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शिमला ,13 फरवरी ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि प्रदेश की लगभग 90 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। इन क्षेत्रों के लिए बेहतर अधोसंरचना निर्मित करने तथा ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार ने इस महत्वपूर्ण क्षेत्र के लिए एक हजार करोड़ रुपये का प्रावधान करने का निर्णय लिया है। ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था का मुख्य स्रोत पशुपालन है। प्रदेश सरकार पशु पालकों से 80 रुपये प्रति लीटर गाय का दूध और 100 रुपये की दर से भैंस का दूध खरीदेगी। प्रदेश सरकार के इस निर्णय से राज्य के किसानों को प्रतिमाह 24 से 30 हजार रुपये तक की आमदनी होगी। इससे न केवल किसान पशु पालन अपनाने के लिए प्रेरित होंगे बल्कि प्रदेश के युवाओं के लिए स्वरोजगार के बेहतर अवसर भी प्राप्त होंगे। पशु पालकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गाय का गोबर खरीदने पर विचार कर रही है। इससे किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ होगी और लोग प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे। मुख्यमंत्री के इन निर्णयों ने यह सिद्ध किया है कि वर्तमान प्रदेश सरकार सत्ता के लिए नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के ध्येय के साथ कार्य कर रही है। इसके लिए प्रदेश के लोगों की सक्रिय भागीदारी भी अपेक्षित है। प्रदेशवासियों की सक्रिय भागीदारी और सहयोग से ही प्रदेश की आर्थिक स्थिति को पुनः पटरी पर लाया जा सकता है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला ,13 फरवरी ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि प्रदेश की लगभग 90 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। इन क्षेत्रों के लिए बेहतर अधोसंरचना निर्मित करने तथा ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार ने इस महत्वपूर्ण क्षेत्र के लिए एक हजार करोड़ रुपये का प्रावधान करने का निर्णय लिया है।
ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था का मुख्य स्रोत पशुपालन है। प्रदेश सरकार पशु पालकों से 80 रुपये प्रति लीटर गाय का दूध और 100 रुपये की दर से भैंस का दूध खरीदेगी। प्रदेश सरकार के इस निर्णय से राज्य के किसानों को प्रतिमाह 24 से 30 हजार रुपये तक की आमदनी होगी। इससे न केवल किसान पशु पालन अपनाने के लिए प्रेरित होंगे बल्कि प्रदेश के युवाओं के लिए स्वरोजगार के बेहतर अवसर भी प्राप्त होंगे।
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पशु पालकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गाय का गोबर खरीदने पर विचार कर रही है। इससे किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ होगी और लोग प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे। मुख्यमंत्री के इन निर्णयों ने यह सिद्ध किया है कि वर्तमान प्रदेश सरकार सत्ता के लिए नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के ध्येय के साथ कार्य कर रही है। इसके लिए प्रदेश के लोगों की सक्रिय भागीदारी भी अपेक्षित है। प्रदेशवासियों की सक्रिय भागीदारी और सहयोग से ही प्रदेश की आर्थिक स्थिति को पुनः पटरी पर लाया जा सकता है।
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