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शिमला ! हिमाचल प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक श्री दिनेश रैना ने बताया कि वर्ष 2020-21 के दौरान,नाबार्ड ने हिमाचल राज्य में कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए ₹ 3349.35 करोड़ का वित्तीय परिचालन किया। 1. राज्य के किसानों द्वारा कृषि परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए फसली ऋण और निवेश ऋण प्रदान करने के लिए ग्रामीण सहकारी बैंकों और ग्रामीण बैंक को ₹ 2505.99 करोड़ की पुनर्वित्त सहायता जारी की गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 56% अधिक है 2. राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों, पुलों के निर्माण के साथ-साथ सिंचाई और पेयजल सुविधाओं के निर्माण के लिए RIDF के तहत ₹ 663.53 करोड़ की राशि का वितरण किया गया । 3. वर्ष 2020-21 के दौरान, नाबार्ड द्वारा 04 नए एफपीओ का गठन किया गया तथा विभिन्न एफपीओ के लिए ₹1.60 करोड़ की राशि का संवितरण किया गया। 31 मार्च 2021 तक, नाबार्ड ने सभी 12 जिलों को कवर करते हुए 10.41 करोड़ के कुल अनुदान संवितरण के साथ राज्य में 102 एफ पी ओ को मंजूरी दी,जिसमें से 90 पंजीकृत किए गए हैं। इन एफपीओ के पास लगभग 15,000 किसानों का सदस्यता आधार है और इन एफ पी ओ ने ₹ 27.00 करोड़ का वार्षिक कारोबार किया है। 4. विभिन्न ग्रामीण विकास पहलों जैसे एस.एच.जी. और जे.एल.जी के गठन और क्रेडिट लिंकेज, क्षमता निर्माण कार्यक्रम जैसे एम ई डी पी एवम एल ई डी पी आदि के अंतर्गत ₹ 3.98 करोड़ की अनुदान सहायता जारी की गई। ऑफ-फार्म (गैर – कृषि) विकास से संबंधित ₹ 57 लाख की सहायता भी दी गई। 5. डिजिटल वित्तीय साक्षरता शिविरों, वित्तीय साक्षरता केंद्रों और प्रौद्योगिकी के उन्नयन जैसे विभिन्न वित्तीय समावेशन और वित्तीय साक्षरता जागरूकता कार्यक्रमों के लिए राज्य के सभी बैंकों को ₹ 2.29 करोड़ की अनुदान सहायता दी गई। 6. नाबार्ड के "ई-शक्ति" कार्यक्रम जिसके तहत SHG को पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जाता है और अब सभी छह जिलों यथा मंडी, सिरमौर, सोलन, कांगड़ा, बिलासपुर और चंबा जिले में इसे पूरी तरह लागू किया जा रहा है । 7. वर्ष 2020-21 के दौरान, नाबार्ड ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के लिए विभिन्न नवीन कृषि क्षेत्र के हस्तक्षेप और विकास परियोजनाओं के लिए ₹ 53.00 लाख की वित्तीय सहायता दी है। 8. नाबार्ड ने वर्ष 2020-21 में विभिन्न वाटरशेड विकास परियोजनाओं के अंतर्गत ₹ 3.01 करोड़ की राशि का संवितरण किया । नाबार्ड ने ग्यारह नई वाटरशेड विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनमें से 06 एकीकृत वाटरशेड परियोजनाएं तथा 05 स्प्रिंग-शेड परियोजनाएं हैं। ये परियोजनाएं सोलन, मंडी, सिरमौर, कांगड़ा, चंबा और शिमला जिलों में कार्यान्वित की जा रही हैं और उन्होंने जलग्रहण क्षेत्र में मिट्टी की नमी और भूजल स्तर में सुधार करने में योगदान दिया है, जिससे फसलों के उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि हुई है। 9. राज्य में विभिन्न आदिवासी विकास परियोजनाओं के तहत ₹ 2.62 करोड़ की राशि का संवितरण किया गया। नाबार्ड ने 2020-21 में किन्नौर जिले में वाडी (बाग) के तहत दो नए आदिवासी विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी । आजीविका का एक स्थायी साधन प्रदान करने के लिए, संगला और निखार ब्लॉक के 409 आदिवासी परिवारों को ₹ 2.66 करोड़ की कुल अनुदान सहायता के साथ कवर किया गया। 10. वर्ष 2020-21 के दौरान, राज्य में जलवायु परिवर्तन से संबन्धित उपायों के लिए नाबार्ड ने ₹ 4.69 करोड़ की राशि का संवितरण किया। 11. नाबार्ड ने वर्ष 2020-21 के दौरान राज्य में संस्थागत विकास की दिशा में पहलों के लिए ₹ 55 लाख की राशि का संवितरण किया। श्री रैना को उम्मीद है कि राज्य में कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए नाबार्ड द्वारा प्रदान किए गए समर्थन से न केवल जीडीपी बढ़ाने में मदद मिलेगी बल्कि राज्य के कृषि क्षेत्र में पूंजी निर्माण में भी मदद मिलेगी।
