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शिमला ,24 नवंबर ! लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विभाग के अधिकारियों को सड़कों के निर्माण में सुरक्षा मापदंडों का कड़ाई से अनुपालन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सड़कों के निर्माण के साथ-साथ उनकी गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। वह आज निर्माण भवन, शिमला में हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग द्वारा परिवहन विभाग और द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, हिमाचल राज्य केन्द्र के सहयोग से सड़क सुरक्षा विषय पर विशेष जागरूकता अभियान के तहत आयोजित सेमिनार को सम्बोधित कर रहे थे। लोक निर्माण मंत्री ने कहा ‘हमारा दायित्व सड़क निर्माण तक ही सीमित नहीं है बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत कार्य निष्पादन में अभियांत्रिकी का सही उपयोग करना भी हमारा दायित्व है’। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत सभी हितधारक विभागों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को दुर्घटना संभावित स्थलों व ब्लैक स्पॉट का अध्ययन कर उनका उचित समाधान करने के निर्देश भी दिए। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सुरक्षा अभियांत्रिकी को विशेष अधिमान दिया जा रहा है। उन्होंने सड़क सुरक्षा को योजना का अभिन्न अंग बनाने, सुरक्षा का नियमित ऑडिट करने और आटिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम मेधा) के उपयोग के महत्व पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार यात्रियों व पर्यटकों को बेहतरीन सम्पर्क सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, इसी ध्येय के साथ योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने केस स्टडी कर श्रेष्ठ तकनीकों को अपनाने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि सड़कें पहाड़ी राज्य की भाग्य रेखाएं हैं। प्रदेश के गठन के समय सड़कों की लम्बाई बहुत सीमित थी। वर्तमान में प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया गया है। दूर-दराज के क्षेत्रों तक भी सड़क एवं सम्पर्क सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। पर्यटन राज्य होने के नाते प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण सड़कों का निर्माण नितान्त आवश्यक है। उन्होंने अभियन्ताओं से सड़क सुरक्षा के मध्यनज़र अपना श्रेष्ठ योगदान देने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा एक सामाजिक पहलू भी है। यात्रा के दौरान वाहन चालकों के साथ-साथ पैदल चलने वाले व्यक्तियों को भी सुरक्षा के दृष्टिगत जागरूक किया जाना चाहिए। इस संबंध में जागरूकता अभियान महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियन्ता अजय गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में अधिकांश सड़कों को स्तरोन्नत किया गया है। विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत अभियांत्रिकी पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस अवसर पर पंजाब अभियांत्रिकी महाविद्यालय चण्डीगढ़ के विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश शर्मा, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय यूआईटी के निदेशक प्रो. ए.जे. सिंह, द इंस्टीट्यूटन ऑफ इंजीनियर्स, हिमाचल केन्द्र के अध्यक्ष वी.एम. जोशी, अतिरिक्त आयुक्त परिवहन नरेश ठाकुर ने भी सड़क सुरक्षा विषय पर व्याख्यान दिए। सेमिनार में सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों और प्रदेशभर के विभिन्न अभियन्ताओं ने भाग लिया।
शिमला ,24 नवंबर ! लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विभाग के अधिकारियों को सड़कों के निर्माण में सुरक्षा मापदंडों का कड़ाई से अनुपालन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सड़कों के निर्माण के साथ-साथ उनकी गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। वह आज निर्माण भवन, शिमला में हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग द्वारा परिवहन विभाग और द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, हिमाचल राज्य केन्द्र के सहयोग से सड़क सुरक्षा विषय पर विशेष जागरूकता अभियान के तहत आयोजित सेमिनार को सम्बोधित कर रहे थे।
लोक निर्माण मंत्री ने कहा ‘हमारा दायित्व सड़क निर्माण तक ही सीमित नहीं है बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत कार्य निष्पादन में अभियांत्रिकी का सही उपयोग करना भी हमारा दायित्व है’। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत सभी हितधारक विभागों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को दुर्घटना संभावित स्थलों व ब्लैक स्पॉट का अध्ययन कर उनका उचित समाधान करने के निर्देश भी दिए। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सुरक्षा अभियांत्रिकी को विशेष अधिमान दिया जा रहा है।
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उन्होंने सड़क सुरक्षा को योजना का अभिन्न अंग बनाने, सुरक्षा का नियमित ऑडिट करने और आटिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम मेधा) के उपयोग के महत्व पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार यात्रियों व पर्यटकों को बेहतरीन सम्पर्क सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, इसी ध्येय के साथ योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने केस स्टडी कर श्रेष्ठ तकनीकों को अपनाने के लिए भी कहा।
उन्होंने कहा कि सड़कें पहाड़ी राज्य की भाग्य रेखाएं हैं। प्रदेश के गठन के समय सड़कों की लम्बाई बहुत सीमित थी। वर्तमान में प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया गया है। दूर-दराज के क्षेत्रों तक भी सड़क एवं सम्पर्क सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। पर्यटन राज्य होने के नाते प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण सड़कों का निर्माण नितान्त आवश्यक है। उन्होंने अभियन्ताओं से सड़क सुरक्षा के मध्यनज़र अपना श्रेष्ठ योगदान देने का भी आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा एक सामाजिक पहलू भी है। यात्रा के दौरान वाहन चालकों के साथ-साथ पैदल चलने वाले व्यक्तियों को भी सुरक्षा के दृष्टिगत जागरूक किया जाना चाहिए। इस संबंध में जागरूकता अभियान महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियन्ता अजय गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में अधिकांश सड़कों को स्तरोन्नत किया गया है। विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत अभियांत्रिकी पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
इस अवसर पर पंजाब अभियांत्रिकी महाविद्यालय चण्डीगढ़ के विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश शर्मा, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय यूआईटी के निदेशक प्रो. ए.जे. सिंह, द इंस्टीट्यूटन ऑफ इंजीनियर्स, हिमाचल केन्द्र के अध्यक्ष वी.एम. जोशी, अतिरिक्त आयुक्त परिवहन नरेश ठाकुर ने भी सड़क सुरक्षा विषय पर व्याख्यान दिए। सेमिनार में सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों और प्रदेशभर के विभिन्न अभियन्ताओं ने भाग लिया।
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