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शिमला ! बेमौसमी बरसात ओलावृष्टी और भारी बर्फवारी के कहर से निपटने के लिए बागवानी मंत्री ने उठाये कदम अधिकारियों सहित अन्य फसल बीमा कंपनी और फल उत्पादक संघ के साथ की गहन चर्चा की गई ! बागवानी अधिकारियों को 15 दिन में नुकसान के आंकलन की देनी होगी रिपोर्ट ! प्रदेश में हाल ही में बेमौसमी बरसात और भारी बर्फवारी के कारण बागवानों को भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश के बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने सोमवार को बागवानी अधिकारियों सहित फसल बिमा कंपनियों और फल उत्पादक संघ बैठक का आयोजन किया। बैठक में सेब तथा अन्य फसलों के नुकासन के आंकलन पर चर्चा की गई। जिसमें मुख्य रूप से सेब बागवानों को हुए नुकसान के आंकलन लाने के निर्देश दिये गये। वहीं इस दौरान बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि शिमला सहित किनौर, मंडी, कुल्लु, चंबा, लोहल स्पिती तथा सिरमौर जिलों के उद्यान उपनिदेशों की अधिक्षता में कमेटियों का गठन किया जाये। कमेंटियों में विश्व विद्यालय के विज्ञानिक ,राजस्व विभाग के अधिकारियों बागवानों और बिमा कंपनियों के प्रतिनिधियों को भी समलित किया जाए। बैठक में अधिकारियों को निर्देश जारी किय गये हैं कि नुकसान के आंकलन की विस्तरित रिर्पोट 15 दिनों में विडियांे ग्राफी सहित प्रदेश सरकार को भेजी जाए। बागवानी मंत्री ने कहा कि संबंधित क्षेत्रों के एसडीएम इस कार्य की समिक्षा रोजाना करें और रोजाना की रिपोर्ट भी बागवानी मंत्री के कार्यलय में भेजे। बागवानी मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि उद्यानविभाग ने प्रदेश के बागवानों को पौध संरक्षण दवाईयों के अनुदान को सीध ेकिसानों/बागवानों के बैंक ,खातो ंमे वितरित करने का निर्णय लिया है। ताकि दवाईयों के वितरण मे दक्षता, प्रभावशीलता व जबावदेही लाई जा सके तथा प्रदेश के अधिक से अधिकलघु एवं सीमांन्त बागवानो ंकोइ सका लाभ मिल सके। वर्तमान मे विभाग के लगभग 355 पौध संरक्षण केन्द्रों मे विभागीय अधिकारी दवाईयों की वितरण प्रक्रिया में लगे है, क्ठज् लागू होने से इन अधिकारियों की सेवा आधुनिक बागवानी तकनीक एवं योजनाओं के प्रचार-प्रसारहेतू की जा सकेगी। क्ठज् लागू होने से, समय अवधि समाप्त होने पर खराब होने वाली दवाइयो ंपर सरकार का प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लाखों रूपये का नुकसान होता था, उससे बचा जा सकता है। किसान-बागवान अपनी पसन्दानुसार विश्वविद्यालय एवं विभाग द्वारा सुझाई गई पौध संरक्षण दवाईयां बाजार से खरीद सकेंगे। विभाग द्वारा विभागीय छिडकाव सारणी मे दर्शाइ गई सभी दवाईयों के दामतय किये जाऐगे ंताकि बागवानो ंको प्रदेश के हर हिस्से मे एक समान दामपर दवाईयां मिल सके। दवाईयों की गुणवता सुनिश्चित करने हेतू कीटनाशक अधिनियम 1968 के अनुसार विभागीय अधिकारियों द्वारा नमूने लेकर कृषिविभाग की प्रयोगशाला बालूगंज मे जाॅंच हेतू भेजा जाता है तथा नमूने के फेल होने पर अधिनियम के अनुसार कार्यवाही अमल मे लाई जाती है। ओलाअवरोधक जालियों को लगाने हेतू सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 कृषि उत्पाद संरक्षण (एन्टी हेल नेट) योजना कुशी ;ज्ञन्ैभ्ल्द्ध चलाई जा रही है, जिसमें स्टील की स्थाई संरचना के निर्माण पर बागवानों को 50ःअनुदान का प्रावधान किया गया है। इस वर्ष ज्ञन्ैभ्ल् योजना के अन्तर्गत 20 करोड धनराशी का प्रावधान किया गयाहै। बैठक में बागवनी विभाग के निदेशक डा0 जेपी शर्मा, डा0 डीपी सिंह अतिरिक्त निदेशक उद्यान, संयुक्त निदेशक सहित अन्य बागवनी अधिकारी शामिल हुए इस दौरान हिमाचल फल उत्पाक संघ के अध्यक्ष हरिश चौहान तथा फसल बीमा कंपनियों के आला अधिकारी भी उपस्थित रहे।
शिमला ! बेमौसमी बरसात ओलावृष्टी और भारी बर्फवारी के कहर से निपटने के लिए बागवानी मंत्री ने उठाये कदम अधिकारियों सहित अन्य फसल बीमा कंपनी और फल उत्पादक संघ के साथ की गहन चर्चा की गई ! बागवानी अधिकारियों को 15 दिन में नुकसान के आंकलन की देनी होगी रिपोर्ट !