शिमला ! हिमाचल प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक श्री दिनेश रैना ने बताया कि वर्ष 2020-21 के दौरान,नाबार्ड ने हिमाचल राज्य में कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए ₹ 3349.35 करोड़ का वित्तीय परिचालन किया।
1. राज्य के किसानों द्वारा कृषि परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए फसली ऋण और निवेश ऋण प्रदान करने के लिए ग्रामीण सहकारी बैंकों और ग्रामीण बैंक को ₹ 2505.99 करोड़ की पुनर्वित्त सहायता जारी की गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 56% अधिक है
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2. राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों, पुलों के निर्माण के साथ-साथ सिंचाई और पेयजल सुविधाओं के निर्माण के लिए RIDF के तहत ₹ 663.53 करोड़ की राशि का वितरण किया गया ।
3. वर्ष 2020-21 के दौरान, नाबार्ड द्वारा 04 नए एफपीओ का गठन किया गया तथा विभिन्न एफपीओ के लिए ₹1.60 करोड़ की राशि का संवितरण किया गया। 31 मार्च 2021 तक, नाबार्ड ने सभी 12 जिलों को कवर करते हुए 10.41 करोड़ के कुल अनुदान संवितरण के साथ राज्य में 102 एफ पी ओ को मंजूरी दी,जिसमें से 90 पंजीकृत किए गए हैं। इन एफपीओ के पास लगभग 15,000 किसानों का सदस्यता आधार है और इन एफ पी ओ ने ₹ 27.00 करोड़ का वार्षिक कारोबार किया है।
4. विभिन्न ग्रामीण विकास पहलों जैसे एस.एच.जी. और जे.एल.जी के गठन और क्रेडिट लिंकेज, क्षमता निर्माण कार्यक्रम जैसे एम ई डी पी एवम एल ई डी पी आदि के अंतर्गत ₹ 3.98 करोड़ की अनुदान सहायता जारी की गई। ऑफ-फार्म (गैर – कृषि) विकास से संबंधित ₹ 57 लाख की सहायता भी दी गई।
5. डिजिटल वित्तीय साक्षरता शिविरों, वित्तीय साक्षरता केंद्रों और प्रौद्योगिकी के उन्नयन जैसे विभिन्न वित्तीय समावेशन और वित्तीय साक्षरता जागरूकता कार्यक्रमों के लिए राज्य के सभी बैंकों को ₹ 2.29 करोड़ की अनुदान सहायता दी गई। 6. नाबार्ड के "ई-शक्ति" कार्यक्रम जिसके तहत SHG को पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जाता है और अब सभी छह जिलों यथा मंडी, सिरमौर, सोलन, कांगड़ा, बिलासपुर और चंबा जिले में इसे पूरी तरह लागू किया जा रहा है । 7. वर्ष 2020-21 के दौरान, नाबार्ड ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के लिए विभिन्न नवीन कृषि क्षेत्र के हस्तक्षेप और विकास परियोजनाओं के लिए ₹ 53.00 लाख की वित्तीय सहायता दी है।
8. नाबार्ड ने वर्ष 2020-21 में विभिन्न वाटरशेड विकास परियोजनाओं के अंतर्गत ₹ 3.01 करोड़ की राशि का संवितरण किया । नाबार्ड ने ग्यारह नई वाटरशेड विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनमें से 06 एकीकृत वाटरशेड परियोजनाएं तथा 05 स्प्रिंग-शेड परियोजनाएं हैं। ये परियोजनाएं सोलन, मंडी, सिरमौर, कांगड़ा, चंबा और शिमला जिलों में कार्यान्वित की जा रही हैं और उन्होंने जलग्रहण क्षेत्र में मिट्टी की नमी और भूजल स्तर में सुधार करने में योगदान दिया है, जिससे फसलों के उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि हुई है।
9. राज्य में विभिन्न आदिवासी विकास परियोजनाओं के तहत ₹ 2.62 करोड़ की राशि का संवितरण किया गया। नाबार्ड ने 2020-21 में किन्नौर जिले में वाडी (बाग) के तहत दो नए आदिवासी विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी । आजीविका का एक स्थायी साधन प्रदान करने के लिए, संगला और निखार ब्लॉक के 409 आदिवासी परिवारों को ₹ 2.66 करोड़ की कुल अनुदान सहायता के साथ कवर किया गया।
10. वर्ष 2020-21 के दौरान, राज्य में जलवायु परिवर्तन से संबन्धित उपायों के लिए नाबार्ड ने ₹ 4.69 करोड़ की राशि का संवितरण किया।
11. नाबार्ड ने वर्ष 2020-21 के दौरान राज्य में संस्थागत विकास की दिशा में पहलों के लिए ₹ 55 लाख की राशि का संवितरण किया।
श्री रैना को उम्मीद है कि राज्य में कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए नाबार्ड द्वारा प्रदान किए गए समर्थन से न केवल जीडीपी बढ़ाने में मदद मिलेगी बल्कि राज्य के कृषि क्षेत्र में पूंजी निर्माण में भी मदद मिलेगी।
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