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शिमला ,13 फरवरी [ विशाल सूद ] ! राजधानी शिमला में गर्मियों के दौरान पानी की किल्लत लोगों को न हो इसके लिए नगर निगम ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। नगर निगम शिमला शहर में के साथ लगते क्षेत्रों में प्राकृतिक चश्मो से पानी एकत्रित कर शिमला लाने जा रहा है। नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान ने मंगलवार को शहर की डिप्टी मेयर उमा कौशल और नगर निगम के सभी पार्षदों के साथ सियोग का दौरा किया। यहां पर अंग्रेजों के समय के बने हुए टैंक में ढाई फीट तक पानी भरा, ट्रायल के दौरान इसमें कोई भी लीकेज नहीं पाई गई है। अब इस टैंक में आने वाले समय में पानी भरने के बाद यहां से सप्लाई संजौली तक पहुंचाई जाएगी । इसके बाद शहर को पानी की सप्लाई मिल सकेगी। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि यहां पर लगभग 18 छोटे-बड़े प्राकृतिक चश्मे हैं, इन सभी चश्मा को जोड़कर एक बड़ा पेयजल स्रोत तैयार किया जाएगा। इससे तीन से चार एमएलडी पानी रोजाना शहर को मिल सकेगा। शहर में बरसात के दौरान पानी में सील्ट आने के चलते लोगों को पानी की सप्लाई कम मिलती है। अमूमन बरसात में भी शहर में लोगों को पानी की राशनिंग से जूझना पड़ता है। इस कमी को दूर करने के लिए एडवांस में ही तैयारी शुरू कर दी है। नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि आज पार्षद ओर अधिकारियों के साथ सियोग का दौरा किया है। यहां पर अंग्रेजों का बना हुआ टैंक है जिसकी मरम्मत कार्य किया गया है और आज इसका ट्रायल किया गया है ओर अब इसमें लीकेज नही हो रही है। यहां पर आसपास भी 18 के करीब छोटे-बड़े प्राकृतिक चश्मा हैं जिसका पानी एकत्रित कर शिमला के लिए लाया जाएगा ताकि बरसात के समय जब पेयजल परियोजनाओं में गार्ड आती है तो उसे समय लोगों को यहां से पानी दिया जाएगा
शिमला ,13 फरवरी [ विशाल सूद ] ! राजधानी शिमला में गर्मियों के दौरान पानी की किल्लत लोगों को न हो इसके लिए नगर निगम ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। नगर निगम शिमला शहर में के साथ लगते क्षेत्रों में प्राकृतिक चश्मो से पानी एकत्रित कर शिमला लाने जा रहा है। नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान ने मंगलवार को शहर की डिप्टी मेयर उमा कौशल और नगर निगम के सभी पार्षदों के साथ सियोग का दौरा किया।
यहां पर अंग्रेजों के समय के बने हुए टैंक में ढाई फीट तक पानी भरा, ट्रायल के दौरान इसमें कोई भी लीकेज नहीं पाई गई है। अब इस टैंक में आने वाले समय में पानी भरने के बाद यहां से सप्लाई संजौली तक पहुंचाई जाएगी । इसके बाद शहर को पानी की सप्लाई मिल सकेगी। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि यहां पर लगभग 18 छोटे-बड़े प्राकृतिक चश्मे हैं, इन सभी चश्मा को जोड़कर एक बड़ा पेयजल स्रोत तैयार किया जाएगा।
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इससे तीन से चार एमएलडी पानी रोजाना शहर को मिल सकेगा। शहर में बरसात के दौरान पानी में सील्ट आने के चलते लोगों को पानी की सप्लाई कम मिलती है। अमूमन बरसात में भी शहर में लोगों को पानी की राशनिंग से जूझना पड़ता है। इस कमी को दूर करने के लिए एडवांस में ही तैयारी शुरू कर दी है।
नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि आज पार्षद ओर अधिकारियों के साथ सियोग का दौरा किया है। यहां पर अंग्रेजों का बना हुआ टैंक है जिसकी मरम्मत कार्य किया गया है और आज इसका ट्रायल किया गया है ओर अब इसमें लीकेज नही हो रही है।
यहां पर आसपास भी 18 के करीब छोटे-बड़े प्राकृतिक चश्मा हैं जिसका पानी एकत्रित कर शिमला के लिए लाया जाएगा ताकि बरसात के समय जब पेयजल परियोजनाओं में गार्ड आती है तो उसे समय लोगों को यहां से पानी दिया जाएगा
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