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शिमला , 11 मार्च [ विशाल सूद ] ! शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि जॉब बेस्ड और क्वालिटी बेस्ड एजुकेशन वर्तमान प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। जॉब बेस्ड एजुकेशन को बढ़ने के लिए बी-वॉक कोर्स प्रारम्भ किये गए हैं जिसमे कि रिटेल मेनेजमेंट, टुरिज्म और ट्रेवल मेनेजमेंट प्रमुख है। गौरतलब है कि प्रदेश के कुछ महाविद्यालयों में यह कोर्स उपलब्ध हैं जिनमें सरस्वतीनगर महाविद्यालय भी शामिल है।रोहित ठाकुर आज जुब्बल के सरस्वतीनगर में लगभग 9 करोड़ रुपए से बनने वाले लाल बहादुर शास्त्री राजकीय डिग्री महाविद्यालय के इंडोर स्टेडियम की आधारशिला रखने के उपरांत महाविद्यालय के वार्षिक समारोह में उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने महाविद्यालय के छात्रों को सफलता हासिल करने पर बधाई दी और सभी के उज्जवल भविष्य की कामना की।शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस इंडोर स्टेडियम का लाभ कॉलेज के छात्रों और साथ लगते क्षेत्र की जनता को मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की इंडोर स्टेडियम की मांग काफी समय से लंबित थी जिसे पूर्ण किया गया है और इसके लिए उन्होंने क्षेत्र की जनता को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी महाविद्यालय के वार्षिक समारोह में शामिल होने का अवसर उन्हें प्राप्त हुआ था। उन्होंने कहा कि एक समय हिमाचल की साक्षरता दर मात्र 8 प्रतिशत थी जो बढ़कर आज 88 प्रतिशत के करीब पहुँच चुकी है। उस समय प्रदेश भर में केवल एक महाविद्यालय मंडी में स्थित था और आज ये संख्या बढ़कर 152 हो चुकी है। पिछली सरकार के समय से 152 में से 105 ऐसे महाविद्यालय थे जहाँ प्रिंसिपल नहीं थे लेकिन वर्तमान प्रदेश सरकार प्रिंसिपल के लगभग 80 पद प्रमोशन के माध्यम से भरे। इसके अतिरिक्त, आयोग के माध्यम से भी प्रिंसिपल के पद भरे गए। इसी प्रकार, दुर्गम और पहाड़ी क्षेत्रों में भी रिक्त पदों को भरा गया। उन्होंने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षण संस्थान खुलने से सबसे अधिक लाभ बेटियों को हुआ है। रोहित ठाकुर ने कहा कि जुब्बल क्षेत्र की जो भी मांगें थी, उन्हें चरणबद्ध तरीके से पूर्ण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरस्वतीनगर बहुउद्देशीय हॉल ऑडिटोरियम का कार्य केवल घोषणा तक सीमित रह गया था और इसके टेंडर भी नहीं लग पा रहे थे। परन्तु वर्तमान सरकार ने सभी औपचारिकताओं को पूर्ण कर टेंडर कर दिया है और शीघ्र 8 करोड़ 36 लाख रुपए की लगत से इसका कार्य पुनः आरम्भ किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, लगभग 3 करोड़ रूपए से शैक्षिक सत्र से पीजी के नए कोर्सेज आरम्भ किये गए है जिसमे छात्र अंग्रेजी, हिंदी और कॉमर्स की पढ़ाई कर सकेंगे और इसके अतिरिक्त बी-वॉक के कोर्स भी आरम्भ किये। इनसे सम्बंधित महाविद्यालय में एक अलग ब्लॉक बनेगा जिसके लिए वित्तीय स्वीकृति विभाग द्वारा दे दी गई है। उन्होंने कहा कि इसका टेंडर भी शीघ्र कर दिया जायेगा और जल्द ही यह कार्य धरातल पर देखने को मिलेंगे। पिछली भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली पर निशाना साधते हुए खेल मैदान के अधूरे कार्य को लेकर उन्होंने कहा कि जिला शिमला में कुछ ही ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ ऐसे मैदान उपलब्ध हैं और इसे सावड़ा कुड्डु परियोजना के लिए डंपिंग साइट के तौर पर इस्तेमाल करने की बात सामने आई थी और पिछले लगभग 15 वर्षों से यहाँ खेल गतिविधियां बंद पड़ी हैं। उन्होंने कहा कि इस मैदान में खेल गतिविधियां को शुरू करवाना उनकी प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने कहा कि बहुत से शिक्षण संस्थान थे जो पिछले 5 वर्षों से अधर में पड़े थे, उनके कार्य को वर्तमान सरकार ने गति प्रदान की। आईटीआई टिक्कर का 2011 में शिलान्यास हुआ था जिसका कार्य अधर में लटका हुआ था। वर्तमान सरकार ने उसका कार्य पूर्ण करवाकर इसे जनता को समर्पित किया गया। उन्होने यह भी बताया कि प्रगतिनगर में तकनीकी शिक्षण