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शिमला ! राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कोविड-19 महामारी के दौरान विद्यार्थियों की पढ़ाई जारी रखने के लिए हर घर पाठशाला अभियान चलाने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की है। राज्यपाल ने आज राजभवन में शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के साथ बैठक की। सचिव शिक्षा राजीव शर्मा, निदेशक उच्च शिक्षा डाॅ. अमरजीत शर्मा, निदेशक प्राथमिक शिक्षा पंकज ललित और सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक वीरेन्द्र शर्मा ने बैठक में भाग लिया। श्री आर्लेकर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लिए यह गर्व की बात है कि प्रदेश शिक्षा के विभिन्न सूचकांकों में देश के अन्य राज्यों सेे अग्रणी है। उन्होंने कहा कि सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अधिकार होना चाहिए। वैश्विक प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए अंग्रेजी सीखना महत्त्वपूर्ण है लेकिन अंग्रेजी पढ़ाई का एकमात्र माध्यम नहीं होना चाहिए और हमें क्षेत्रीय भाषाओं पर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। हिमाचल प्रदेश में भी क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देना चाहिए क्योंकि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) का हिस्सा भी है। राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने की आवश्यता है। उन्होंने दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष प्रबन्ध करने और प्रशिक्षित शिक्षकों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षकों को कोविड-19 की पहली खुराक देने का लक्ष्य लगभग पूरा कर लिया है। इस कार्य के लिए उन्होंने सरकार की सराहना की। उन्होंने कोविड के दौरान नियमित रूप से आॅनलाईन कक्षाएं संचालित करने के लिए भी शिक्षा विभाग की सराहना की। राजीव शर्मा ने राज्यपाल को विभाग की विभिन्न गतिविधियों और शिक्षा क्षेत्र में उपलब्धियों से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में जहां इंटरनेट नेटवर्क की समस्या है, वहां लिखित सामग्री उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के मूल्यांकन पर भी विशेष बल दिया जा रहा है।
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