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शिमला , 20 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! 30 सितंबर से जिला परिषद कर्मचारी हड़ताल पर थे और लगातार पंचायती राज विभाग में मर्जर की मांग कर रहे थे इसको लेकर प्रदेश सरकार और कर्मचारियों के बीच टकराव देखने को मिला जिसके बाद अब सरकार ने कड़ा फैसला लेते हुए हड़ताल पर बैठे 167 कर्मचारियों के निलंबन के आदेश निकाल दिए और इसी के साथ आउटसोर्स पर भर्ती के निर्देश भी दे दिए। इसको लेकर पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि प्रदेश आपदा के दौर से उबर रहा है ऐसे में राहत और पुनर्वास के कार्यों में बाधक पड़ रही है जिसके चलते विभाग को यह कड़ा फैसला लेना पड़ा। पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि लंबे समय से यह कर्मचारी हड़ताल पर थे और सरकार इन कर्मचारियों की मांगों को लेकर गंभीर भी है। उन्होंने कहा कि पहला कदम उठाते हुए सरकार ने इन्हें स्टेट क्वार्टर में लाने का काम किया और उनकी बाकी मांगों को लेकर भी सरकार चिंतित है लेकिन प्रदेश आपदा के तौर से जूझ रहा है और वर्तमान में यह स्थिति नहीं है कि इन कर्मचारियों को सभी बेनिफिट दिए जा सके ऐसे में डिपार्टमेंट ने कड़ा फैसला लेते हुए हड़ताल पर बैठे 167 कर्मचारियों के निलंबन के आदेश जारी किए और साथ ही आउटसोर्स पर 1 साल के लिए कर्मचारियों को रखने की प्रक्रिया को भी शुरू करने को कहा है। इस दौरान अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि उन्हें ज्ञात हुआ है कि कुछ लोग वापस ज्वाइन करने की इच्छा जाता रहे हैं तो सरकार उनका स्वागत करती है. इस मौके पर अनिरुद्ध सिंह ने हड़ताल पर बैठे और कर्मचारियों से भी हड़ताल खत्म करने की अपील की। इस दौरान इस मामले को लेकर उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर भी निशाना साधा. अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि अगर वह इन कर्मचारियों के इतने बड़े हितेषी थे तो उन्होंने अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान क्यों नहीं किया इस दौरान अनिरुद्ध सिंह ने करुणा मूलक आधार पर लगे कर्मचारियों के बहाने भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर निशाना साधा।
शिमला , 20 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! 30 सितंबर से जिला परिषद कर्मचारी हड़ताल पर थे और लगातार पंचायती राज विभाग में मर्जर की मांग कर रहे थे इसको लेकर प्रदेश सरकार और कर्मचारियों के बीच टकराव देखने को मिला जिसके बाद अब सरकार ने कड़ा फैसला लेते हुए हड़ताल पर बैठे 167 कर्मचारियों के निलंबन के आदेश निकाल दिए और इसी के साथ आउटसोर्स पर भर्ती के निर्देश भी दे दिए। इसको लेकर पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि प्रदेश आपदा के दौर से उबर रहा है ऐसे में राहत और पुनर्वास के कार्यों में बाधक पड़ रही है जिसके चलते विभाग को यह कड़ा फैसला लेना पड़ा।
पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि लंबे समय से यह कर्मचारी हड़ताल पर थे और सरकार इन कर्मचारियों की मांगों को लेकर गंभीर भी है। उन्होंने कहा कि पहला कदम उठाते हुए सरकार ने इन्हें स्टेट क्वार्टर में लाने का काम किया और उनकी बाकी मांगों को लेकर भी सरकार चिंतित है लेकिन प्रदेश आपदा के तौर से जूझ रहा है और वर्तमान में यह स्थिति नहीं है कि इन कर्मचारियों को सभी बेनिफिट दिए जा सके ऐसे में डिपार्टमेंट ने कड़ा फैसला लेते हुए हड़ताल पर बैठे 167 कर्मचारियों के निलंबन के आदेश जारी किए और साथ ही आउटसोर्स पर 1 साल के लिए कर्मचारियों को रखने की प्रक्रिया को भी शुरू करने को कहा है।
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इस दौरान अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि उन्हें ज्ञात हुआ है कि कुछ लोग वापस ज्वाइन करने की इच्छा जाता रहे हैं तो सरकार उनका स्वागत करती है. इस मौके पर अनिरुद्ध सिंह ने हड़ताल पर बैठे और कर्मचारियों से भी हड़ताल खत्म करने की अपील की।
इस दौरान इस मामले को लेकर उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर भी निशाना साधा. अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि अगर वह इन कर्मचारियों के इतने बड़े हितेषी थे तो उन्होंने अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान क्यों नहीं किया इस दौरान अनिरुद्ध सिंह ने करुणा मूलक आधार पर लगे कर्मचारियों के बहाने भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर निशाना साधा।
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