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शिमला ! सुप्रीम कोर्ट से हिमाचल को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट से प्रदेश के 605 प्रोजेक्ट को एफसीए और एफआरए की मंजूरी मिल गई है। लंबे समय से इन प्रोजेक्ट्स की मंजूरी के लिए चल रहे थे प्रयास। 138 एफसीए के मामले हैं, जबकि 465 एफआरए के मामलों को मंजूरी दे दी गई है। कोर्ट ने वन विभाग द्वारा राहत प्रदान करने को लेकर दायर अलग-अलग याचिकाओं की सुनवाई करते हुए हिमाचल में आधा दर्जन से अधिक पावर प्रोजेक्टों, 200 से अधिक सड़कों, आधा दर्जन से अधिक ट्रांसमिशन लाइनों, हेलिपेड, स्कूल भवनों के साथ-साथ अस्पतालों व पेयजल योजनाओं के निर्माण को हरी झंडी दे दी है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार से सहयोग मिलने को लेकर धन्यवाद किया है उन्होंने शिमला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में 600 विकास प्रोजेक्ट एफसीए और एफआरए की वजह से शुरू नहीं हो पा रही थीं। सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में प्रदेश में एफसीए से जुड़े विभिन्न मामलों की सुनवाई हुई।इस निर्णय का स्वागत किया है सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, प्रदेश के महाधिवक्ता अशोक शर्मा व कोर्ट मित्र एडीएन राव ने इन मामलों में अदालत के समक्ष अपना पक्ष रखा। कोर्ट ने 3 हाईड्रो प्रोजेक्टों, एक आईआईटी, 27 सड़कों, मॉडल स्कूल व एक हाईब्रिड पावर प्रोजेक्ट व कार पार्किंग समेत 40 परियोजनाओं को निर्माण की हरी झंडी दे दी। वहीं एक हैलीपेड, 37 सड़कों, 4 ट्रासमिशन लाइनों, 2 एसटीपी, 5 पेयजल योजनाओं, 4 हाइड्रो प्रोजेक्टों समेत कुछ अन्य मामलों में कोर्ट ने राइडर लगाकर मंजूरी दी है। इन मामलों में डीएफओ कार्यवाही करेगा। 49 स्कूल भवनों, 191 सड़कों, 4 विद्युत सब स्टेशनों, 2 आंगनबाड़ी केंद्रों, 12 पेयजल योजनाओं समेत 289 अन्य प्रोजेक्टों को भी कोर्ट ने मंजूरी दी। 75 सड़कों सहित 80 अन्य विकास कार्यों को भी कोर्ट ने राइडर लगाकर मंजूरी दी है। 1377 करोड़ के ग्रीन कोरिडोर नेशनल हाईवे और 61 करोड़ के दो-लेन नेशनल हाई-वे प्रोजेक्ट को भी कोर्ट ने रिकॉर्ड में लिया है।
शिमला ! सुप्रीम कोर्ट से हिमाचल को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट से प्रदेश के 605 प्रोजेक्ट को एफसीए और एफआरए की मंजूरी मिल गई है। लंबे समय से इन प्रोजेक्ट्स की मंजूरी के लिए चल रहे थे प्रयास। 138 एफसीए के मामले हैं, जबकि 465 एफआरए के मामलों को मंजूरी दे दी गई है। कोर्ट ने वन विभाग द्वारा राहत प्रदान करने को लेकर दायर अलग-अलग याचिकाओं की सुनवाई करते हुए हिमाचल में आधा दर्जन से अधिक पावर प्रोजेक्टों, 200 से अधिक सड़कों, आधा दर्जन से अधिक ट्रांसमिशन लाइनों, हेलिपेड, स्कूल भवनों के साथ-साथ अस्पतालों व पेयजल योजनाओं के निर्माण को हरी झंडी दे दी है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार से सहयोग मिलने को लेकर धन्यवाद किया है उन्होंने शिमला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में 600 विकास प्रोजेक्ट एफसीए और एफआरए की वजह से शुरू नहीं हो पा रही थीं। सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में प्रदेश में एफसीए से जुड़े विभिन्न मामलों की सुनवाई हुई।इस निर्णय का स्वागत किया है सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, प्रदेश के महाधिवक्ता अशोक शर्मा व कोर्ट मित्र एडीएन राव ने इन मामलों में अदालत के समक्ष अपना पक्ष रखा।
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कोर्ट ने 3 हाईड्रो प्रोजेक्टों, एक आईआईटी, 27 सड़कों, मॉडल स्कूल व एक हाईब्रिड पावर प्रोजेक्ट व कार पार्किंग समेत 40 परियोजनाओं को निर्माण की हरी झंडी दे दी। वहीं एक हैलीपेड, 37 सड़कों, 4 ट्रासमिशन लाइनों, 2 एसटीपी, 5 पेयजल योजनाओं, 4 हाइड्रो प्रोजेक्टों समेत कुछ अन्य मामलों में कोर्ट ने राइडर लगाकर मंजूरी दी है।
इन मामलों में डीएफओ कार्यवाही करेगा। 49 स्कूल भवनों, 191 सड़कों, 4 विद्युत सब स्टेशनों, 2 आंगनबाड़ी केंद्रों, 12 पेयजल योजनाओं समेत 289 अन्य प्रोजेक्टों को भी कोर्ट ने मंजूरी दी। 75 सड़कों सहित 80 अन्य विकास कार्यों को भी कोर्ट ने राइडर लगाकर मंजूरी दी है। 1377 करोड़ के ग्रीन कोरिडोर नेशनल हाईवे और 61 करोड़ के दो-लेन नेशनल हाई-वे प्रोजेक्ट को भी कोर्ट ने रिकॉर्ड में लिया है।
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