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शिमला ,17 फरवरी ! मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने आज यहां कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा प्रस्तुत किया गया दूसरा बजट दूरदर्शी, नवोन्मेषी एवं किसान हितैषी है। उन्होंने कहा कि विकट वित्तीय स्थितियों के बावजूद बजट में प्रत्येक वर्ग का ध्यान रखते हुए समाज में पंक्ति के अन्तिम व्यक्ति तक राहत पहुंचाने का प्रयास झलकता है। आज प्रस्तुत बजट को किसानों का हितैषी करार देते हुए नरेश चौहान ने कहा कि यह बजट ग्रामीण हिमाचल की समृद्धि सुनिश्चित करेगा और किसान व बागवानों को इससे बड़े स्तर पर लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देते हुए इसे स्वरोजगार से जोड़ने की पहल के दृष्टिगत राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्ट-अप योजना के तृतीय चरण में कई उपाय प्रस्तावित हैं। यह मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच के अनुरूप है जिन्होंने युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ने के लिए 680 करोड़ रुपये की यह योजना आरम्भ की है। इससे किसानों की आय में बढ़ौतरी के साथ ही बड़े स्तर पर कृषक वर्ग रसायनमुक्त खेती के प्रति प्रोत्साहित होगा। उन्होंने कहा कि बागवानी क्षेत्र में 12 करोड़ रुपये की लागत से एक उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित होने से यह बागवानी उत्पादों की गुणवत्ता, दक्षता, पर्यटन और विपणन से संबंधित बागवानों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के दृष्टिगत एक संसाधन केन्द्र के रूप में कार्य करेगा। बजट में घोषित डिजिटल मीडिया पॉलिसी-2024 की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्रीय वेब पोर्टल और चैनलों को सहयोग के साथ ही प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और विकासात्मक गतिविधियों का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी सुनिश्चित होगा।
शिमला ,17 फरवरी ! मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने आज यहां कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा प्रस्तुत किया गया दूसरा बजट दूरदर्शी, नवोन्मेषी एवं किसान हितैषी है। उन्होंने कहा कि विकट वित्तीय स्थितियों के बावजूद बजट में प्रत्येक वर्ग का ध्यान रखते हुए समाज में पंक्ति के अन्तिम व्यक्ति तक राहत पहुंचाने का प्रयास झलकता है।
आज प्रस्तुत बजट को किसानों का हितैषी करार देते हुए नरेश चौहान ने कहा कि यह बजट ग्रामीण हिमाचल की समृद्धि सुनिश्चित करेगा और किसान व बागवानों को इससे बड़े स्तर पर लाभ मिलेगा।
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उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देते हुए इसे स्वरोजगार से जोड़ने की पहल के दृष्टिगत राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्ट-अप योजना के तृतीय चरण में कई उपाय प्रस्तावित हैं। यह मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच के अनुरूप है जिन्होंने युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ने के लिए 680 करोड़ रुपये की यह योजना आरम्भ की है। इससे किसानों की आय में बढ़ौतरी के साथ ही बड़े स्तर पर कृषक वर्ग रसायनमुक्त खेती के प्रति प्रोत्साहित होगा।
उन्होंने कहा कि बागवानी क्षेत्र में 12 करोड़ रुपये की लागत से एक उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित होने से यह बागवानी उत्पादों की गुणवत्ता, दक्षता, पर्यटन और विपणन से संबंधित बागवानों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के दृष्टिगत एक संसाधन केन्द्र के रूप में कार्य करेगा।
बजट में घोषित डिजिटल मीडिया पॉलिसी-2024 की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्रीय वेब पोर्टल और चैनलों को सहयोग के साथ ही प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और विकासात्मक गतिविधियों का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी सुनिश्चित होगा।
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