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शिमला , 11 अप्रैल [ विशाल सूद ] ! भाजपा के पूर्व मंत्री शिमला संसदीय क्षेत्र प्रभारी एवं विधायक सुखराम चौधरी ने कहा की कांग्रेस राज में जनता परेशान है, लगातार सरकार एक के बाद एक ऐसे निर्णय ले रही है जिससे आम जनता पर परेशानी का दौर बढ़ता चला जा रहा है। कभी स्वास्थ्य सेवाओं को बंद करना और अब स्टांप पेपर बंद कर जनता को सरकार लगातार परेशान कर रही है। उन्होंने कहा की प्रदेश सरकार ने स्टॉंप पेपरों को स्टॉंप वेंडरों के माध्यम से बेचने की पुरानी प्रणाली को पहली अप्रैल से बंद कर दिया है, ऐसे में अब लोगों को अपने काम करवाने के लिए पहले की तरह सीधे वेंडरों के पास से स्टांप पेपर नहीं मिल रहे हैं। पहले से बचे स्टॉक से किसी तरह से काम चला रहे हैं। मगर नए स्टांप जारी न होने से इनकी परेशानी बढ़ गई है। प्रदेश में लगभग 800 स्टॉंप वेडर काम कर रहे हैं। जिनकी रोजी रोटी पर तलवार लटक गई है। यह चिंताजनक विषय है। सरकार के कैबिनेट फैसले के अनुसार पहली अप्रैल से हार्ड प्रति के तौर पर स्टॉप पेपर वेंडरों को नहीं दिए जा रहे हैं। मगर इसका विकल्प क्या होगा इस बारे में कोई भी दिशा निर्देश प्रदेश भर में कार्यरत वेंडरों को नहीं दिए गए हैं। यह बहुत बड़ी लापरवाही है, इस कारण से प्रदेश के वेंडरों के पास लगभग 50 लाख का पुराना स्टॉक भी रूक गया है। जो बिक नहीं रहा है। अधिकारी पुराने स्टॉंप पेपरों को फिजिकल तौर पर अस्वीकार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि सरकार ने यह सारा काम किसी कंपनी को सौंप दिया है। जिसके बारे में कोई स्पष्ट जानकारी लोगों को नहीं है। ऐसे में लोग भी भटक रहे हैं। जरूरी आवश्यक काम रुक गए हैं। उन्होंने कहा की इस निर्णय पर सरकार को एक ठोस नीति का निर्माण करना चाहिए, जिससे जनता को राहत पहुंचे। जिस प्रकार से यह सरकार कंफ्यूज है उसकी प्रकार से इनके निर्णय भी कन्फ्यूजन में लिए जा रहे है।
शिमला , 11 अप्रैल [ विशाल सूद ] ! भाजपा के पूर्व मंत्री शिमला संसदीय क्षेत्र प्रभारी एवं विधायक सुखराम चौधरी ने कहा की कांग्रेस राज में जनता परेशान है, लगातार सरकार एक के बाद एक ऐसे निर्णय ले रही है जिससे आम जनता पर परेशानी का दौर बढ़ता चला जा रहा है। कभी स्वास्थ्य सेवाओं को बंद करना और अब स्टांप पेपर बंद कर जनता को सरकार लगातार परेशान कर रही है।
उन्होंने कहा की प्रदेश सरकार ने स्टॉंप पेपरों को स्टॉंप वेंडरों के माध्यम से बेचने की पुरानी प्रणाली को पहली अप्रैल से बंद कर दिया है, ऐसे में अब लोगों को अपने काम करवाने के लिए पहले की तरह सीधे वेंडरों के पास से स्टांप पेपर नहीं मिल रहे हैं। पहले से बचे स्टॉक से किसी तरह से काम चला रहे हैं।
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मगर नए स्टांप जारी न होने से इनकी परेशानी बढ़ गई है। प्रदेश में लगभग 800 स्टॉंप वेडर काम कर रहे हैं। जिनकी रोजी रोटी पर तलवार लटक गई है। यह चिंताजनक विषय है। सरकार के कैबिनेट फैसले के अनुसार पहली अप्रैल से हार्ड प्रति के तौर पर स्टॉप पेपर वेंडरों को नहीं दिए जा रहे हैं।
मगर इसका विकल्प क्या होगा इस बारे में कोई भी दिशा निर्देश प्रदेश भर में कार्यरत वेंडरों को नहीं दिए गए हैं। यह बहुत बड़ी लापरवाही है, इस कारण से प्रदेश के वेंडरों के पास लगभग 50 लाख का पुराना स्टॉक भी रूक गया है। जो बिक नहीं रहा है।
अधिकारी पुराने स्टॉंप पेपरों को फिजिकल तौर पर अस्वीकार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि सरकार ने यह सारा काम किसी कंपनी को सौंप दिया है। जिसके बारे में कोई स्पष्ट जानकारी लोगों को नहीं है। ऐसे में लोग भी भटक रहे हैं। जरूरी आवश्यक काम रुक गए हैं।
उन्होंने कहा की इस निर्णय पर सरकार को एक ठोस नीति का निर्माण करना चाहिए, जिससे जनता को राहत पहुंचे। जिस प्रकार से यह सरकार कंफ्यूज है उसकी प्रकार से इनके निर्णय भी कन्फ्यूजन में लिए जा रहे है।
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