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शिमला , 01 नवंबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश की पारंपरिक संस्कृति व भाषा के संरक्षण और प्रचार प्रसार के मकसद से हर वर्ष एक नवंबर को मनाए जाने वाले पहाड़ी दिवस के मौके पर आज शिमला के गेयटी थिएटर में भाषा कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा पहाड़ी भाषा में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जबकि 3 दिन से लगातार गेयटी थियेटर के ओपन हाल में प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आए सांस्कृतिक दल अपनी प्रस्तुतियां दे रहे हैं। कवि सम्मेलन में आज उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए। इस मौके पर उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की एक अलग पहाड़ी संस्कृति है जिसका संरक्षण और प्रचार प्रसार किया जाना जरूरी है।नई पीढ़ी पाश्चात्य संस्कृति की तरफ बढ़ रही है जबकि अपनी पारंपरिक संस्कृति, बोली और भाषाओं को भूलती जा रही है ऐसे में भाषा कला एवं संस्कृति इसके संवर्द्धन के लिए सराहनीय काम कर रहा है।
शिमला , 01 नवंबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश की पारंपरिक संस्कृति व भाषा के संरक्षण और प्रचार प्रसार के मकसद से हर वर्ष एक नवंबर को मनाए जाने वाले पहाड़ी दिवस के मौके पर आज शिमला के गेयटी थिएटर में भाषा कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा पहाड़ी भाषा में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जबकि 3 दिन से लगातार गेयटी थियेटर के ओपन हाल में प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आए सांस्कृतिक दल अपनी प्रस्तुतियां दे रहे हैं। कवि सम्मेलन में आज उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए।
इस मौके पर उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की एक अलग पहाड़ी संस्कृति है जिसका संरक्षण और प्रचार प्रसार किया जाना जरूरी है।नई पीढ़ी पाश्चात्य संस्कृति की तरफ बढ़ रही है जबकि अपनी पारंपरिक संस्कृति, बोली और भाषाओं को भूलती जा रही है ऐसे में भाषा कला एवं संस्कृति इसके संवर्द्धन के लिए सराहनीय काम कर रहा है।
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