प्रदेश में हाल ही में बेमौसमी बरसात और भारी बर्फवारी के कारण बागवानों को भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश के बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने सोमवार को बागवानी अधिकारियों सहित फसल बिमा कंपनियों और फल उत्पादक संघ बैठक का आयोजन किया। बैठक में सेब तथा अन्य फसलों के नुकासन के आंकलन पर चर्चा की गई। जिसमें मुख्य रूप से सेब बागवानों को हुए नुकसान के आंकलन लाने के निर्देश दिये गये। वहीं इस दौरान बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि शिमला सहित किनौर, मंडी, कुल्लु, चंबा, लोहल स्पिती तथा सिरमौर जिलों के उद्यान उपनिदेशों की अधिक्षता में कमेटियों का गठन किया जाये। कमेंटियों में विश्व विद्यालय के विज्ञानिक ,राजस्व विभाग के अधिकारियों बागवानों और बिमा कंपनियों के प्रतिनिधियों को भी समलित किया जाए। बैठक में अधिकारियों को निर्देश जारी किय गये हैं कि नुकसान के आंकलन की विस्तरित रिर्पोट 15 दिनों में विडियांे ग्राफी सहित प्रदेश सरकार को भेजी जाए। बागवानी मंत्री ने कहा कि संबंधित क्षेत्रों के एसडीएम इस कार्य की समिक्षा रोजाना करें और रोजाना की रिपोर्ट भी बागवानी मंत्री के कार्यलय में भेजे।
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बागवानी मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि उद्यानविभाग ने प्रदेश के बागवानों को पौध संरक्षण दवाईयों के अनुदान को सीध ेकिसानों/बागवानों के बैंक ,खातो ंमे वितरित करने का निर्णय लिया है। ताकि दवाईयों के वितरण मे दक्षता, प्रभावशीलता व जबावदेही लाई जा सके तथा प्रदेश के अधिक से अधिकलघु एवं सीमांन्त बागवानो ंकोइ सका लाभ मिल सके। वर्तमान मे विभाग के लगभग 355 पौध संरक्षण केन्द्रों मे विभागीय अधिकारी दवाईयों की वितरण प्रक्रिया में लगे है, क्ठज् लागू होने से इन अधिकारियों की सेवा आधुनिक बागवानी तकनीक एवं योजनाओं के प्रचार-प्रसारहेतू की जा सकेगी। क्ठज् लागू होने से, समय अवधि समाप्त होने पर खराब होने वाली दवाइयो ंपर सरकार का प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लाखों रूपये का नुकसान होता था, उससे बचा जा सकता है। किसान-बागवान अपनी पसन्दानुसार विश्वविद्यालय एवं विभाग द्वारा सुझाई गई पौध संरक्षण दवाईयां बाजार से खरीद सकेंगे। विभाग द्वारा विभागीय छिडकाव सारणी मे दर्शाइ गई सभी दवाईयों के दामतय किये जाऐगे ंताकि बागवानो ंको प्रदेश के हर हिस्से मे एक समान दामपर दवाईयां मिल सके। दवाईयों की गुणवता सुनिश्चित करने हेतू कीटनाशक अधिनियम 1968 के अनुसार विभागीय अधिकारियों द्वारा नमूने लेकर कृषिविभाग की प्रयोगशाला बालूगंज मे जाॅंच हेतू भेजा जाता है तथा नमूने के फेल होने पर अधिनियम के अनुसार कार्यवाही अमल मे लाई जाती है।
ओलाअवरोधक जालियों को लगाने हेतू सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 कृषि उत्पाद संरक्षण (एन्टी हेल नेट) योजना कुशी ;ज्ञन्ैभ्ल्द्ध चलाई जा रही है, जिसमें स्टील की स्थाई संरचना के निर्माण पर बागवानों को 50ःअनुदान का प्रावधान किया गया है। इस वर्ष ज्ञन्ैभ्ल् योजना के अन्तर्गत 20 करोड धनराशी का प्रावधान किया गयाहै। बैठक में बागवनी विभाग के निदेशक डा0 जेपी शर्मा, डा0 डीपी सिंह अतिरिक्त निदेशक उद्यान, संयुक्त निदेशक सहित अन्य बागवनी अधिकारी शामिल हुए इस दौरान हिमाचल फल उत्पाक संघ के अध्यक्ष हरिश चौहान तथा फसल बीमा कंपनियों के आला अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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