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शिमला ! भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बयान पर भड़के और कहा कि जिस प्रकार से मुख्यमंत्री ने भेड़ पालकों और गद्दी समुदाय पर टिप्पणी की है उसके लिए उन्हें सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए।अंतरराष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि भाजपा को जनता का डर है। इसीलिए जिस तरह गडरिया अपनी भेड़ों काे इधर-उधर ले जाता है, उसी तरह विधायकों को ले जाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूल गए हैं की भेड़ पालक और गडरिया अपना व्यवसाय मेहनत करके चलता है और जिस प्रकार से उन्होंने टिप्पणी की है यह लोग मुख्यमंत्री को कभी माफ नहीं करेंगे। इससे मुख्यमंत्री का असली चेहरा और मानसिकता भी जनता के समक्ष आती है कि किस प्रकार की सोच मुख्यमंत्री भेड़ पालकों के प्रति रखते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री पूरी तरह से भोकाल गए हैं उन्हें क्लीनिकल इलाज की जरूरत है और उन्हें जल्द अस्पताल में भर्ती हो जाना चाहिए। सार्वजनिक स्थान पर इस प्रकार की बयान बाजी इस बात का साक्षी है कि वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं, सत्ता के मोह में और कुर्सी को बचाने के संघर्ष में वह इस प्रकार की बयानबाजी करते हैं जो की एक समुदाय के प्रति नकारात्मक है। कभी मुख्यमंत्री काला नाग की संज्ञा देते हैं तो कभी बेड पलकों के साथ तुलना करते है, क्या यह एक मुख्यमंत्री को शोभा देता है यह जनता पूछ रही है।अगर मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक माफी नहीं मांगी तो हिमाचल प्रदेश की भीड़पालकों को बड़ी संख्या में सड़कों पर मुख्यमंत्री के खिलाफ उतरना पड़ेगा।
शिमला ! भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बयान पर भड़के और कहा कि जिस प्रकार से मुख्यमंत्री ने भेड़ पालकों और गद्दी समुदाय पर टिप्पणी की है उसके लिए उन्हें सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए।अंतरराष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि भाजपा को जनता का डर है। इसीलिए जिस तरह गडरिया अपनी भेड़ों काे इधर-उधर ले जाता है, उसी तरह विधायकों को ले जाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूल गए हैं की भेड़ पालक और गडरिया अपना व्यवसाय मेहनत करके चलता है और जिस प्रकार से उन्होंने टिप्पणी की है यह लोग मुख्यमंत्री को कभी माफ नहीं करेंगे। इससे मुख्यमंत्री का असली चेहरा और मानसिकता भी जनता के समक्ष आती है कि किस प्रकार की सोच मुख्यमंत्री भेड़ पालकों के प्रति रखते हैं।
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उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री पूरी तरह से भोकाल गए हैं उन्हें क्लीनिकल इलाज की जरूरत है और उन्हें जल्द अस्पताल में भर्ती हो जाना चाहिए। सार्वजनिक स्थान पर इस प्रकार की बयान बाजी इस बात का साक्षी है कि वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं, सत्ता के मोह में और कुर्सी को बचाने के संघर्ष में वह इस प्रकार की बयानबाजी करते हैं जो की एक समुदाय के प्रति नकारात्मक है।
कभी मुख्यमंत्री काला नाग की संज्ञा देते हैं तो कभी बेड पलकों के साथ तुलना करते है, क्या यह एक मुख्यमंत्री को शोभा देता है यह जनता पूछ रही है।अगर मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक माफी नहीं मांगी तो हिमाचल प्रदेश की भीड़पालकों को बड़ी संख्या में सड़कों पर मुख्यमंत्री के खिलाफ उतरना पड़ेगा।
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