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शिमला ,17 फरवरी [ विशाल सूद ] ! मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने कार्यकाल का आज दूसरा बजट पेश किया। लोकसभा चुनाव से पहले पेश किए गए इस बजट में मुख्यमंत्री ने प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की तरफ फोकस किया है कर्मचारियों और पेंशनरों के हित में भी कुछ ऐलान किए गए हैं। बजट में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल क्षेत्र में भी मजबूती देने के लिए कई नई योजनाओं का ऐलान किया है। बजट में मुख्यमंत्री ने इस बार 7 नई योजनाओं और तीन नई नीतियों का ऐलान किया है और वर्ष 2024-25 के लिए 58,444 हजार करोड़ के बजट प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री ने बजट पेश करने के बाद कहा कि व्यवस्था परिवर्तन से आत्मनिर्भर हिमाचल की परिकल्पना का बजट आज पेश किया गया है जिसमें समाज के हर वर्ग का ध्यान रखा गया है और ज्यादा फोकस ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने की तरफ दिया गया है। कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए जलवायु युक्त कृषि को बढ़ावा दिया गया है। गेहूं और मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य पहली बार निर्धारित किया गया है। दुग्ध किसानों की आय बढ़ाने के लिए गाय और भैंस के दुध पर एमएसपी निर्धारित किया गया है। वहीं विपक्ष ने बजट को नीरस करार देते हुए कहा कि बजट से हिमाचल को निराशा ही मिली हैं। बजट में युवावर्ग, महिलाओं के सशक्तिकरण और किसानों के लिए कुछ नही है। इस बजट में किसानों और गारंटियों का कोई उल्लेख नही हैं। भैंस का दूध सौ रुपए, गाय का दूध 80 रुपए खरीदने की जो बात की गई थी लेकिन इसमें भी कम ही बढ़ौतरी की गई है। बजट में प्राकृतिक खेती का गला घोंट दिया हैं। बजट में महिलाओं को 1500 देने का कहीं जिक्र नहीं है ये महिलाओं का अपमान है। भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने कहा कि ये संवेदनहीन सरकार है। किसी भी योजना के लिए बजट का कोई प्रावधान नहीं है। प्राकृतिक आपदा की बात कही जा रही है। केंद्र ने प्रदेश की खुली मदद की है लेकिन इस सरकार ने इसका दुरपयोग किया है। लोग समझ गए हैं कि उनसे गलती हो गई हैं और लोकसभा चुनावों में ऐसी गलती जनता फिर से नही करेगी और गारंटी को लेकर जनता जवाब देगी।
शिमला ,17 फरवरी [ विशाल सूद ] ! मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने कार्यकाल का आज दूसरा बजट पेश किया। लोकसभा चुनाव से पहले पेश किए गए इस बजट में मुख्यमंत्री ने प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की तरफ फोकस किया है कर्मचारियों और पेंशनरों के हित में भी कुछ ऐलान किए गए हैं।
बजट में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल क्षेत्र में भी मजबूती देने के लिए कई नई योजनाओं का ऐलान किया है। बजट में मुख्यमंत्री ने इस बार 7 नई योजनाओं और तीन नई नीतियों का ऐलान किया है और वर्ष 2024-25 के लिए 58,444 हजार करोड़ के बजट प्रावधान किया है।
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मुख्यमंत्री ने बजट पेश करने के बाद कहा कि व्यवस्था परिवर्तन से आत्मनिर्भर हिमाचल की परिकल्पना का बजट आज पेश किया गया है जिसमें समाज के हर वर्ग का ध्यान रखा गया है और ज्यादा फोकस ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने की तरफ दिया गया है।
कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए जलवायु युक्त कृषि को बढ़ावा दिया गया है। गेहूं और मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य पहली बार निर्धारित किया गया है। दुग्ध किसानों की आय बढ़ाने के लिए गाय और भैंस के दुध पर एमएसपी निर्धारित किया गया है। वहीं विपक्ष ने बजट को नीरस करार देते हुए कहा कि बजट से हिमाचल को निराशा ही मिली हैं। बजट में युवावर्ग, महिलाओं के सशक्तिकरण और किसानों के लिए कुछ नही है। इस बजट में किसानों और गारंटियों का कोई उल्लेख नही हैं। भैंस का दूध सौ रुपए, गाय का दूध 80 रुपए खरीदने की जो बात की गई थी लेकिन इसमें भी कम ही बढ़ौतरी की गई है। बजट में प्राकृतिक खेती का गला घोंट दिया हैं।
बजट में महिलाओं को 1500 देने का कहीं जिक्र नहीं है ये महिलाओं का अपमान है। भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने कहा कि ये संवेदनहीन सरकार है। किसी भी योजना के लिए बजट का कोई प्रावधान नहीं है। प्राकृतिक आपदा की बात कही जा रही है।
केंद्र ने प्रदेश की खुली मदद की है लेकिन इस सरकार ने इसका दुरपयोग किया है। लोग समझ गए हैं कि उनसे गलती हो गई हैं और लोकसभा चुनावों में ऐसी गलती जनता फिर से नही करेगी और गारंटी को लेकर जनता जवाब देगी।
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