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शिमला ! विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर शिमला के हिमाचल मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास अस्पताल में आयोजित एक कार्यक्रम में राज्यपाल श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने स्कूल स्तर से परामर्शदाता की सेवाओं की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मानसिक रोगों का इलाज़ सब के सहयोग और सकरात्मक भाव से संभव है। श्री आर्लेकर ने कहा कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के आयोजन के पीछे की भावना समझने और उसके अनुरूप काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मानसिक दुर्बलता उस व्यक्ति की नहीं होती है, जो पीड़ित है बल्कि उस समाज की होती है, जो ऐसी परिस्थिति पैदा करता है। उन्होंने कहा कि वह गोआ राज्य में मानसिक रोगियों के उपचार के लिये अस्पताल चला रहे हैं, इसलिये वह इस परिस्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हैं। उन्होंने कहा कि समाज में आ रही विकृतियों के कई कारण हो सकते हैं, उनपर विचार होना चाहिये। उन्होंने कहा कि जिस परिवार पर यह मुश्किल आती है, उनके लिये कितना कठिन होता है, इसपर चिंतन किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि स्कूल स्तर पर बच्चों को परामर्श सेवाएं मिलनी चाहिये क्योंकि यदि ठीक समय पर परामर्श सेवाएं नहीं मिली तो बच्चा डिप्रेशन का शिकार भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस समस्या का समाधान एक दिन का नहीं है, इसके लिये निरंतर प्रयास करने और एकजुट प्रयास करने की जरूरत है। हिमाचल रेडक्रॉस अस्पताल कल्याण शाखा की अध्यक्ष डॉ साधना ठाकुर ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य उतना ही जरूरी है जितना शारीरिक स्वास्थ्य। उन्होंने कहा कि आज के भौतिक युग में हम अपनी खुशियां बाहर ढूंढते है, जो स्थाई नहीं हैं। इसी के कारण हम अपने आप को और रिश्तों को समझ नहीं पा रहे हैं। यही कारण है कि परिवार भी ऐसी स्थिति में सहयोग नहीं करता है, जो चिंता की बात है। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिये योग करने की आवश्यकता पर बल दिया तथा कहा कि पारिवारिक व्यवस्था को समझे, जीवन मूल्यों को अपनाएं तथा हम समाज को क्या दे सकते हैं इस पर विचार करें। यह भाव ही हमें हर चुनोती का सामना करने में सहायक होगा। हिमाचल मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास अस्पताल शिमला के वरिष्ठ चकित्सा अधीक्षक श्री संजय पाठक ने राज्यपाल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य से पीड़ित व्यक्ति एक शांत व गुणात्मक ज़िन्दगी व्यतीत कर सकता है। यदि उसे सही उपचार व अपने सगे संबंधी तथा दोस्तों का प्यार व सहयोग मिले। उसके जीवन में संतुलन बनाने आवश्यक है। इस अवसर पर राज्यपाल ने अस्पताल में उपचाराधीन व्यक्तियों से बातचीत की। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक श्री हेमराज वैरवा, वरिष्ठ चकित्सा अधीक्षक डॉ संजय पाठक, राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के सदस्य प्रो अजय श्रीवास्तव, अधिकारी व अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
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