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शिमला ! प्रदेश में स्कूली छात्रों की परफॉर्मेंस जांचने के लिए राज्य स्तरीय उपलब्धि सर्वेक्षण (SLAS)किया गया. समग्र शिक्षा व STARS प्रोजेक्ट के तहत राज्य में पहली बार कराए गए इस सर्वेक्षण में दो हजार स्कूलों के 45000 छात्रों ने हिस्सा लिया. राज्य स्तरीय उपलब्धि सर्वेक्षण (SLAS) इस साल 12 फरवरी से 16 मार्च तक प्रदेश के सभी 12 जिलों में 2000 स्कूलों में कराया गया. इसके तहत कक्षा 2, 4, 7 और 9 के छात्रों का हिंदी, गणित व विज्ञान विषय का मूल्यांकन किया गया. यह मूल्यांकन, समग्र शिक्षा, STARS परियोजना के अंतर्गत और टेक्निकल पार्टनर Convegenius Insights के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया. यह देश में अब तक के टैबलेट आधारित राज्यस्तरीय उपलब्धि सर्वेक्षणों में से एक है, जिसमें करीब 45,000 छात्रों का मूल्यांकन किया गया है. इस सर्वेक्षण का उद्देश्य इन कक्षाओं में छात्रों के सीखने के स्तरों का विश्लेषण करना और इसके आधार पर एक निदानात्मक मूल्यांकन पद्धति के रूप में कार्य करना और छात्रों के सीखने के तौर तरीकों में सुधार करना है। इसी सर्वे में विशेष आवश्यकताओं वाले छात्रों (CwSN) का भी मूल्यांकन किया गया है और इसके तहत करीब 350 छात्रों का सैंपल साइज लिया गया है। यह कदम राज्य सरकार का समावेशी शिक्षा की ओर एक मजबूत कदम है. विशेष आवश्यकताओं वाले छात्रों के लिए कुल 13 सीखने की आवश्यकताएं चयनित की गईं, जिनका मूल्यांकन करना संभव था और जिनमें छात्रों का सबसे बड़ा अनुपात था। इन वर्गों के छात्रों में मुख्यतौर पर चार समूहों में बांटा गया, जिसमें लोकोमोटर विकलांगता, रक्त विकार, हियरिंग इंपेयर्ड और विजुअल इंपेयर्ड शामिल है इन छात्रों के लिए एक विशेष सेट का मूल्यांकन उपकरण बनाया गया है. राज्यस्तरीय उपलब्धि सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर शिक्षा विभाग व समग्र शिक्षा विशेष कदम उठाएगा।
शिमला ! प्रदेश में स्कूली छात्रों की परफॉर्मेंस जांचने के लिए राज्य स्तरीय उपलब्धि सर्वेक्षण (SLAS)किया गया. समग्र शिक्षा व STARS प्रोजेक्ट के तहत राज्य में पहली बार कराए गए इस सर्वेक्षण में दो हजार स्कूलों के 45000 छात्रों ने हिस्सा लिया.
राज्य स्तरीय उपलब्धि सर्वेक्षण (SLAS) इस साल 12 फरवरी से 16 मार्च तक प्रदेश के सभी 12 जिलों में 2000 स्कूलों में कराया गया. इसके तहत कक्षा 2, 4, 7 और 9 के छात्रों का हिंदी, गणित व विज्ञान विषय का मूल्यांकन किया गया. यह मूल्यांकन, समग्र शिक्षा, STARS परियोजना के अंतर्गत और टेक्निकल पार्टनर Convegenius Insights के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया. यह देश में अब तक के टैबलेट आधारित राज्यस्तरीय उपलब्धि सर्वेक्षणों में से एक है, जिसमें करीब 45,000 छात्रों का मूल्यांकन किया गया है. इस सर्वेक्षण का उद्देश्य इन कक्षाओं में छात्रों के सीखने के स्तरों का विश्लेषण करना और इसके आधार पर एक निदानात्मक मूल्यांकन पद्धति के रूप में कार्य करना और छात्रों के सीखने के तौर तरीकों में सुधार करना है।
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इसी सर्वे में विशेष आवश्यकताओं वाले छात्रों (CwSN) का भी मूल्यांकन किया गया है और इसके तहत करीब 350 छात्रों का सैंपल साइज लिया गया है। यह कदम राज्य सरकार का समावेशी शिक्षा की ओर एक मजबूत कदम है. विशेष आवश्यकताओं वाले छात्रों के लिए कुल 13 सीखने की आवश्यकताएं चयनित की गईं, जिनका मूल्यांकन करना संभव था और जिनमें छात्रों का सबसे बड़ा अनुपात था। इन वर्गों के छात्रों में मुख्यतौर पर चार समूहों में बांटा गया, जिसमें लोकोमोटर विकलांगता, रक्त विकार, हियरिंग इंपेयर्ड और विजुअल इंपेयर्ड शामिल है इन छात्रों के लिए एक विशेष सेट का मूल्यांकन उपकरण बनाया गया है. राज्यस्तरीय उपलब्धि सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर शिक्षा विभाग व समग्र शिक्षा विशेष कदम उठाएगा।
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