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शिमला , 07 अगस्त [ विशाल सूद ] ! संयुक्त किसान मंच का मानना है कि सरकार ने जबसे प्रदेश की मंडियों मे कानून लागू करने के आदेश पारित किए हैं तबसे कुछ आढ़ती, खरीददार व लदानी की मिलीभगत व मनमानी से प्रदेश की मंडियों में सभी कानूनों की उलंघना के प्रयास किए जा रहे है। इनकी इस गैर कानूनी व गैर जिमेदाराना कार्यशैली से इस विकट आपदा के समय में किसानो बागवानों को परेशान किया जा रहा है। सरकार तुरन्त ऐसे आढ़तियों व खरीदारों पर कार्यवाही कर इनके लाईसेंस रद्द करें जो कानूनो की अवहेलना कर रहे है और मात्र उन्ही लोगों को मंडियों में कारोबार की इज़ाजत दी जाए जो सरकार द्वारा कानूनों के तहत जारी आदेशों के अनुसार ही कारोबार करना चाहते है। क्योंकि मंडियों मे कानून की अवहेलना की इज़ाजत नही दी जा सकती है और लदानियो व खरीददारो द्वारा अचानक इस प्रकार की गई, हड़ताल गैर कानूनी व किसान बागवान विरोधी कदम है। सरकार सभी आढ़तियों के साथ ही साथ सभी खरीददारों, लदानी व कारोबारियों का पंजीकरण एपीएमसी एक्ट 2005 की धारा, 40 के तहत करे। इसके साथ ही एपीएमसी एक्ट 2005 की धारा 39(2) की उपधारा के तहत खरीदार, लदानी व कारोबारी से बैंक गारंटी ली जाए तथा इनका कारोबार क्षमता के अनुसार ही करने की इजाज़त दी जाए। बागवानों का भुगतान भी एपीएमसी एक्ट 2005 की धारा 39(2) की उपधारा के तहत जिस दिन माल बिके उसी दिन भुगतान के प्रावधान को तुरन्त प्रभाव से लागू किया जाए ताकि बागवानों की मंडियों में हो रही लूट पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार किसानो व बागवानों के हित में मंडियों में कानून लागू करने के लिए ठोस कदम उठाए और जो भी इन कानूनों की अवहेलना करता है उसके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करे। ताकि मंडियों में किसानों व बागवानों के शोषण व लूट पर रोक लगाई जा सके।
शिमला , 07 अगस्त [ विशाल सूद ] ! संयुक्त किसान मंच का मानना है कि सरकार ने जबसे प्रदेश की मंडियों मे कानून लागू करने के आदेश पारित किए हैं तबसे कुछ आढ़ती, खरीददार व लदानी की मिलीभगत व मनमानी से प्रदेश की मंडियों में सभी कानूनों की उलंघना के प्रयास किए जा रहे है।
इनकी इस गैर कानूनी व गैर जिमेदाराना कार्यशैली से इस विकट आपदा के समय में किसानो बागवानों को परेशान किया जा रहा है। सरकार तुरन्त ऐसे आढ़तियों व खरीदारों पर कार्यवाही कर इनके लाईसेंस रद्द करें जो कानूनो की अवहेलना कर रहे है और मात्र उन्ही लोगों को मंडियों में कारोबार की इज़ाजत दी जाए जो सरकार द्वारा कानूनों के तहत जारी आदेशों के अनुसार ही कारोबार करना चाहते है। क्योंकि मंडियों मे कानून की अवहेलना की इज़ाजत नही दी जा सकती है और लदानियो व खरीददारो द्वारा अचानक इस प्रकार की गई, हड़ताल गैर कानूनी व किसान बागवान विरोधी कदम है।
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सरकार सभी आढ़तियों के साथ ही साथ सभी खरीददारों, लदानी व कारोबारियों का पंजीकरण एपीएमसी एक्ट 2005 की धारा, 40 के तहत करे। इसके साथ ही एपीएमसी एक्ट 2005 की धारा 39(2) की उपधारा के तहत खरीदार, लदानी व कारोबारी से बैंक गारंटी ली जाए तथा इनका कारोबार क्षमता के अनुसार ही करने की इजाज़त दी जाए। बागवानों का भुगतान भी एपीएमसी एक्ट 2005 की धारा 39(2) की उपधारा के तहत जिस दिन माल बिके उसी दिन भुगतान के प्रावधान को तुरन्त प्रभाव से लागू किया जाए ताकि बागवानों की मंडियों में हो रही लूट पर रोक लगाई जा सके।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानो व बागवानों के हित में मंडियों में कानून लागू करने के लिए ठोस कदम उठाए और जो भी इन कानूनों की अवहेलना करता है उसके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करे। ताकि मंडियों में किसानों व बागवानों के शोषण व लूट पर रोक लगाई जा सके।
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