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शिमला ! शहरी विकास एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सहकारिता विभाग और प्रदेश के सहकारी बैंक आम जनता को कोरोना महामारी के कारन उत्पन्न हुई परिस्थिति में राहत देने के लिए योजनाएं बनाएं। आज सहकारिता विभाग व बैंकों कि बैठक के दौरान मंत्री ने बैंकों को निर्देश दिए कि एनपीए घटाने के साथ साथ सहकारिता बैंकों का मूल ध्येय जो कि ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे लोगों का सहयोग व उत्थान करना था, उस पर विशेष ध्यान देना चाहिए। बैठक में प्रदेश के तीनों सहकारी बैंक-- राज्य सहकारी बैंक, जोगिंद्र बैंक व कांगड़ा कोआपरेटिव बैंक के अधिकारी शामिल हुए। अधिक जानकारी देते हुए भारद्वाज ने बताया कि पिछले एक साल में सहकारी बैंकों ने आम लोगों कि मदद के लिए बहुत सी योजनाएं चलाई हैं। उन्होंने कहा कि इन बैंकों ने लोगों को रहत देने के लिए 30000 से अधिक लोगों को ऋण प्रदान किये जिन के माध्यम से लगभग 450 करोड़ का आबंटन किया गया। मंत्री ने आदेश दिए कि सहकारिता विभाग व बैंक इन योजनाओं का प्रचार प्रसार करे जिस से लोगों तक सही जानकारी पहुँच सके और अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो। सहकारिता मंत्री ने कहा कि इस कोरोना काम में किसानों, बागवानों, और छोटे व्यवसाइयों का कारोबार प्रभावित हुआ है। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए बैंकों को अपनी ऋण योजनाओं का निर्धारण कर अधिक से अधिक लोगों को ऋण सुविधा उपलब्ध कराने हेतु आगे आना होगा ताकि प्रभावित वर्ग अपनी दैनिक गतिविधियों को संचालित कर अपने कारोबार को गति दे सके। मंत्री ने कहा कि सहकारी बैंकों ने बहुत सी ऐसी योजनाएं चलाई है जिनका अधिक प्रचार नहीं हुआ लेकिन फिर भी काफी लोगों ने उसका लाभ लिया है। सभी बैंक एक दूसरे द्वारा चलायी गयी ऐसी योजनाओं का विश्लेषण कर इनका कार्यान्वयन करे। उन्होंने कहा की बहुत सी योजनाएं पशुपालन, स्वरोजगार क्रेडिट, स्ट्रीट वेंडर्स हेतु चलायी जा रही हैं जिसमे बैंकों ने अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा की अकेले राज्य सहकारिता बैंक ने कोरोना काल में लगभग 26,000 लोगों को ऋण आबंटन किया जिसमे लगभग 340 करोड़ रूपये आबंटित किये गए। इसी वर्ष एक अप्रेल से राज्य सहकारी बैंक द्वारा 3655 केस पारित किये जिसमे 152 करोड़ का आबंटन हुआ ।
शिमला ! शहरी विकास एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सहकारिता विभाग और प्रदेश के सहकारी बैंक आम जनता को कोरोना महामारी के कारन उत्पन्न हुई परिस्थिति में राहत देने के लिए योजनाएं बनाएं।
आज सहकारिता विभाग व बैंकों कि बैठक के दौरान मंत्री ने बैंकों को निर्देश दिए कि एनपीए घटाने के साथ साथ सहकारिता बैंकों का मूल ध्येय जो कि ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे लोगों का सहयोग व उत्थान करना था, उस पर विशेष ध्यान देना चाहिए। बैठक में प्रदेश के तीनों सहकारी बैंक-- राज्य सहकारी बैंक, जोगिंद्र बैंक व कांगड़ा कोआपरेटिव बैंक के अधिकारी शामिल हुए।
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अधिक जानकारी देते हुए भारद्वाज ने बताया कि पिछले एक साल में सहकारी बैंकों ने आम लोगों कि मदद के लिए बहुत सी योजनाएं चलाई हैं। उन्होंने कहा कि इन बैंकों ने लोगों को रहत देने के लिए 30000 से अधिक लोगों को ऋण प्रदान किये जिन के माध्यम से लगभग 450 करोड़ का आबंटन किया गया।
मंत्री ने आदेश दिए कि सहकारिता विभाग व बैंक इन योजनाओं का प्रचार प्रसार करे जिस से लोगों तक सही जानकारी पहुँच सके और अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो। सहकारिता मंत्री ने कहा कि इस कोरोना काम में किसानों, बागवानों, और छोटे व्यवसाइयों का कारोबार प्रभावित हुआ है। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए बैंकों को अपनी ऋण योजनाओं का निर्धारण कर अधिक से अधिक लोगों को ऋण सुविधा उपलब्ध कराने हेतु आगे आना होगा ताकि प्रभावित वर्ग अपनी दैनिक गतिविधियों को संचालित कर अपने कारोबार को गति दे सके।
मंत्री ने कहा कि सहकारी बैंकों ने बहुत सी ऐसी योजनाएं चलाई है जिनका अधिक प्रचार नहीं हुआ लेकिन फिर भी काफी लोगों ने उसका लाभ लिया है। सभी बैंक एक दूसरे द्वारा चलायी गयी ऐसी योजनाओं का विश्लेषण कर इनका कार्यान्वयन करे।
उन्होंने कहा की बहुत सी योजनाएं पशुपालन, स्वरोजगार क्रेडिट, स्ट्रीट वेंडर्स हेतु चलायी जा रही हैं जिसमे बैंकों ने अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा की अकेले राज्य सहकारिता बैंक ने कोरोना काल में लगभग 26,000 लोगों को ऋण आबंटन किया जिसमे लगभग 340 करोड़ रूपये आबंटित किये गए। इसी वर्ष एक अप्रेल से राज्य सहकारी बैंक द्वारा 3655 केस पारित किये जिसमे 152 करोड़ का आबंटन हुआ ।
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