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शिमला ! कृषि, ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं पशुपालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने आज यहां बताया कि केन्द्र सरकार ने पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण योजना के तहत राज्य में 44 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों के लिए 7.04 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। वीरेन्द्र कंवर ने प्रदेश के लिए यह राशि स्वीकृत करने के लिए केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों के माध्यम से प्रदेश के दूर दराज क्षेत्रों में पशु चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी। इन इकाइयों के माध्यम से लोगों के घर-द्वार के समीप उनके पशुओं की बीमारियों का निदान और उपचार करने में मदद मिलेगी। प्रत्येक मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई की खरीद व अनुकूलन पर 16 लाख रुपये व्यय करने का प्रावधान किया गया है। पशुपालन मंत्री ने कहा कि पशुपालन प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने मंे अपना योगदान दे रहा है, जिसके दृष्टिगत राज्य सरकार ने पशुपालकों के लिए अनेक योजनाएं आरम्भ की हैं। पशुओं के स्वास्थ्य की उचित देखभाल के लिए पशु स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा गत चार वर्षों के दौरान प्रदेश में एक पशु चिकित्सा अस्पताल, एक नया पशु पाॅलीक्लीनिक तथा 10 नए पशु औषधालय खोले गए हैं। 23 पशु औषधालयों को पशु अस्पताल, एक पशु औषधालय को जोनल पशु अस्पताल और एक पशु अस्पताल को उप-मण्डलीय पशु अस्पताल में स्तरोन्नत किया गया है। उन्हांेने कहा कि प्रदेश में नई पशु प्रजनन नीति लागू की गई है, जिसमें साहिवाल, रेड सिंधी, गीर तथा थारपार्कर प्रजातियों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के तहत प्रदेश को केन्द्र सरकार से 30.58 करोड़ रुपये भी प्राप्त हुए हैं। हिमाचली पहाड़ी नस्ल के पशुओं के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत जिला सिरमौर के कोटला बड़ोग में हिमाचली पहाड़ी गाय फाॅर्म की स्थापना की जा रही है।
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