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शिमला ,19 दिसंबर ! उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में नवोन्वेषी विचारों के साथ नई इलैक्ट्रिक वाहन नीति लागू की जा रही है और राज्य सरकार परिवहन क्षेत्र में सुधार की दिशा में कदम बढ़ा रही है। उप-मुख्यमंत्री आज यहां इलैक्ट्रिक वाहन की टैस्ट ड्राइव के अवसर पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सचिवालय से कुछ दूरी तक इलैक्ट्रिक वाहन में सवारी कर इसके तकनीकी पहलुओं की जानकारी भी प्राप्त की। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में परिवहन क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन की दिशा में सकारात्मक प्रयास किए जाएंगे। नई इलैक्ट्रिक वाहन नीति लागू करने के लिए विभिन्न स्तरों पर चर्चा की जा रही है। शुरुआती स्तर पर सचिवालय में इलैक्ट्रिक वाहनों के परिचालन को बढ़ावा दिया जाएगा और इसके उपरांत सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में भी विद्युत चालित वाहनों का उपयोग बढ़ाया जाएगा। उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहन विभाग में अति शीघ्र इलैक्ट्रिक वाहनों का बेड़ा शामिल किया जाएगा और इसके लिए निदेशक परिवहन को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। इसके लिए विभिन्न कंपनियों से संपर्क कर इन विद्युत चालित वाहनों की टैस्ट ड्राइव सहित विभिन्न तकनीकी पहलुओं की जानकारी प्राप्त की जा रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के समय भी मुख्यमंत्री के लिए एक विद्युत चालित वाहन प्रदान किया गया था। हालांकि इसे बाद में सामान्य प्रशासन को सौंप दिया गया था। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इलैक्ट्रिक वाहन नीति के बारे में मुख्यमंत्री से चर्चा के उपरांत मंत्रिमंडल में इस मामले को रखा जाएगा। इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार से भी बातचीत की जाएगी। उन्होंने कहा कि पहाड़ी प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण एवं इस पर्यटन राज्य में इलैक्ट्रिक वाहनांे के संचालन को बढ़ावा देना राज्य सरकार की प्राथमिकता है और इलैक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर चर्चा उपरांत शीघ्र निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इलैक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए भी उपयुक्त कदम उठाते हुए उचित मापदंडों के अनुसार चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। शुरुआती चरण में सचिवालय सहित प्रदेश के विभिन्न सरकारी संस्थानों तथा प्रदेश से बाहर हिमाचल सदन एवं भवनों इत्यादि में भी यह सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि वाहनों की लाईसेंस प्रणाली को सुदृढ़ करते हुए नए ड्राइविंग टैस्ट ट्रैक स्थापित करने की दिशा में भी उचित कदम उठाए जाएंगे ताकि सड़क सुरक्षा मानकों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके। इस बारे में अधिकारियों को अध्ययन करने को कहा गया है। उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम में शून्य बुक वैल्यू के वाहनों को चरणबद्ध ढंग से विद्युत चालित वाहनों से बदला जाएगा। नई इलैक्ट्रिक वाहन नीति में इलैक्ट्रिक बसें भी निगम के बेड़े में शामिल की जाएंगी। उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने गत दिवस परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक बुलाई थी जिसमंे हिमाचल पथ परिवहन निगम को भारी भरकम घाटे की बात सामने आई है। इस घाटे को कम करने में इलैक्ट्रिक वाहन नीति सार्थक सिद्ध होगी। इससे परिवहन निगम पर प्रतिदिन पड़ने वाले लगभग डेढ़ करोड़ रुपये के व्यय में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास रहेगा कि शुरुआती चरण में हिमाचल पथ परिवहन निगम के घाटे को कम करते हुए इसे कम से कम नो प्रोफिट नो लॉस की स्थिति तक लाया जाए। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि परिवहन निगम के वॉल्वों बसों के बेड़े को भी सुदृढ़ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निगम से बाहर लगभग 125 वॉल्वो वाहन प्रतिदिन चल रहे हैं। परिवहन विभाग को इन वाहनों के पंजीकरण से लेकर इनके संचालन की प्रक्रिया के बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। इस अवसर पर प्रधान सचिव परिवहन आर.डी. नज़ीम, निदेशक परिवहन अनुपम कश्यप सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला ,19 दिसंबर ! उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में नवोन्वेषी विचारों के साथ नई इलैक्ट्रिक वाहन नीति लागू की जा रही है और राज्य सरकार परिवहन क्षेत्र में सुधार की दिशा में कदम बढ़ा रही है।
