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शिमला ! हिमाचल प्रदेश शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह के बयान को सुन कर ऐसा लगता है कि हम आज भी राजा रजवाड़ा प्रथा में रह रहे हैं। यह बहुत हैरान करने वाला बयान है। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रांत अध्यक्ष डॉ मामराज पुंडीर ने कहा कि प्रदेश के कर्मचारी वर्ग किसी के गुलाम नही है जिन्हें आप डर धमका कर कही भी पटक दोगे।आप भी से निवेदन है कि इस प्रकार के बयानों से आपको बचना चाहिए। डॉ मामराज पुंडीर ने कहा कि आप जिस परिवार से आते है उनका प्रदेश का कर्मचारी वर्ग और प्रदेश की जनता सम्मान और इज्जत करती है। आप मे लोग राजा वीरभद्र सिंह को देखने की कोशिश कर रहे हैं। जो प्रदेश के 6 बार के मुख्यमंत्री रहे थे। इस प्रकार के बयानों से आप प्रदेश के कर्मचारी वर्ग में डर पैदा करना चाहिए। स्वर्गीय वीरभद्र सिंह जी ने हमेशा प्रदेश के कर्मचारियों का सम्मान और हौसला बढ़ाया है। हिमाचल प्रदेश का कर्मचारी वर्ग प्रदेश के विकास के लिए काम कर रहा है उन्हें आप जैसे लोगो का सहयोग चाहिए। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रांत उपाध्यक्ष डॉ मामराज पुंडीर ने कहा कि प्रदेश में जिस की भी सरकार आये, कर्मचारी सरकार के साथ दिल से काम करता है। बेहतर होगा आप ऐसे बयानों से बचे ओर जो बयान आपने दिए है उन पर खेद व्यक्त करें। डॉ पुंडीर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में चार लाख से ज्यादा कर्मचारी वर्ग है जिनके साथ लाखो परिवार जुड़े है आपके बयानों से प्रदेश के लाखों परिवारों को दुख पहुंचा है। हिमाचल प्रदेश देवी देवताओं की धरती है और देश की जनता प्रदेश के लोगो को शांत स्वभाव के लिए जानते है। इस प्रदेश में स्वर्गीय परमार जी, राम लाल ठाकुर, वीरभद्र सिंह , शांता कुमार जी, प्रो प्रेम कुमार धूमल जी ओर आज आदरणीय जय राम ठाकुर जी ने सत्ता संभाली है। आपको राजनीति विरासत में मिली है और स्वर्गीय वीरभद्र सिंह को प्रदेश की जनता दिल से सम्मान करती थी चाहे वह किसी भी विचार धारा का हो। आगे आप ने कांग्रेस पार्टी और प्रदेश का नेतृत्व करना है। ऐसी दादागिरी वाली भाषा आपको शोभा नही देती। हम जिस प्रदेश में रहते है उस प्रदेश के मुख्यमंत्री आदरणीय जय राम ठाकुर जी है। जिनकी शालीनता और स्वभाव का उदाहरण देश भर में दिया जाता है। राजा वीरभद्र सिंह ने पूरे देशवासियों के दिल मे जगह अपने स्वभाव से बनाई थी। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ आपके द्वारा बोले शब्दो की कड़े शब्दों में आलोचना करते है और आपको आगाह करते है कि इस प्रकार के बयानों से कर्मचारियों के मनोबल को तोड़ने का काम न करे। कुछ दिन पूर्व हिमाचल प्रदेश के एक मंत्री द्वारा शिक्षको पर दिए बयान का आपने खुल कर विरोध किया था। आज आप उनकी भाषा बोल रहे हो।
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