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शिमला ! जुब्बल कोटखाई में बगावत कर आजाद उम्मीदवार लड़े चेतन बरागटा अब शिमला शहर में बीजेपी की मुश्किलें बढाने वाले है। चेतन बरागटा ने नगर निगम शिमला में भी अपने उम्मीदवार उतराने का एलान कर दिया है। शहर के उन वार्डो में चेतन बरागटा अपने उम्मीदवार उतरेगे जहा ऊपरी क्षेत्र की आबादी ज्यादा है। शुक्रवार को शिमला के उप नगर संजौली में महासू वेलफेयर सुसाईटी द्वारा अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया जहा समर्थको ने फूल मालाएं पहना कर स्वागत किया । इस दौरान चेतन बरागटा ने बैठक कर नगर निगम चुनावो को लेकर रणनीति तैयार की। नगर निगम के चुनावों को लेकर टीमो का गठन भी किया गया जोकि शहर में वार्डो में लोगो को आ रही समस्याओं को प्रशासन के सामने उठाने के साथ ही शहर में सामाजिक कार्य रक्तदान शिविर, जरूरतमंदों की मदद करने के साथ ही अन्य कार्य करेगी । चेतन बरागटा ने कहा कि शिमला शहर में जुब्बल नावर कोटखाई के काफी संख्या में शिमला में लोग रहते है और काफी समय से इन लोगो से मिलने का समय नही मिला था और आज बैठक का आयोजन कर आगमी रणनीति बनाई है । इसमे नगर निगम के होने वाले चुनावों और 2022 विधानसभा चुनावों को लेकर चर्चा की गई और ये तह किया गया है कि उनकी टीम नगर निगम के चुनाव भी लड़ेगी ओर शहर में सामाजिक कार्यो में भी अपनी भागीदारी सुनिचित करेगी। उन्होंने कहा कि शिमला शहर के प्रति उनका जो दायित्व है उसे निभाएंगे ओर आने दिनों में रक्तदान शिविर सहित अन्य सामाजिक कार्य करने के साथ ही लोगो की समस्याओं को नगर निगम और जिला प्रशासन के समक्ष उठाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि वे राजनीति में है तो लोगो की आवाज को उठाने का काम करते रहेंगे। वही इस मौके पर उन्होंने बीजेपी पर भी निशाना साधा ओर कहा कि चंडीगढ़ नगर निगम चुनावो में बीजेपी ने पार्षदों की पत्नियों को टिकट दे दी है और उन्हें परिवार की बात कर टिकट नही दिया गया है ये भाजपा के दोहरे मापदंड है। उन्होंने कहा कि गलत टिकट आवंटन की वजह से ही उप चुनाव हारी है। बता दे जुब्बल कोटखाई में उप चुनाव में बीजेपी से टिकट न मिलने पर चेतन बरागटा ने आजाद चुनाव लड़ा था ओर कांग्रेस से हालांकि वो चुनाव हार गए लेकिन उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार की जमानत जफ़्त करवा दी थी वही अब जुब्बल कोटखाई के बाद शिमला शहर में चेतन बरागटा बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा सकते है। शहर में चेतन बरागटा के काफी समर्थन रहते है ऐसे में उम्मीदवार उतराने से नगर निगम चुनाव मुश्किले बढ़ सकती है।
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