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शिमला , 06 सितम्बर [ विशाल सूद ] ! चुनावी साल में कर्मचारियों को साधने की कोशिश में लगी जयराम सरकार ने हजारों कर्मचारियों को राहत प्रदान कर दी है। छठे पंजाब वेतन आयोग की सिफारशों के तहत कर्मचारियों को राहत प्रदान करने के मकसद से सरकार ने संशोधित वेतन के भुगतान पर लगी राइडर की शर्त को हटा दिया है। राइडर की शर्त हटने से हजारों कर्मचारियों का वेतन बढ़ेगा। राइडर की शर्त को हटाने के मकसद से सरकार ने वेतन संशोधन को लेकर सिविल सर्विस रुल्स में संशोधन किया है। प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों को छठे पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत संशोधित वेतन दिया है। संशोधित वेतन के भुगतान के मकसद से सरकार ने बीते 3 जनवरी को नियमों में संशोधन किया था। संशोधन के दौरान कर्मचारियों की 89 श्रेणियों को बहुत अधिक वित्तीय लाभ नहीं हुआ। हालांकि इन श्रेणियों के वेतन संशोधन को लेकर कई तरह की पेचीदगियां थी, मगर कर्मचारियों ने उन्हें वेतन संशोधन के फायदे से महरूम रखने का आरोप सरकार पर लगाया। बाकायदा यह मुद्दा विधान सभा के बजट सत्र में भी गूंजा। इसके बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कर्मचारियों से राइडर की शर्त को हटाने की बात कही थी। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद मंगलवार को वित्त विभाग ने संशोधत वेतन के भुगतान बारे फिर से नियमों में संशोधन को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के मुताबिक जनवरी 2022 से पहले नियमित हुए कर्मचारियों को संशोधन का लाभ मिलेगा। मगर वेतन संशोधन का लाभ दो साल की नियमित सेवा के बाद ही मिलेगा। अर्थात अगर कोई कर्मचारी दिसंबर 2021 में नियमित हुआ है तो वह दिसंबर 2023 के बाद संशोधित वेतन लेने का हकदार होगा। अर्थात उसे बढ़ा हुआ वेतन जनवरी 2024 में मिला प्रारंभ होगा।
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