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शिमला ! ‘लागत आधारित लाभकारी मूल्य’ की मांग और प्रदेश स्तर पर किसानों की मांगों को देखते हुए भारतीय किसान संघ हिमाचल प्रदेश द्वारा आज, 11 जनवरी को प्रदेश भर में उपमंडलाधिकारियों (एसडीएम) और खंड विकास अधिकारियों (बीडीओ) के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल को ज्ञापन भेजे गए। भारतीय किसान संघ हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष गंगा राम की अध्यक्षता में विकास खंड टुटू हीरानगर कि किसानों द्वारा एसडीएम शिमला को ज्ञापन सौंपा गया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने हाल ही में जब तीन कृषि कानून संसद में पास किए थे। उन कानूनों में संशोधन की मांग रखते हुए किसानों को उसकी उपज का ‘लागत आधारित लाभकारी मूल्य’ की मांग रखी गई थी साथ ही लागत आधारित लाभकारी मूल्य को उन तीनों कानूनों में शामिल करने की भी मांग रखी गई। तीसरे चरण में 1 जनवरी से 10 जनवरी 2022 तक गठित ग्राम समितियों में बैठकें कर व किसानों में जन जागरण किया गया और आज 11 जनवरी, 2022 को हर विकास खंड़ो (ब्लॉक) से ‘लागत आधारित लाभकारी मूल्य’ प्राप्ति की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपे गए। जबकि बर्फबारी तथा कोविड नियमों को पालन करते हुए निर्धारित धरना-प्रदर्शन नहीं किया गया। भारतीय किसान संघ हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष गंगा राम ने बताया कि खंड स्तर पर एक ज्ञापन राज्यपाल हिमाचल प्रदेश सरकार को भी उपमंडलाधिकारी व तहसील द्वारा के माध्यम से भेजा है। जिसमें प्रदेश के किसानों की 9 सूत्री मांग भी रखी गई हैं। जिसमें किसानों की खेती को बेसहारा पशुओं से बचाने के लिए गौ-अभ्यारण्य को निश्चित समय में बनाने, बंदरों और नील गाय से खेती को बचाने के लिए प्रबंधन करने, केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं को ई-पोर्टल के माध्यम से पारदर्शी बनाने, प्रदेश की जलवायु, मिट्टी और भौगोलिक स्थिति के अनुसार उपयुक्त फसलों को लगाने संबंधित मानचित्र जारी करने, कृषि उत्पादों पर आदानी और लागत कम करने सम्बंधित शोध कार्य करने, विभिन्न विभागों में किसानों के लिए चल रही अलग-अलग योजनाओं को अभिसरण ( Covergence ) कर किसानों के लिए लाभकारी व सुगम की जाए, गौ-आधारित जैविक खेती व दुग्ध उत्पादन के लिए किसानों को स्वदेशी नस्ल की गऊएं खरीदने को अनुदान व प्रोत्साहन दिया जाए, नदियों में अवैध खनन से जल स्रोतों और खेती को हो रहे नुकसान से निजात दिलाई जाए, प्राकृतिक आपदा जैसे सूखा-ओलावृष्टि-भूस्खलन व हिमपात से रबी फसलों व सेब की फसलों को होने वाले नुकसान पर 30 मार्च 2021 को सौंपे ज्ञापन की मांग अनुसार सीधी राहत दी जाए।
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