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शिमला ! हिमाचल प्रदेश में मॉनसून आफत लेकर आया है. शिमला के मशोबरा इलाके में भी लैंडस्लाइड होने की वजह से छह भवन खतरे की जद में आ गए हैं. दरअसल, मशोबरा में दिल्ली के बिल्डर की ओर से फ्लैट बनाने का काम किया जा रहा था. इन फ्लैट के लिए निजी सड़क बनाई जा रही थी. इसी बीच मॉनसून की शुरुआत होने से ऊपर बने 6 भवनों पर खतरा मंडराता नजर आ रहा है. इन भवनों की नींव कच्ची हो गई है. बारिश होने पर यह मकान कभी-भी जमींदोज हो सकते हैं। इन छह भवनों में रह रहे लोगों का कहना है कि वे 30 साल से यहां रह रहे हैं. नई बिल्डिंग बना रहे बिल्डर ने गलत तरीके से पहाड़ी की खुदाई की. इस वजह से उनके मकानों पर खतरा मंडराता नजर आ रहा है. इनके भवनों में करीब 30 परिवारों के 200 लोग रहते हैं. प्रशासन की ओर से खतरे को देखते हुए इन मकानों को खाली करा दिया गया है। वहीं, शिमला नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर शैलेंद्र चौहान ने प्रशासन से मांग की है कि जिन लोगों के मकान खतरे की जद में आए हैं, उन्हें बिल्डर की ओर से मकान बना कर दिया जाए. उन्होंने कहा कि इन लोगों की यहां करीब 25 से 30 साल से रिहाइश है. ऐसे में इन्हें प्रशासन को इन्हें जल्द राहत उपलब्ध करवाने चाहिए।
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