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शिमला ! राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ, हिमाचल प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा अपना समर्थन राज्य स्वास्थ्य सोसाइटी में कार्यरत करीब 1600 कर्मचारी के समर्थन में किया गया, जिनका शोषण सरकार पिछले 18-20 सालो से जिनमे डॉक्टर्स, स्टाफ नर्सेस, लैब तकनीशियन फार्मासिस्ट , ऑफिस स्टाफ जैसे क्लर्क अकाउंटेंट आदि कार्यरत है, कर रही है I लगातार सरकार से केवल एक मात्र रेगुलर पे स्केल देने की मांग कर रहे हैं I सरकार द्वारा मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है जिसके चलते कर्मचारियों में भारी रोष है I जहां एक और कर्मचारी अपनी सेवाए दिन रात इस संकट की घड़ी में भी दे रहे हैं बावजूद इसके हमें न ही तो कोई विशेष भत्ता दिया जा रहा है और न ही हमारी जायज मांगों पर किसी भी तरह का फैसला लिया जा रहा है खाली आश्वासन देकर पिछले हमारे जीवन के कीमती 20 साल निकल गये मुख्यमंत्री महोदय एवं प्रशासनिक अधिकारियो से कई बार संगठन के पदाधिकारी मीटिंग कर चुके है हम आपके माध्यम से सरकार को चेतावनी देना चाहते है की अगर हमारी मांगों पर जल्द कोई उचित निर्णय नहीं लिया गया तो हमें मजबूरन आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा जिसकी जिम्मेवारी केवक सरकार की होगी जहाँ एक ओर राज्य में अभी तक कोई भी पालिसी नहीं बनी है वही दूसरी तरफ सरकार और अधिक पद भरने की फिराक में है हमारे वर्तमान व भविष्य से तो खिलवाड़ करचुके है हम ऐसा खिलवाड़ इनके साथ नहीं होने देंगे अभी भी सरकार से हम उम्मीद लगाये बैठे है और हमें भरोसा है कि अवश्य हमें रेगुलर पे स्केल दिया जायेगा जैसे कि अन्य विभाग जैसे सर्व शिक्षा अभियान, मनरेगा, टेक्निकल एजुकेशन इ – गवर्नेंस आदि विभागो के कर्मचारियों को दिया गया है हम आपको यहां पर एक महत्वपूर्ण बात बताना चाहेंगे की वर्ष 2016 में तत्कालीन सरकार द्वारा मंत्रिमंडल के फैसले से एक नोटिफिकेशन जारी की गयी थी की इन्हें रेगुलर पे स्केल दिया जाएगा उसी नोटिफिकेशन को आधार बना कर राज्यों में मेडिकल कॉलेजो ने अपने अधीन कर्मचारियों को ये सुविधा प्रदान कर दी गई थी मगर अफ़सोस कि हम बाकि बचे हुए कर्मचारी को इससे वंचित रखा गया ! अन्य प्रदेशो जैसे हरियाणा, दिल्ली राजस्थान छतीसगढ़ बिहार मध्य प्रदेश आदि राज्यो में हेल्थ सोसाइटी के अंतर्गत नियुक्त कर्मचारियों को रेगुलर पे स्केल तथा अन्य भत्ते भी दिए जा रहे है हमारे धैर्य का इम्तेहान न ले सरकार हमें अपनी मांगो को मनवाने के लिए किसी भी हद तक जाने पर विचार कर रहे है
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