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शिमला ! राजधानी में पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और और उनके आश्रित वरिष्ठ नागरिकों के कोविड-19 टीकाकरण की प्रक्रिया जारी है। इसी प्रक्रिया की पड़ताल के लिए वेटरन इंडिया जिला शिमला की एक टीम ने पूर्व सैनिकों के निर्धारित पॉलिक्लिनिक हॉस्पिटल ईसीएचएस जतोग कैंट का दौरा किया। यहां से मिलने वाली दवाइयां और कोविड-19 के टीकाकरण के विषय में ईसीएचएस पॉलिक्लिनिक के ऑफिसर इंचार्ज कर्नल अरुण अग्रवाल, एफआईई से विस्तृत जानकारियां प्राप्त की। उन्होंने बताया कि इस केन्द्र द्वारा जिला शिमला, जिला सोलन, शिमला शहरी, मुशोबरा ब्लॉक, शिमला ग्रामीण, सुन्नी ब्लॉक एरिया और आसपास के दूरदराज के पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और उनके आश्रित वरिष्ठ नागरिकों का टीकाकरण व अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही है। वेटरन इंडिया जिला शिमला के अध्यक्ष और कारगिल योद्धा कैप्टन शाम लाल शर्मा ने बताया कि प्राप्त जानकारी के अनुसार टीकाकरण की जानकारी के लिए स्वास्थ्य केंद्र के दूरभाष 01772838704, 7650873432 पर भी संपर्क किया जा सकता है। साथ ही केन्द्र में सभी प्रकार की दवाएं उपलब्ध होने के चलते अब बाहर से खरीदी हुई किसी भी प्रकार की दवाईओ का बिल ईसीएचएस पॉलिक्लिनिक द्वारा अब नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा कैप्टन शाम लाल ने जतोग स्थित पाॅलीक्लीनिक को शिमला के वाकर अस्पताल के साथ लगते पुराने भवन में शिफ्ट करने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने बताया कि हाल ही में वेटरन इंडिया की जिला शिमला इकाई ने उक्त स्थल का जायजा लिया तो पाया कि उसमें कई कमियां है और जतोग कैंट पॉलिक्लिनिक से अभी शिफ्ट करने योग्य नही है क्योंकि अक्षम और वरिष्ठ नागरिकों के लिए यहां पर मौजूद व्यवस्थाएं सही नहीं है। न तो यहां एक मंजिल से दूसरी मंजिल तक जाने के लिए लिफ्ट की व्यवस्था और न ही निजी वाहनों की पार्किंग की ही कोई व्यवस्था है। साथ ही इस भवन में वेटिंग रूम, लोगों के बैठने का स्थान और न ही पर्याप्त वेंटिलेशन है और यहां पहुंचने के लिए सीधी ट्रांस्पोर्ट सुविधा भी नहीं है। उन्होंने वेटरन इंडिया की ओर से जतोग स्थित पाॅलीक्लिीनिक को जल्दबाजी में स्थानांतरित न करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इससे संबंधित रिपोर्ट भी वे जल्द उच्चाधिकारियों को जल्द सौंपेगे। जबकि इसके विपरित जतोग स्थित पाॅलीक्लीनिक उससे कहीं बेहतर और सुविधा सम्पन्न है साथ ही यहां पर्याप्त ट्रांस्पोर्ट सुविधा दी जाए तो इसका ओर भी फायदा होगा।
शिमला ! राजधानी में पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और और उनके आश्रित वरिष्ठ नागरिकों के कोविड-19 टीकाकरण की प्रक्रिया जारी है। इसी प्रक्रिया की पड़ताल के लिए वेटरन इंडिया जिला शिमला की एक टीम ने पूर्व सैनिकों के निर्धारित पॉलिक्लिनिक हॉस्पिटल ईसीएचएस जतोग कैंट का दौरा किया। यहां से मिलने वाली दवाइयां और कोविड-19 के टीकाकरण के विषय में ईसीएचएस पॉलिक्लिनिक के ऑफिसर इंचार्ज कर्नल अरुण अग्रवाल, एफआईई से विस्तृत जानकारियां प्राप्त की। उन्होंने बताया कि इस केन्द्र द्वारा जिला शिमला, जिला सोलन, शिमला शहरी, मुशोबरा ब्लॉक, शिमला ग्रामीण, सुन्नी ब्लॉक एरिया और आसपास के दूरदराज के पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और उनके आश्रित वरिष्ठ नागरिकों का टीकाकरण व अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही है।
वेटरन इंडिया जिला शिमला के अध्यक्ष और कारगिल योद्धा कैप्टन शाम लाल शर्मा ने बताया कि प्राप्त जानकारी के अनुसार टीकाकरण की जानकारी के लिए स्वास्थ्य केंद्र के दूरभाष 01772838704, 7650873432 पर भी संपर्क किया जा सकता है। साथ ही केन्द्र में सभी प्रकार की दवाएं उपलब्ध होने के चलते अब बाहर से खरीदी हुई किसी भी प्रकार की दवाईओ का बिल ईसीएचएस पॉलिक्लिनिक द्वारा अब नहीं दिया जाएगा।
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इसके अलावा कैप्टन शाम लाल ने जतोग स्थित पाॅलीक्लीनिक को शिमला के वाकर अस्पताल के साथ लगते पुराने भवन में शिफ्ट करने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने बताया कि हाल ही में वेटरन इंडिया की जिला शिमला इकाई ने उक्त स्थल का जायजा लिया तो पाया कि उसमें कई कमियां है और जतोग कैंट पॉलिक्लिनिक से अभी शिफ्ट करने योग्य नही है क्योंकि अक्षम और वरिष्ठ नागरिकों के लिए यहां पर मौजूद व्यवस्थाएं सही नहीं है। न तो यहां एक मंजिल से दूसरी मंजिल तक जाने के लिए लिफ्ट की व्यवस्था और न ही निजी वाहनों की पार्किंग की ही कोई व्यवस्था है। साथ ही इस भवन में वेटिंग रूम, लोगों के बैठने का स्थान और न ही पर्याप्त वेंटिलेशन है और यहां पहुंचने के लिए सीधी ट्रांस्पोर्ट सुविधा भी नहीं है।
उन्होंने वेटरन इंडिया की ओर से जतोग स्थित पाॅलीक्लिीनिक को जल्दबाजी में स्थानांतरित न करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इससे संबंधित रिपोर्ट भी वे जल्द उच्चाधिकारियों को जल्द सौंपेगे। जबकि इसके विपरित जतोग स्थित पाॅलीक्लीनिक उससे कहीं बेहतर और सुविधा सम्पन्न है साथ ही यहां पर्याप्त ट्रांस्पोर्ट सुविधा दी जाए तो इसका ओर भी फायदा होगा।
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