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शिमला ! निदेशक उद्योग, राकेश कुमार प्रजापति ने आज यहां बताया कि प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना-2019 में संशोधन कर इसमें 18 नई गतिविधियां शामिल की हैं। अब इस योजना के तहत गतिविधियों की संख्या बढ़कर 103 हो गई है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने वित्त वर्ष 2021-22 के बजट भाषण में मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना में अतिरिक्त गतिविधियां शामिल करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि योजना के तहत लघु सेवा व व्यवसायिक उद्यमों की सूची में परिरक्षित चारा (साइलेज) इकाइयों की स्थापना, उन्नत डेयरी विकास परियोजना (10 गाय या भैंसों की एक इकाई), दूध और दुग्ध उत्पादों के लिए कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं की स्थापना, फार्म स्टे/एग्रो पर्यटन व फार्म पर्यटन, कृषि के लिए खुदरा दुकानों का निर्माण, कृषि उपकरणों व औजारों का निर्माण, सब्जी नर्सरी तैयार करना, ऊत्तक संवर्द्धन प्रयोगशाला, कृषि उत्पादों का भण्डारण और परिवहन, इन्टरनेटऑफ़ थिंग्ज आधारित वर्टिकल फार्मिंग, पेट्रोल पम्प, ईवी चार्जिंग स्टेशन, एम्बुलेंस, रेशम प्रसंस्करण इकाई, रेशम रीलिंग इकाइयां, ऑक्सीजन क्रायोजेनिक टेंकर सेवाएं, सर्वेयर यूनिट और ड्रिलिंग यूनिट शामिल की गई हैं। प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना-2019 के तहत आवेदन करने वाली महिलाओं के लिए ऊपरी आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट देने का भी निर्णय लिया है। इस योजना के तहत वर्ष 2021-22 में 2000 का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसे कि अब बढ़ाकर 3000 कर दिया गया है। योजना के तहत अभी तक 1350 मामले बैंकों द्वारा स्वीकृत किए जा चुके हैं। प्रदेश के सभी जिला उद्योग केन्द्रों के महाप्रबन्धकों को योजना में शामिल नई व विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को स्वीकृत करने के निर्देश जारी किए गए हैं। राकेश कुमार प्रजापति ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना के तहत प्रदेश के अधिक से अधिक युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। योजना के तहत प्रक्रिया का सरलीकरण कर इसे सुगम बनाया गया है। इससे युवाओं की आर्थिकी सुदृढ़ हो रही है, साथ ही क्षेत्र के विकास को भी संबल मिल रहा है। मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना-2019 के तहत पहले 85 गतिविधियां उपदान के लिए पात्र थीं, जिसमें अब 18 और नई गतिविधियां शामिल की गई हैं। नई गतिविधियां शामिल करने के लिए ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, पशुपालन तथा मत्स्य पालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई थी। इस समिति द्वारा अनुमोदित गतिविधियों का प्रस्ताव प्रदेश सरकार को प्रस्तुत किया गया था, जिसे प्रदेश मंत्रिमण्डल की बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई।
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