- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला, 19 जनवरी [ विशाल सूद ] ! डाॅ0 बिन्दल, प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि 22 जनवरी का दिन भारत वर्ष के 1000 साल के सांस्कृतिक इतिहास का सर्वाधिक महत्वपूर्ण दिन है जब 500 साल के संघर्ष के बाद हजारों-हजारों बलिदानों के बाद श्री राम जन्म स्थान पर श्री अयोध्या जी में भव्य राम मंदिर का निर्माण व रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। डाॅ. बिन्दल ने कहा कि ये केवल राम मंदिर का निर्माण नहीं है बल्कि सांस्कृतिक भारत का उदय है। सैंकड़ों वर्षाें तक नरेन्द्र भाई मोदी के इस योगदान को देश स्मरण करेगा। 1947 में देश को राजनीतिक आजादी मिली परन्तु 22 जनवरी 2024 को सांस्कृतिक आजादी की शुरूआत होगी और भारत के खोये हुए गौरव के पुर्नजागरण का समय शुरू हुआ है। कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस की केन्द्र की सरकारों और प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की अदूरदर्शिता के कारण राम मंदिर का निर्माण लटकता रहा। 50 साल रामलला ताले में रहे व 30 साल टैंट में विराजमान रहे। आज उन करोड़ों-करोड़ों राम भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो रही है जिन्होनें श्री राम जी के कार्य के लिए अपना योगदान दिया। पूरे देश में और हिमाचल प्रदेश में भी 22 जनवरी को इस आलौकिक घटना को देखने के लिए करोड़ो-करोड़ों लोग लालायित हैं। इस दिन हिमाचल के हर मंदिर में राम भजन/राम धुन/भण्डारा इत्यादि आयोजित होंगे और लोग अपने आराध्य श्री राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को देखेंगे। यह बदलता हुआ भारत है जो मोदी जी के नेतृत्व में राम राज्य की कल्पना कर रहा है परन्तु खेद का विषय यह है कि इस आलौकिक घटना का साक्षी बनने से कांग्रेस पार्टी के नेता परहेज कर रहे हैं। कांग्रेस ने समय-समय पर आवाम के अस्तित्व को नकारा, राम मंदिर के अस्तित्व को नकारा। इसी कारण वे भव्य, दिव्य, आलौकि क्षण का सामना नहीं कर रहे हैं।डाॅ. बिन्दल ने प्रदेश की सरकार से कहा कि हिमाचल के सभी राम भक्त 22 जनवरी के कार्यक्रम को अपने-अपने गांव के मंदिर में देखना चाहते हैं इसलिए 22 जनवरी को छुट्टी का प्रावधान किया जाना चाहिए।
शिमला, 19 जनवरी [ विशाल सूद ] ! डाॅ0 बिन्दल, प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि 22 जनवरी का दिन भारत वर्ष के 1000 साल के सांस्कृतिक इतिहास का सर्वाधिक महत्वपूर्ण दिन है जब 500 साल के संघर्ष के बाद हजारों-हजारों बलिदानों के बाद श्री राम जन्म स्थान पर श्री अयोध्या जी में भव्य राम मंदिर का निर्माण व रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है।
डाॅ. बिन्दल ने कहा कि ये केवल राम मंदिर का निर्माण नहीं है बल्कि सांस्कृतिक भारत का उदय है। सैंकड़ों वर्षाें तक नरेन्द्र भाई मोदी के इस योगदान को देश स्मरण करेगा। 1947 में देश को राजनीतिक आजादी मिली परन्तु 22 जनवरी 2024 को सांस्कृतिक आजादी की शुरूआत होगी और भारत के खोये हुए गौरव के पुर्नजागरण का समय शुरू हुआ है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस की केन्द्र की सरकारों और प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की अदूरदर्शिता के कारण राम मंदिर का निर्माण लटकता रहा। 50 साल रामलला ताले में रहे व 30 साल टैंट में विराजमान रहे। आज उन करोड़ों-करोड़ों राम भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो रही है जिन्होनें श्री राम जी के कार्य के लिए अपना योगदान दिया। पूरे देश में और हिमाचल प्रदेश में भी 22 जनवरी को इस आलौकिक घटना को देखने के लिए करोड़ो-करोड़ों लोग लालायित हैं।
इस दिन हिमाचल के हर मंदिर में राम भजन/राम धुन/भण्डारा इत्यादि आयोजित होंगे और लोग अपने आराध्य श्री राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को देखेंगे। यह बदलता हुआ भारत है जो मोदी जी के नेतृत्व में राम राज्य की कल्पना कर रहा है परन्तु खेद का विषय यह है कि इस आलौकिक घटना का साक्षी बनने से कांग्रेस पार्टी के नेता परहेज कर रहे हैं।
कांग्रेस ने समय-समय पर आवाम के अस्तित्व को नकारा, राम मंदिर के अस्तित्व को नकारा। इसी कारण वे भव्य, दिव्य, आलौकि क्षण का सामना नहीं कर रहे हैं।डाॅ. बिन्दल ने प्रदेश की सरकार से कहा कि हिमाचल के सभी राम भक्त 22 जनवरी के कार्यक्रम को अपने-अपने गांव के मंदिर में देखना चाहते हैं इसलिए 22 जनवरी को छुट्टी का प्रावधान किया जाना चाहिए।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -