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शिमला , 23 अगस्त [ विशाल सूद ] ! राजधानी शिमला में हो रही बारिश से जगह-जगह लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आ रही है बीती रात भट्टाकुफर वार्ड में लैंड स्लाइड के चलते भारी मालवा घरों पर आ गिरा जिसके चलते घरों को खतरा पैदा हो गया है और चार घरों को खाली करवा दिया गया है।मालवा के साथ ऊपर से पेड़ भी नीचे आ गिरे हैं। हालांकि पेड़ों को काटने के लिए काफी समय से स्थानीय लोग नगर निगम से गुहार लगा रहे थे लेकिन समय रहते इन पेड़ों को नहीं काटा गया जिसके चलते यह पेड़ नीचे आगे रहे हैं और नुकसान हुआ है। वहीं स्थानीय पार्षद नरेंद्र ठाकुर भी मौके पर पहुंचे हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। स्थानीय पार्षद नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि ऊपर से मालवा गिरने से भवनों को काफी खतरा हुआ है। इन भवनों को खाली करवा दिया गया है। इस मलबे के साथ कुछ पेड़ भी नीचे आ गए हैं इन पेड़ों को काटने के लिए 1 साल से नगर निगम से गुहार लगाई जा रही है लेकिन नगर निगम की अनदेखी के चलते इन पेड़ों को नहीं काटा गया और आज इससे काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने राहत बचाव कार्यों पर भी सवाल उठाए और कहा कि यहां पर काफी ज्यादा मालवा घरों पर आ गया और नगर निगम द्वारा केवल दो कर्मियों को भेजा गया है जबकि इस आपदा के समय अतिरिक्त कर्मचारियों को फील्ड में उतर जाना चाहिए। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 23 अगस्त [ विशाल सूद ] ! राजधानी शिमला में हो रही बारिश से जगह-जगह लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आ रही है बीती रात भट्टाकुफर वार्ड में लैंड स्लाइड के चलते भारी मालवा घरों पर आ गिरा जिसके चलते घरों को खतरा पैदा हो गया है और चार घरों को खाली करवा दिया गया है।मालवा के साथ ऊपर से पेड़ भी नीचे आ गिरे हैं।
हालांकि पेड़ों को काटने के लिए काफी समय से स्थानीय लोग नगर निगम से गुहार लगा रहे थे लेकिन समय रहते इन पेड़ों को नहीं काटा गया जिसके चलते यह पेड़ नीचे आगे रहे हैं और नुकसान हुआ है। वहीं स्थानीय पार्षद नरेंद्र ठाकुर भी मौके पर पहुंचे हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है।
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स्थानीय पार्षद नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि ऊपर से मालवा गिरने से भवनों को काफी खतरा हुआ है। इन भवनों को खाली करवा दिया गया है। इस मलबे के साथ कुछ पेड़ भी नीचे आ गए हैं इन पेड़ों को काटने के लिए 1 साल से नगर निगम से गुहार लगाई जा रही है लेकिन नगर निगम की अनदेखी के चलते इन पेड़ों को नहीं काटा गया और आज इससे काफी नुकसान हुआ है।
उन्होंने राहत बचाव कार्यों पर भी सवाल उठाए और कहा कि यहां पर काफी ज्यादा मालवा घरों पर आ गया और नगर निगम द्वारा केवल दो कर्मियों को भेजा गया है जबकि इस आपदा के समय अतिरिक्त कर्मचारियों को फील्ड में उतर जाना चाहिए।
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