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शिमला ! चुनावी खर्चों की जानकारी के लिए अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो निगरानी दल की भूमिका भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसक निर्वहन निरंतर प्रक्रिया के तहत किया जाना आवश्यक है। जुब्बल-कोटखाई उप-चुनाव के लिए नियुक्त व्यय पर्यवेक्षक महेश जिवड़े ने जुब्बल-कोटखाई में सहायक रिटर्निंग अधिकारी, नोडल अधिकारी एवं सैक्टर अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार का खर्च भारत निर्वाचन आयोेग द्वारा निर्धारित सीमा 30 लाख से अधिक न हो। इस संदर्भ में अधिकारियों को सघनता के साथ जांच व निगरानी रखनी आवश्यक है। उन्हांेने कहा कि सभी अधिकारी प्रतिदिन के आधार पर अपनी रिपोर्ट प्रेषित करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि आदर्श चुनाव आचार संहिता की अनुपालना के लिए भारत चुनाव आयोग के आदेशानुरूप तत्परता से कार्य करें। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार के दैनिक व्यय के लेखे का दैनिक रख-रखाव की नियमित जांच की जानी आवश्यक एवं अनिवार्य है। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था को कायम करने के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि उप-चुनाव में शराब के प्रयोग को रोकने तथा धन बल के प्रभाव पर अंकुश लगाने के लिए भी चुनाव आयोग के नियमों के तहत की जाने वाली कार्यवाही के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान बाह्य क्षेत्रों के नाकों और बैरियरों पर पुख्ता निगरानी व जांच दल की तैनाती की जानी आवश्यक है। उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुरूप पुलिस बल की समुचित तैनाती के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि कार्यवाही के दौरान अनियमितताएं पाए जाने पर आयोग के नियमों एवं निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही अमल में लाई जानी आवश्यक है। इस अवसर पर सहायक रिटर्निंग अधिकारी, नोडल अधिकारी, सैक्टर अधिकारी, वीडियो सर्विलेंस टीम के सदस्य, स्टेटिक निगरानी दल, पुलिस के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
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