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शिमला ! विश्व मानवाधिकारी परिषद् :मानव अधिकार/सामाजिक संगठन-है जैसा कि नाम से ही ज्ञात होता है कि यह संगठन मानव अधिकार के प्रचार-प्रसार/मानव अधिकार हनन मामले की रोक-थाम के लिये सरकार की मदद से आम जनता की जनसमस्याओं को शासन प्रशासन तक पहुचॉनें के उददेश्यों को पुरा करने के लिए बनाया गया है। परिषद् का मूल उद्देश्य मानवाधिकार संरक्षण का ज़्यादा से ज़्यादा प्रचार-प्रसार करना है। जिससे आम जनता को अपने अधिकार पता हों सके और जब आम जनता को अपने अधिकार और सामाजिक न्याय के बारे में पता होगा तो लोग सुखमय की ज़िंदगी जी सकेगे,और समाज में खुशहाली जैसा माहौल बना रहेगा । पूरे भारतवर्ष में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में मानवता का संदेश देगे जिससे भारत देश का नाम रोशन हो। राष्ट्रीय और अंर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक हित में कार्य करके राष्ट्रीय एकता स्थापित करना हमारा परम उद्देश्य है। इस परिषद् में समाज के विभिन्न पहलुओं को देखते हुए कई अलग-अलग प्रकोष्ठों का भी गठन किया गया है। संस्थापक सदस्यों जिनमें मुख्यतः राष्ट्रीय अध्यक्ष/संस्थापक /राष्ट्रीय संयोजक/संरक्षक (जिनका चुनाव नहीं होगा), इसके अलावा सभी पदाधिकारियों का कार्यकाल 01 वर्ष का रखा गया है, जिसको समय एवं परिस्थितियों को देखकर घटाया अथवा बढ़ाया जा सकता है। यह परिषद् सेवा-भाव से प्रेरित होकर बनाया गया है। हिमाचल प्रदेश में भी परिषद की टीम सक्रिय रुप से कार्य कर रही है। प्रदेश में हरि सिंह उर्फ हैरी परिषद में बतौर प्रदेशाध्यक्ष अपनी सेवाएं दे रहे हैं।प्रदेशाध्यक्ष हरि सिंह से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में परिषद के कार्य को गति देने के लिए कार्यकारिणी का गठन किया जा रहा है जिसमें जिला मंडी की मंजुला को प्रदेश महासचिव नियुक्त किया है। परिषद के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि आगामी दिनों में परिषद द्वारा अनेकों सामाजिक गतिविधियां की जानी है जिसके लिए वह आम जनता से निवेदन करती है कि परिषद के सदस्यों का सहयोग करें और सामाजिक गतिविधियों में एक आम नागरिक की भांति अपनी भागीदारी दें।
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