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शिमला ! हिमाचल प्रदेश के बेरोजगार फिजिकल एजुकेशन प्रशिक्षुओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा।वीरवार को बेरोजगार प्रशिक्षुओं ने डीसी ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया इस दौरान प्रदर्शन कर प्रशिक्षुओं ने सरकार पर भेदभावपूर्ण नीति अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने भर्ती पर स्टे लगाया है। जिस वजह से भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही है। उनकी एक ही मांग है कि आरेंडपी रूल के तहत नियुक्ति की जाए।बेरोजगार शारीरिक शिक्षक संघ के बैनर तले करीब 300 की संख्या में प्रशिक्षु शिमला पहुंचे। जहां उन्होंने उपायुक्त कार्यालय का घेराव कर कहा कि सरकार ने हर कैटेगरी में नियुक्ति की, लेकिन हमारे बारे में कुछ नहीं सोचा। सरकारी स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों को खेलकूद गतिविधियां सिखाने में काफी समस्या आ रही है। इससे मालूम होता है कि प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कितनी जागरूक है। कहा कि स्कूलों में अगर शारीरिक शिक्षक नहीं होंगे तो खिलाड़ी कौन तैयार करेगा। सभी स्कूलों में सरकार ने योग और शतरंज विषय तो शुरू किए, लेकिन जब फिजिकल एजुकेशन के टीचर ही नहीं होंगे तो सिखाएगा कौन? सरकार कहती है कि खेलों को बढ़ावा दो, प्रधानमंत्री का भी यही नारा है खेलेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया ,इंडिया कैसे खेलेगा जब खिलाने वाला कोई नहीं होगा। हिमाचल प्रदेश बेरोजगार शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षु संघ के अध्यक्ष शशि ठाकुर का कहना है कि सरकार हमारे लिए जल्द नीति बहाल करे। हाल ही में प्रदेश सरकार ने शारीरिक शिक्षकों के 2000 पदों को भरने की घोषणा की है, उसे जल्द से जल्द पूरा किया जाए। फिजिकल एजुकेशन के टीचरों को आरेंडपी रूल के तहत नियुक्त किया जाए ।उन्होंने कहा कि यदि तय समय के अंदर सरकार नीति नहीं बनाती है तो पूरे प्रदेश के प्रशिक्षु सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार फिजिकल एजुकेशन प्रशिक्षुओं को उग्र आंदोलन के लिए मजबूर न करे।
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