि ज़रुरत को मद्देनजर रखते हुए काम किया जा रहा है। खराब हो रही मशीनरी को बदला गया है ताकि पंपिग निरंतर होती रहें। टुटू क्षेत्र में 7 दिन बाद मिल रही पानी सप्लाई को लेकर एसजेपीएनएल का कहना है कि उस क्षेत्र में वितरण को लेकर परेशानी हो रही है। क्योंकि पानी कम होने के कारण प्रैशर नहीं बन पा रहा है। ऐसे क्षेत्र जहां पहले दिन पानी नहीं मिल रहा उसे दूसरे दिन सबसे पहले सप्लाई दी जाती है। एसजेपीएनएल के एमडी पंकज ललित ने कहा कि हम कोशिश कर रहें है कि शहर में पानी की सप्लाई रोज़ दी जाए। लोगों की हैल्थ हमारे लिए बहुत ज़रुरी है इसलिए पानी की रोज़ टेस्टिंग के बाद ही शहर में सप्लाई दी जा रही है। कहा कि इसके लिए नई मशीनरी भी लगाई गई है। सारी गाद बाहर निकालने के बाद ही पंपिग की जाती है। गाद निकालने में यदि दो घंटे का समय लग रहा है तो 4 घंटे बाद पंपिग शुरु होती है। कहा कि सिल्ट के कारण गिरि से 6-10 एमएलडी पानी सप्लाई ही मिल पा रही है जो परेशानी बढा रही है। बता दें कि एसजेपीएनएल द्वारा ढली में 10 एमएलडी की क्षमता वाला और पीटरहॉफ में 7 एमएलडी क्षमता का स्टोरेज टैंक बनाया जा रहा है जिसका काम 6 महीने के भीतर पूरा हो जाएगा।इसके अलावा आगामी समय में वर्ड बैंक के सहयोग से सतलुज से पानी लाने का प्रोजेक्ट लाया जाना है जिससे पानी की सप्लाई और ज़्यादा मिलेगी। इस प्रोजेक्ट से 4200 मीटर तक पानी शुरु में लाया जाएगा अभी 1500 मीटर तक पानी लाया जाता है।
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