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शिमला में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को तिब्बती समुदाय ने रोटरी क्लब में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया। इस प्रदर्शनी में 11वें पंचम लामा की रिहाई और दलाई लामा से जुड़ी यादों को दर्शाया गया। प्रदर्शनी का उद्देश्य बुद्ध पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध को याद करना और उनके बताए रास्ते पर चलना था। इस प्रदर्शनी के माध्यम से 11वें पंचम लामा को चीन की कैद से रिहा करने की मांग भी उठाई गई। तिब्बती यूनियन के अध्यक्ष ताशी लामा ने बताया कि बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर तिब्बती संस्कृति को बचाने के लिए ये प्रदर्शनी लगाई गई है।उन्होंने कहा कि बीते 2 साल से कोरोना संकट के कारण बुद्ध पूर्णिमा पर कोई भी कार्यक्रम नहीं हो रहा था। लेकिन इस बार कोरोना के मामलों में आई कमी के बाद ही ये प्रदर्शनी लगाई गई है। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्कृति को बचाने के लिए भाषा का अहम योगदान होता है। उन्होंने कहा कि 11वे पंचम लामा ने तिब्बती भाषा को बचाने का प्रयास किया था, ताकि तिब्बती सभ्यता लुप्त न हो। उन्होंने कहा कि तिब्बती सभयता की अपनी एक अलग पहचान है और लामा का अपना महत्व है। उन्होंने कहा कि बिना किसी वजह के चीन ने उनके 11वें लामा को अपनी कैद में रखे है, जो गलत है।ऐसे में उन्हें जल्द रिहा किया जाना चाहिए।
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