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शिमला ! बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन ने जूनियर टीमेट को टीमेट और जूनियर हेल्पर को हेल्पर पदनाम की मांग फिर उठाई है। यूनियन का कहना है कि वृत्त और मंडल स्तर पर टीमेट और हेल्पर के बहुत ही कम पद रह गए हैं, जो इन श्रेणी की पदोन्नति के लिए काफी नहीं हैं। इसलिए यूनियन मांग कर रही थी कि सभी टीमेट और हेल्पर के पदनाम से जूनियर शब्द को हटा लिया जाए। यूनियन के महासचिव हीरा लाल ने बताया कि इस मांग की पुष्टि अब सरकार के अधिसूचित वेतनमान से हो गई है। पंजाब सरकार के वेतनमान सरंचना में कम से कम 18000 रुपए का वेतन रखा है। उसी तर्ज पर प्रदेश सरकार ने न्यूनतम वेतन 18000 रुपए किया है। इसके चलते बोर्ड में 1300 रुपए, 1550 रुपए और 1800 रुपए वाली ग्रेड-पे की श्रेणियों को 18000 रुपए के वेतनमान में लाना अनिवार्य है। परिणामस्वरूप जूनियर टीमेट (1300 रुपए ग्रेड-पे) और टीमेट (1700 ग्रेड-पे) वाले पद पहली जनवरी, 2016 के बाद एक ही वेतनमान 18000 रुपए पर आ जाएंगे और इसलिए टीमेट बराबर वेतनमान का पद बन गया है। अब पदोन्नति का पद नहीं हो सकता। उन्होंने बताया कि इस बारे में शुक्रवार को यूनियन ने बोडऱ् प्रबंधन से मुलाकात की और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए पहली जनवरी, 2016 के बाद सभी जूनियर टीमेट और जूनियर हेल्पर के पदनाम बदलने की मांग की है। इससे सभी जूनियर टीमेट और जूनियर हेल्पर, टीमेट और हेल्पर के पद पर आ जाएंगे और अगली एएलएम, इलेक्ट्रिशियन, एसएसए और फिटर पदोन्नति में स्वयं जुड़ जाएंगे।
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