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शिमला ! हिमाचल प्रदेश भाषा और संस्कृति विभाग ने आज डॉ वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में राज्य स्तरीय पहाड़ी दिवस समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. परविंदर कौशल मुख्य अतिथि रहे। समारोह की अध्यक्षता प्रख्यात लेखक और राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता विद्यानंद सरैक ने की। राज्य के विभिन्न हिस्सों से 40 से अधिक लेखक और विद्वान इस दो दिवसीय कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं, जिसके दौरान पहाड़ी भाषाओं के प्रचार पर विचार-विमर्श किया जाएगा। कुसुम सँगैक, सहायक निदेशक ने पहाड़ी दिवस समारोह के बारे में एक संक्षिप्त पृष्ठभूमि दी और पूरे हिमाचल प्रदेश के आए लेखकों और विद्वानों का स्वागत किया। सहायक निदेशक अलका कैंथला ने हिमाचली परंपरा में मुख्य अतिथि का स्वागत किया और उन्हें एक पुस्तक भेंट की। इस अवसर पर डॉ. परविंदर कौशल ने कहा कि राज्य के विद्वान नियमित रूप से स्थानीय भाषाओं में साहित्य प्रकाशित कर रहे हैं लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि अब सभी एक साथ स्थानीय भाषाओं को लोगों, खासकर युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए कार्य करें । उन्होंने उन पहाड़ी भाषाओं पर भी प्रकाश डाला जो विलुप्त होने के कगार पर हैं। उन्होंने स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया और अपने घर में स्थानीय बोलियां सिखाने का आग्रह किया। डॉ. कौशल ने कहा कि इस तरह के आयोजनों के साथ-साथ हमें स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर पहाड़ी भाषा में अधिक से अधिक कार्यक्रमों की आवश्यकता है। उन्होंने स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए इंटरनेट मीडिया के इस्तेमाल पर भी जोर दिया। डॉ. सूरत ठाकुर ने 'वर्तमान संदर्भ में हिमाचली बोलियाँ और नई शिक्षा नीति' पर एक शोध पत्र प्रस्तुत किया। डॉ. ठाकुर ने कहा कि पहाड़ी भाषा में साहित्य का प्रकाशन हो रहा है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी विदेशी भाषा सीखने के लिए उत्सुक है लेकिन स्थानीय भाषाओं और बोलियों की स्थिति उदासनीय है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से स्थानीय भाषाओं में पढ़ाने में मदद मिलेगी। मदन हिमाचली ने अपने संबोधन में कहा कि अब समय आ गया है कि राज्य के लेखक और विद्वान पहाड़ी भाषा पर आम सहमति बनाने के लिए एक साथ कार्य करें। कार्यक्रम के दौरान अमर देव अंगिरस द्वारा लिखित दो पुस्तकों का भी विमोचन किया गया। इस अवसर पर डीआरओ सोलन केशव राम भी मौजूद रहे। लेखक डॉ प्रत्यूष गुलेरी, रमेश मस्ताना, प्रभात शर्मा, प्रेम लाल गौतम, कमल के प्यासा, कृष्ण चंद महादेविया, रामलाल पाठक, डॉ ओ पी शर्मा, कुलदीप शर्मा, डॉ अश्वनी गर्ग, अनंत आलोक, अरुण डोगरा रितु, दिवेन्द्र गौड़, जगजीत आजाद, जगदीश कश्यप, डॉ हुक्म शर्मा, रविंदर कुमार ठाकुर, सविता ठाकुर, हरिप्रिया भी इस कार्यक्रम में शामिल हुये।
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