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शिमला ! राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में एनसीसी को वैकल्पिक पाठ्यक्रम के रूप में शामिल करने पर बल देते हुए कहा कि हम एनसीसी के माध्यम से राष्ट्र निर्माण की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। राज्यपाल आज राजभवन से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को संबोधित कर रहे थे। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार, चैधरी सरवरण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति प्रो. एच.के. चैधरी, डाॅ. यशवन्त सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी सोलन के कुलपति प्रो. परविंदर कौशल, हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर के कुलपति प्रो. एस.पी. बंसल, क्लस्टर यूनिवर्सिटी मंडी के कुलपति डाॅ. सी.एल. चंदन, सचिव शिक्षा राजीव शर्मा, निदेशक उच्च शिक्षा डाॅ. अमरजीत शर्मा एवं एन.सी.सी. के ग्रुप कमांडर, ग्रुप मुख्यालय शिमला ब्रिगेडियर राजीव ठाकुर ने भी वीडियो कांफ्रेंसिंग में भाग लिया। राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर ने बैठक का संचालन किया। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में एनसीसी को वैकल्पिक पाठ्यक्रम के रूप में शामिल करने, आॅनलाइन शिक्षण की स्थिति, परीक्षा, प्रवेश और अनलाॅक के बाद की तैयारी और कोविड देखभाल गतिविधियों में छात्रों और शिक्षकों की भागीदारी की समीक्षा पर चर्चा की गई। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि अधिकांश महाविद्यालय बड़े स्तर पर एनसीसी गतिविधियां आयोजित कर रहे हैं और उनमें से कुछ ने उत्कृष्ट कार्य भी किया है, लेकिन इसे वैकल्पिक पाठ्यक्रम के रूप में शामिल करने पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान एनसीसी कैडेट आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थान गत वर्ष से आॅनलाइन शिक्षा पर काम कर रहे हैं लेकिन इस दिशा में अभी भी इस दिशा में बहुत कुछ करना बाकी है। उन्होंने कहा कि हमने नई तकनीक को कितना अपनाया है, इसके लिए हमें स्वयं के आकलन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस प्रणाली के माध्यम से काम कर रहे हैं, उन्हें यह भी समझना चाहिए कि क्या यह सुविधा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों को मिल रही है। उन्होंने कुलपतियों को आॅनलाइन शिक्षा में कमियों को दूर करने के लिए किए गए प्रयासों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। श्री दत्तात्रेय ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों के छात्रों के लिए विशेष आॅनलाइन कोचिंग और कक्षाएं संचालित की जानी चाहिए ताकि वे इस शिक्षा प्रणाली से लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कोरोना महामारी से संबंधित जागरूकता कार्यक्रमों पर ध्यान केन्द्रित करने और कुलपतियों और प्रोफेसरों को छात्रों को जागरूकता संदेश भेजने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कुलपतियों को परीक्षाएं आयोजित करने के लिए सभी तरह के प्रबन्ध सुनिश्चित करने की सलाह दी, जिसके लिए मौजूदा उपलब्ध तकनीकों का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए। इससे पूर्व,एन.सी.सी. ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर राजीव ठाकुर ने विश्वविद्यालयों और काॅलेजों में वैकल्पिक पाठ्यक्रम के रूप में एनसीसी के प्रस्ताव के संबंध में पावर प्वाइंट प्रस्तुति दी।
शिमला ! राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में एनसीसी को वैकल्पिक पाठ्यक्रम के रूप में शामिल करने पर बल देते हुए कहा कि हम एनसीसी के माध्यम से राष्ट्र निर्माण की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। राज्यपाल आज राजभवन से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को संबोधित कर रहे थे।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार, चैधरी सरवरण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति प्रो. एच.के. चैधरी, डाॅ. यशवन्त सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी सोलन के कुलपति प्रो. परविंदर कौशल, हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर के कुलपति प्रो. एस.पी. बंसल, क्लस्टर यूनिवर्सिटी मंडी के कुलपति डाॅ. सी.एल. चंदन, सचिव शिक्षा राजीव शर्मा, निदेशक उच्च शिक्षा डाॅ. अमरजीत शर्मा एवं एन.सी.सी. के ग्रुप कमांडर, ग्रुप मुख्यालय शिमला ब्रिगेडियर राजीव ठाकुर ने भी वीडियो कांफ्रेंसिंग में भाग लिया।
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राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर ने बैठक का संचालन किया। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में एनसीसी को वैकल्पिक पाठ्यक्रम के रूप में शामिल करने, आॅनलाइन शिक्षण की स्थिति, परीक्षा, प्रवेश और अनलाॅक के बाद की तैयारी और कोविड देखभाल गतिविधियों में छात्रों और शिक्षकों की भागीदारी की समीक्षा पर चर्चा की गई।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि अधिकांश महाविद्यालय बड़े स्तर पर एनसीसी गतिविधियां आयोजित कर रहे हैं और उनमें से कुछ ने उत्कृष्ट कार्य भी किया है, लेकिन इसे वैकल्पिक पाठ्यक्रम के रूप में शामिल करने पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान एनसीसी कैडेट आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थान गत वर्ष से आॅनलाइन शिक्षा पर काम कर रहे हैं लेकिन इस दिशा में अभी भी इस दिशा में बहुत कुछ करना बाकी है। उन्होंने कहा कि हमने नई तकनीक को कितना अपनाया है, इसके लिए हमें स्वयं के आकलन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस प्रणाली के माध्यम से काम कर रहे हैं, उन्हें यह भी समझना चाहिए कि क्या यह सुविधा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों को मिल रही है। उन्होंने कुलपतियों को आॅनलाइन शिक्षा में कमियों को दूर करने के लिए किए गए प्रयासों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों के छात्रों के लिए विशेष आॅनलाइन कोचिंग और कक्षाएं संचालित की जानी चाहिए ताकि वे इस शिक्षा प्रणाली से लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कोरोना महामारी से संबंधित जागरूकता कार्यक्रमों पर ध्यान केन्द्रित करने और कुलपतियों और प्रोफेसरों को छात्रों को जागरूकता संदेश भेजने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कुलपतियों को परीक्षाएं आयोजित करने के लिए सभी तरह के प्रबन्ध सुनिश्चित करने की सलाह दी, जिसके लिए मौजूदा उपलब्ध तकनीकों का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए।
इससे पूर्व,एन.सी.सी. ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर राजीव ठाकुर ने विश्वविद्यालयों और काॅलेजों में वैकल्पिक पाठ्यक्रम के रूप में एनसीसी के प्रस्ताव के संबंध में पावर प्वाइंट प्रस्तुति दी।
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