उप-मुख्यमंत्री आज यहां इलैक्ट्रिक वाहन की टैस्ट ड्राइव के अवसर पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सचिवालय से कुछ दूरी तक इलैक्ट्रिक वाहन में सवारी कर इसके तकनीकी पहलुओं की जानकारी भी प्राप्त की। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में परिवहन क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन की दिशा में सकारात्मक प्रयास किए जाएंगे। नई इलैक्ट्रिक वाहन नीति लागू करने के लिए विभिन्न स्तरों पर चर्चा की जा रही है। शुरुआती स्तर पर सचिवालय में इलैक्ट्रिक वाहनों के परिचालन को बढ़ावा दिया जाएगा और इसके उपरांत सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में भी विद्युत चालित वाहनों का उपयोग बढ़ाया जाएगा। उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहन विभाग में अति शीघ्र इलैक्ट्रिक वाहनों का बेड़ा शामिल किया जाएगा और इसके लिए निदेशक परिवहन को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। इसके लिए विभिन्न कंपनियों से संपर्क कर इन विद्युत चालित वाहनों की टैस्ट ड्राइव सहित विभिन्न तकनीकी पहलुओं की जानकारी प्राप्त की जा रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के समय भी मुख्यमंत्री के लिए एक विद्युत चालित वाहन प्रदान किया गया था। हालांकि इसे बाद में सामान्य प्रशासन को सौंप दिया गया था। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इलैक्ट्रिक वाहन नीति के बारे में मुख्यमंत्री से चर्चा के उपरांत मंत्रिमंडल में इस मामले को रखा जाएगा। इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार से भी बातचीत की जाएगी। उन्होंने कहा कि पहाड़ी प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण एवं इस पर्यटन राज्य में इलैक्ट्रिक वाहनांे के संचालन को बढ़ावा देना राज्य सरकार की प्राथमिकता है और इलैक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर चर्चा उपरांत शीघ्र निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इलैक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए भी उपयुक्त कदम उठाते हुए उचित मापदंडों के अनुसार चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। शुरुआती चरण में सचिवालय सहित प्रदेश के विभिन्न सरकारी संस्थानों तथा प्रदेश से बाहर हिमाचल सदन एवं भवनों इत्यादि में भी यह सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि वाहनों की लाईसेंस प्रणाली को सुदृढ़ करते हुए नए ड्राइविंग टैस्ट ट्रैक स्थापित करने की दिशा में भी उचित कदम उठाए जाएंगे ताकि सड़क सुरक्षा मानकों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके। इस बारे में अधिकारियों को अध्ययन करने को कहा गया है। उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम में शून्य बुक वैल्यू के वाहनों को चरणबद्ध ढंग से विद्युत चालित वाहनों से बदला जाएगा। नई इलैक्ट्रिक वाहन नीति में इलैक्ट्रिक बसें भी निगम के बेड़े में शामिल की जाएंगी। उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने गत दिवस परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक बुलाई थी जिसमंे हिमाचल पथ परिवहन निगम को भारी भरकम घाटे की बात सामने आई है। इस घाटे को कम करने में इलैक्ट्रिक वाहन नीति सार्थक सिद्ध होगी। इससे परिवहन निगम पर प्रतिदिन पड़ने वाले लगभग डेढ़ करोड़ रुपये के व्यय में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास रहेगा कि शुरुआती चरण में हिमाचल पथ परिवहन निगम के घाटे को कम करते हुए इसे कम से कम नो प्रोफिट नो लॉस की स्थिति तक लाया जाए। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि परिवहन निगम के वॉल्वों बसों के बेड़े को भी सुदृढ़ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निगम से बाहर लगभग 125 वॉल्वो वाहन प्रतिदिन चल रहे हैं। परिवहन विभाग को इन वाहनों के पंजीकरण से लेकर इनके संचालन की प्रक्रिया के बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। इस अवसर पर प्रधान सचिव परिवहन आर.डी. नज़ीम, निदेशक परिवहन अनुपम कश्यप सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
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