संस्थान भी पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान से लंबित था, उसकी बी-टेक विंग की ईमारत 28 करोड़ रूपए से तैयार करवाकर जनता को समर्पित की गई है। लगभग 44 करोड़ रूपए की लागत से पॉलिटेक्निक विंग की प्रशासनिक स्वीकृति करवाकर टेंडर लगा दिए गए हैं। इसके साथ ही आईटीआई जुब्बल जिसकी स्थापना 1970 के दशक में की गई थी, उसके लिए भी 11 करोड़ रूपए का प्रावधान करवा कर कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि कई भवनों के कार्य लगभग पूर्ण हो चुके हैं और कुछ अगले 2 महीने में पूर्ण हो जायेंगे जोकि क्षेत्र के विकास को विशेष कर शिक्षा के क्षेत्र में गति प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि सड़कों के लिए इस विधानसभा क्षेत्र को सबसे अधिक 190 करोड़ रुपए का बजट प्राप्त हुआ है। एक वर्ष की अवधि के दौरान 73 सड़कों का निर्माण इस क्षेत्र में हुआ है। 66 केवी का सबस्टेशन हाटकोटी में बनकर तैयार हो चुका है और 31 मार्च से पहले यह सौगात क्षेत्र को मिलेगी। इसके अतिरिक्त बहुत से स्कूलों और स्वास्थ्य संस्थानों के भवन के कार्य पिछली सरकार के समय लंबित रहे थे उन्हें गति प्रदान कर पूर्ण करवाया जा रहा है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के भरसक प्रयास किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में यह प्रथम बार हुआ है की प्रदेश के 205 से अधिक शिक्षकों को विदेश भेजा गया है ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में बेहतर सुधार आये। इस अवसर पर जिला परिषद सदस्य कौशल मुंगटा, हिमफेड के अध्यक्ष भीम सिंह झौटा, कांग्रेस पार्टी के विभिन्न प्रकोष्ठ के पदाधिकारी, लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय के प्रधानाचार्य, राजकीय महाविद्यालय सीमा और टिक्कर के प्रधानाचार्य, अन्य शिक्षक वर्ग, महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं, स्थानीय पंचायत तथा साथ लगती पंचायतों के जनप्रतिनिधि एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
शिमला , 11 मार्च [ विशाल सूद ] ! शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि जॉब बेस्ड और क्वालिटी बेस्ड एजुकेशन वर्तमान प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। जॉब बेस्ड एजुकेशन को बढ़ने के लिए बी-वॉक कोर्स प्रारम्भ किये गए हैं जिसमे कि रिटेल मेनेजमेंट, टुरिज्म और ट्रेवल मेनेजमेंट प्रमुख है।
गौरतलब है कि प्रदेश के कुछ महाविद्यालयों में यह कोर्स उपलब्ध हैं जिनमें सरस्वतीनगर महाविद्यालय भी शामिल है।रोहित ठाकुर आज जुब्बल के सरस्वतीनगर में लगभग 9 करोड़ रुपए से बनने वाले लाल बहादुर शास्त्री राजकीय डिग्री महाविद्यालय के इंडोर स्टेडियम की आधारशिला रखने के उपरांत महाविद्यालय के वार्षिक समारोह में उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे।
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उन्होंने महाविद्यालय के छात्रों को सफलता हासिल करने पर बधाई दी और सभी के उज्जवल भविष्य की कामना की।शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस इंडोर स्टेडियम का लाभ कॉलेज के छात्रों और साथ लगते क्षेत्र की जनता को मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की इंडोर स्टेडियम की मांग काफी समय से लंबित थी जिसे पूर्ण किया गया है और इसके लिए उन्होंने क्षेत्र की जनता को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी महाविद्यालय के वार्षिक समारोह में शामिल होने का अवसर उन्हें प्राप्त हुआ था। उन्होंने कहा कि एक समय हिमाचल की साक्षरता दर मात्र 8 प्रतिशत थी जो बढ़कर आज 88 प्रतिशत के करीब पहुँच चुकी है। उस समय प्रदेश भर में केवल एक महाविद्यालय मंडी में स्थित था और आज ये संख्या बढ़कर 152 हो चुकी है।
पिछली सरकार के समय से 152 में से 105 ऐसे महाविद्यालय थे जहाँ प्रिंसिपल नहीं थे लेकिन वर्तमान प्रदेश सरकार प्रिंसिपल के लगभग 80 पद प्रमोशन के माध्यम से भरे। इसके अतिरिक्त, आयोग के माध्यम से भी प्रिंसिपल के पद भरे गए। इसी प्रकार, दुर्गम और पहाड़ी क्षेत्रों में भी रिक्त पदों को भरा गया। उन्होंने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षण संस्थान खुलने से सबसे अधिक लाभ बेटियों को हुआ है।
