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शिमला ! हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल IGMC में पहली बार आहार नली के कैंसर का ऑपरेशन हाइटेक लेप्रोस्कोपिक तकनीक से बिना चीर-फाड़ ऑपरेशन किया गया है। 74 वर्षीय बुज़ुर्ग मरीज़ का इस तकनीक से सफल ऑपरेशन कर जीवनदान दिया गया है। कैंसर सर्जन डीके वर्मा ने बताया कि इस तकनीक से अभी तक हिमाचल के किसी भी अस्पताल में ऑपरेशन नहीं किया गया है। बड़े शहरों में इस ऑपरेशन पर चार से पांच लाख रुपए खर्च आता है लेकिन IGMC में निःशुल्क सर्जरी की गई है। खाने-पीने में परेशानी हो रही हो तो मरीजों को लगता है कि एसिडिटी के कारण ऐसा हो रहा है। बार-बार मिचली आने को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। कई बार यह कैंसर का लक्षण हो सकता है। ऐसे में विशेषज्ञ डॉक्टर से इलाज करवाना चाहिए। आहार नली के कैंसर का कारण तंबाखू व गुड़ाखू भी है। जिस महिला मरीज का ऑपरेशन किया गया, उनमें एक को गुड़ाखू करने की लत थी। वहीं दूसरी महिला इस तरह का नशा नहीं करती है। आहार नली के कैंसर का ऑपरेशन संभव है। वास्तव में मनुष्य के शरीर में स्थित आहार नली, मुंह से पेट तक भोजन ले जाने का काम करती है। जब यह नली कैंसर ग्रस्त हो जाती है तो उसे इसोफेगल कैंसर कहते हैं।
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