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शिमला , 31 जनवरी [ विशाल सूद ] ! मल्टी टास्क वर्कर्स ने अपना दर्द सांझा किया है। मल्टी टास्क वर्कर्स की पूर्व सरकार में हुई थी भर्तीयां।। शिमला में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि पूर्व की सरकार में मल्टी टास्क वर्कर की 5000 भर्तियां निकली थीं और 4000 लोगों को नौकरी मिली थी।और उन्हें 150 रुपये प्रतिदिन यानी 4500 रुपये प्रति महीना मिलता है। इस मंहगाई के जमाने में 150 रुपये से गुजारा चलाना बहुत मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस 150 रुपये के लिए भी कई लोगों को 24 किलोमीटर तक का सफर करना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि छह महीनों की नौकरी में तीन महीनों का तो वेतन नहीं मिला है। मल्टी टास्क वर्कर्स ने कहा कि इस सिलसिले में उन्होंने पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह से मुलाकात की है। मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया है कि पहले ही बजट में उनकी समस्याओं का हल किया जाएगा। उनके लिए बेसिक सैलरी फिक्स की जाएगी और साथ ही पालिसी बनाने की दिशा में भी कार्य किया जाएगा। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 31 जनवरी [ विशाल सूद ] ! मल्टी टास्क वर्कर्स ने अपना दर्द सांझा किया है। मल्टी टास्क वर्कर्स की पूर्व सरकार में हुई थी भर्तीयां।। शिमला में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि पूर्व की सरकार में मल्टी टास्क वर्कर की 5000 भर्तियां निकली थीं और 4000 लोगों को नौकरी मिली थी।और उन्हें 150 रुपये प्रतिदिन यानी 4500 रुपये प्रति महीना मिलता है।
इस मंहगाई के जमाने में 150 रुपये से गुजारा चलाना बहुत मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस 150 रुपये के लिए भी कई लोगों को 24 किलोमीटर तक का सफर करना पड़ रहा है।
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उन्होंने आरोप लगाया कि छह महीनों की नौकरी में तीन महीनों का तो वेतन नहीं मिला है। मल्टी टास्क वर्कर्स ने कहा कि इस सिलसिले में उन्होंने पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह से मुलाकात की है।
मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया है कि पहले ही बजट में उनकी समस्याओं का हल किया जाएगा। उनके लिए बेसिक सैलरी फिक्स की जाएगी और साथ ही पालिसी बनाने की दिशा में भी कार्य किया जाएगा।
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