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शिमला ! आज पूरा विश्व जहां महिला सुरक्षा व महिला अधिकारों की बात कर रहा है, तरह तरह के वाद विवाद इस विषय पर किए जा रहे हैं वहीं तमिलनाडु के तंजावुर में 17 वर्ष की छात्रा जो एक मिशनरी स्कूल में पढ़ती थी वहां उसको अपना धर्म परिवर्तन करने के लिए इतना मजबूर किया गया कि उसने आत्महत्या कर ली और इस विषय पर सबने चुप्पी धारण की हुई है। प्रांत सह मंत्री शिल्पा कुमारी ने कहा कि लावन्या जिसने अपना धर्म परिवर्तन करने से मना किया उसे इतना प्रताड़ित उस मिशनरी स्कूल प्रशासन द्वारा किया गया, मानसिक व शाररिक प्रताड़ना उसे दी गई, हॉस्टल की मैस में झूठे बर्तन धुलवाने से लेकर, शौचालयों की सफ़ाई उस छात्रा से करवाई गई। जब छुट्टियों में उसने घर जाने के लिए आज्ञा मानी तो उसे घर जाने से भी रोक दिया गया। केवल अपना धर्म परिवर्तन न करने पर लावण्या को इतना परेशान कर दिया गया कि उसने आत्महत्या कर ली। यह आत्महत्या नहीं है बल्कि उस मिशनरी स्कूल द्वारा लावन्या का खून किया गया है जिसके लिए सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए ऐसी मांग विद्यार्थी परिषद करती है। तमिलनाडु सरकार भी इस विषय में संज्ञान नहीं ले रही जो उनका आरोपियों को बचाने की कोशिश की तरफ़ इशारा करता है। तमिलनाडु पुलिस प्रशासन भी निष्पक्ष जांच इस विषय में नहीं कर रही और बिना जांच किए ही ब्यान देने का काम कर रही है। पुलिस प्रशासन का ऐसा रवैया सही नहीं है और इस संदर्भ में भी सरकार कदम लेे। पढ़ाई के नाम पर धर्मांतरण का धंधा करने वाले इन सभी स्कूलों को बन्द करने की मांग विद्यार्थी परिषद करती है व लावण्या को जल्द से जल्द इंसाफ दिया जाए ऐसी मांग विद्यार्थी परिषद की है नहीं तो विद्यार्थी परिषद उग्र से उग्र आंदोलन लावण्या को इंसाफ दिलाने के लिए करेगी । आज जिला शिमला के विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने जिला उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया जिसमें लावण्या को इंसाफ दिलाने की मांग की गई।
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