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शिमला ! भारत सरकार टीबी रोग को जड़ से खत्म में जुटी हुई है। इस रोग को मिटाने में हिमाचल भी अग्रणी भूमिका अदा कर रहा है। हिमाचल सरकार ने राज्य से साल 2030 तक टीबी रोग को जड़ से मिटाने की प्रतिबद्धता जताई है। जिस कारण अब हिमाचल सरकार ने टीबी मरीजों का इलाज का खर्च उठाने जा रही है। हिमाचल सरकार ने टीबी उन्मूलन को लेकर एक योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत हिमाचल सरकार सरकारी अस्पतालों और ऐसे अस्पताल जो हिमाचल सरकार के मुख्यमंत्री क्षय रोग निवारण योजना के अंतर्गत है, उन अस्पतालों में इलाज कराने वालों को निशुल्क इलाज की व्यवस्था प्रदान करेगी। साथ ही अब मरीजों को सीटी स्कैन और एमआरआई खर्चों का वहन भी नहीं करना पड़ेगा। अगर किसी भी परिस्थिति में मरीज इलाज का खर्च वहन करता है, तो सरकार इलाज का रसीद दिखाने पर पूरा पैसा वापस करेगी। आपको बता दें कि देश भर के 50 लाख से अधिक आबादी वाले राज्यों की श्रेणी में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम प्रोग्रेमेटिक इंटरवेंशन में हिमाचल को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत राज्यों के कार्यक्रम संबंधी मध्यक्षेप की रैंकिंग की, जिसमें हिमाचल प्रदेश को देश में प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया है। भारत सरकार ने क्षय रोग उन्मूलन के लिए राज्य और जिला स्तरीय उप राष्ट्रीय प्रमाणन कार्यक्रम भी शुरू किया है। इसके अंतर्गत फरवरी 2021 में एक सर्वेक्षण किया गया था। जिसमें हिमाचल प्रदेश में टीबी उन्मूलन के लिए ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा, लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिलों ने आवेदन किए थे. इसका परिणाम आज विश्व टीबी दिवस के अवसर पर घोषित किया गया।
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