रोहित ठाकुर ने कहा कि जुब्बल क्षेत्र की जो भी मांगें थी, उन्हें चरणबद्ध तरीके से पूर्ण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरस्वतीनगर बहुउद्देशीय हॉल ऑडिटोरियम का कार्य केवल घोषणा तक सीमित रह गया था और इसके टेंडर भी नहीं लग पा रहे थे। परन्तु वर्तमान सरकार ने सभी औपचारिकताओं को पूर्ण कर टेंडर कर दिया है और शीघ्र 8 करोड़ 36 लाख रुपए की लगत से इसका कार्य पुनः आरम्भ किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, लगभग 3 करोड़ रूपए से शैक्षिक सत्र से पीजी के नए कोर्सेज आरम्भ किये गए है जिसमे छात्र अंग्रेजी, हिंदी और कॉमर्स की पढ़ाई कर सकेंगे और इसके अतिरिक्त बी-वॉक के कोर्स भी आरम्भ किये। इनसे सम्बंधित महाविद्यालय में एक अलग ब्लॉक बनेगा जिसके लिए वित्तीय स्वीकृति विभाग द्वारा दे दी गई है। उन्होंने कहा कि इसका टेंडर भी शीघ्र कर दिया जायेगा और जल्द ही यह कार्य धरातल पर देखने को मिलेंगे।
पिछली भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली पर निशाना साधते हुए खेल मैदान के अधूरे कार्य को लेकर उन्होंने कहा कि जिला शिमला में कुछ ही ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ ऐसे मैदान उपलब्ध हैं और इसे सावड़ा कुड्डु परियोजना के लिए डंपिंग साइट के तौर पर इस्तेमाल करने की बात सामने आई थी और पिछले लगभग 15 वर्षों से यहाँ खेल गतिविधियां बंद पड़ी हैं। उन्होंने कहा कि इस मैदान में खेल गतिविधियां को शुरू करवाना उनकी प्राथमिकता रहेगी।
उन्होंने कहा कि बहुत से शिक्षण संस्थान थे जो पिछले 5 वर्षों से अधर में पड़े थे, उनके कार्य को वर्तमान सरकार ने गति प्रदान की। आईटीआई टिक्कर का 2011 में शिलान्यास हुआ था जिसका कार्य अधर में लटका हुआ था। वर्तमान सरकार ने उसका कार्य पूर्ण करवाकर इसे जनता को समर्पित किया गया।
उन्होने यह भी बताया कि प्रगतिनगर में तकनीकी शिक्षण संस्थान भी पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान से लंबित था, उसकी बी-टेक विंग की ईमारत 28 करोड़ रूपए से तैयार करवाकर जनता को समर्पित की गई है। लगभग 44 करोड़ रूपए की लागत से पॉलिटेक्निक विंग की प्रशासनिक स्वीकृति करवाकर टेंडर लगा दिए गए हैं।
इसके साथ ही आईटीआई जुब्बल जिसकी स्थापना 1970 के दशक में की गई थी, उसके लिए भी 11 करोड़ रूपए का प्रावधान करवा कर कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि कई भवनों के कार्य लगभग पूर्ण हो चुके हैं और कुछ अगले 2 महीने में पूर्ण हो जायेंगे जोकि क्षेत्र के विकास को विशेष कर शिक्षा के क्षेत्र में गति प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि सड़कों के लिए इस विधानसभा क्षेत्र को सबसे अधिक 190 करोड़ रुपए का बजट प्राप्त हुआ है।
एक वर्ष की अवधि के दौरान 73 सड़कों का निर्माण इस क्षेत्र में हुआ है। 66 केवी का सबस्टेशन हाटकोटी में बनकर तैयार हो चुका है और 31 मार्च से पहले यह सौगात क्षेत्र को मिलेगी। इसके अतिरिक्त बहुत से स्कूलों और स्वास्थ्य संस्थानों के भवन के कार्य पिछली सरकार के समय लंबित रहे थे उन्हें गति प्रदान कर पूर्ण करवाया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के भरसक प्रयास किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में यह प्रथम बार हुआ है की प्रदेश के 205 से अधिक शिक्षकों को विदेश भेजा गया है ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में बेहतर सुधार आये।
इस अवसर पर जिला परिषद सदस्य कौशल मुंगटा, हिमफेड के अध्यक्ष भीम सिंह झौटा, कांग्रेस पार्टी के विभिन्न प्रकोष्ठ के पदाधिकारी, लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय के प्रधानाचार्य, राजकीय महाविद्यालय सीमा और टिक्कर के प्रधानाचार्य, अन्य शिक्षक वर्ग, महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं, स्थानीय पंचायत तथा साथ लगती पंचायतों के जनप्रतिनिधि एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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